Siddhivinayak Temple Mumbai online Booking:ऐसा मंदिर है जहां से कभी नहीं जाता कोई भी खाली हाथ

siddhivinayak temple darshan booking:भारत में के प्रसिद्ध मंदिर है जहां लाखों भक्तों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है| पुणे में से एक प्रसिद्ध मंदिर गणपति बप्पा का भी है|इन मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर है| जहां देश विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं| मुंबई के प्रभादेवी में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर देश में स्थित सबसे पूजनीय मंदिर में से एक हैं|

सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश जी को समर्पित है| सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल ने किया था| इस मंदिर में गणपति का दर्शन करने के लिए सभी धर्म और जाति के लोग आते हैं| इस मंदिर के अंदर छोटे मंडपम में भगवान गणेश के सिद्धि विनायक रूप की प्रतिमा प्रतिष्ठित की गई है| सूक्ष्म शिल्प करी से परिपूर्ण गर्भ ग्रह के लकड़ी के दरवाजों पर अष्टविनायक को प्रतिबंधित किया गया है|

Siddhivinayak Temple Mumbai online Booking

हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान गणेश जी की पूजा करने के लिए इस मंदिर में आते हैं| गणेश उत्सव के समय बॉलीवुड और बिजनेसमैन जगत की कई जानी मानी हस्तियां भी इस मंदिर में गणपति बप्पा दर्शन के लिए आते हैं| यदि आप भी सिद्धि विनायक मंदिर में भगवान गणपति का दर्शन प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं तो यहां आने से पहले ऑनलाइन टिकट बुकिंग करवा ले|

अगर मुंबई नगरी में घूमने आ रहे हैं| तो इस मंदिर में दर्शन जरूर कीजिए| क्योंकि गणपति बप्पा सब भक्तों की मुराद पूरी करते हैं| तो हम आपको बताना चाहते हैं कि आप दर्शन करने के लिए आ रहे हैं पहले siddhivinayak temple online booking for darshan टिकट बुकिंग जरूर करवा ले| क्योंकि यहां पर भक्तों की काफी भीड़ लगी रहती है| अगर आपने सिद्धिविनायक मंदिर ऑनलाइन बुकिंग (Siddhivinayak Temple VIP pass) कार्रवाई होगी तो आप आसानी से दर्शन कर सकेंगे|

सिद्धिविनायक मंदिर
सिद्धिविनायक मंदिर

सिद्धिविनायक मंदिर इतिहास

सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 में पूरा हुआ था| लेकिन ऐसी मान्यता है कि इसके निर्माण में लगी धनराशि एक किस महिला ने दी थी| इसलिए बहुत चाहती थी कि जो भी इस मंदिर में अपनी पूरी भक्ति और श्रद्धा से आए तो गणपति बप्पा उसे ऐसा आशीर्वाद दे कि वह महिला बांझ ना रहे|

सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश जी की की सूंड दाईं ओर है, बल्कि जब हम अधिकांश गणपति जी की मूर्तियों को देखते हैं तो उनकी बाईं ओर और नजर आती है| गणपति जी की मूर्ति को एक काले पत्थर से तराशा गया है| जो 2.5 फीट ऊंची और 2 फीट चौड़ी है| भगवान गणेश इस मंदिर में अपनी दोनों पत्नियों रिद्धिऔर सिद्धि के साथ स्थापित किए गए हैं|

Siddhivinayak Temple timings

बुधवार से सोमवार
काकड़ आरती –  सुबह की प्रार्थना: सुबह 5.30 से 6.00 बजे तक
श्री दर्शन- प्रातः 6.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक
नैवेद्य-  दोपहर 12.05 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक
श्री दर्शन-  दोपहर 12.30 बजे से शाम 7.00 बजे तक
शाम की धूप आरती –  शाम 7.00 बजे से 7.10 बजे तक
श्री दर्शन-  शाम 7.10 बजे से 7.20 बजे तक
आरती-संध्या-  संध्या प्रार्थना: सायं 7.30 बजे से 8.00 बजे तक
श्री दर्शन-  रात्रि 8.00 बजे से 9.50 बजे तक
शेजारती –  सोने से पहले दिन की आखिरी आरती: रात 9.50 बजे (शेजाआरती के बाद मंदिर गभारा के दरवाजे बंद रहते हैं)
शेजाआरती के बाद अगली सुबह तक मंदिर पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है।
मंगलवार को समय
श्री दर्शन –  प्रातः दर्शन: प्रातः 3.15 बजे से प्रातः 4.45 बजे तक
काकड़ आरती –  सुबह की प्रार्थना: सुबह 5.00 बजे से 5.30 बजे तक
श्री दर्शन-  प्रातः 5.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक
नैवेद्य-  दोपहर 12.05 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक
श्री दर्शन-  दोपहर 12.30 बजे से शाम 7.00 बजे तक
शाम की धूप आरती –  शाम 7.00 बजे से 7.10 बजे तक
श्री दर्शन- शाम 7.10 बजे से रात 8.45 बजे तक
पूजा एवं आरती- रात्रि प्रार्थना: रात्रि 9.00 बजे से रात्रि 10.10 बजे तक
श्री दर्शन- रात्रि 10.10 बजे से रात्रि 11.30 बजे तक
शेजारती –  सोने से पहले दिन की अंतिम आरती: मध्यरात्रि 11.45 (शेजाआरती के बाद गभारा मंदिर के दरवाजे बंद रहते हैं)
**रात्रि 11.30 बजे भक्तों के लिए दोनों मंदिर चेकपोस्ट के मुख्य द्वार बंद हैं**
गणेश पूजा, आरती के लिए मंदिर के दरवाजे रात 8.45 बजे से 10.10 बजे तक बंद रहेंगे, उस समय दूर से ही गणेश दर्शन संभव होंगे।
विनायकी चतुर्थी
काकड़ आरती –  सुबह की प्रार्थना: सुबह 5.30 से 6.00 बजे तक
श्री दर्शन- प्रातः 6.00 बजे से प्रातः 7.30 बजे तक
अभिषेक, नैवेद्य और पूजा आरती- सुबह 7.30 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक
श्री दर्शन-  दोपहर 1.00 बजे से शाम 7.20 बजे तक
आरती –  शाम की प्रार्थना: शाम 7.30 बजे से 8.00 बजे तक
श्री दर्शन-  रात्रि 8.00 बजे से रात्रि 9.50 बजे तक
शेजारती –  सोने से पहले दिन की आखिरी आरती: रात 9.50 बजे (शेजाआरती के बाद मंदिर गभारा के दरवाजे बंद रहते हैं)
भक्तों को मुख्य मंदिर में सुबह 7.30 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक जाने की अनुमति नहीं है, जब महाअभिषेक किया जाता है। उस दौरान फूलों और फलों की अनुमति नहीं है।
दोपहर 1.00 बजे के बाद दर्शन दैनिक कार्यक्रम के अनुसार मिलेंगे।
संकष्टी चतुर्थी
श्री दर्शन –  प्रातः दर्शन: प्रातः 4.30 से 4.45 बजे तक
काकड़ आरती –  सुबह की प्रार्थना: सुबह 5.00 बजे से 5.30 बजे तक
श्री दर्शन –  प्रातः दर्शन: प्रातः 5.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक
नैवेद्य-  दोपहर 12.05 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक
श्री दर्शन-  दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से रात में चंद्रोदय से 90 मिनट पहले तक
शाम की धूप आरती –  शाम 7.00 बजे से 7.10 बजे तक
चंद्रोदय से 90 मिनट पहले पूजा, अभिषेक, नैवेद्य
आरती – रात में प्रार्थना: चंद्रोदय के बाद (अभिषेक के बाद पूजा)
आरती के बाद लगभग 15 से 20 मिनट बाद शेजारती – –  सोने से पहले दिन की आखिरी आरती
शेजार्ति –  सोने से पहले दिन की अंतिम आरती: चंद्रोदय के बाद 90 मिनट शेजार्ति (शेजाआरती के बाद गभारा मंदिर के दरवाजे बंद रहते हैं)
पूजा, अभिषेक और आरती के समय मंदिर का दरवाजा शाम को चंद्रोदय से 90 मिनट पहले बंद कर दिया जाता है, उस समय दूर से गणेश दर्शन संभव होंगे।
माघी श्री गणेश जयंती
श्री दर्शन –  प्रातः दर्शन: प्रातः 4.00 बजे से 4.45 बजे तक
काकड़ आरती –  सुबह की प्रार्थना: सुबह 5.00 बजे से 5.30 बजे तक
श्री दर्शन-  प्रातः दर्शन: प्रातः 5.30 से 10.45 बजे तक
पूजा, अभिषेक, नैवेद्य और आरती – सुबह 10.45 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक
श्री दर्शन-  दोपहर 1.30 बजे से शाम 7.20 बजे तक
आरती –  शाम को प्रार्थना : शाम 7.30 बजे से 8.00 बजे तक
श्री दर्शन –  रात्रि दर्शन: रात्रि 8.00 बजे से शेजाआरती तक
शेजारती –  सोने से पहले दिन की आखिरी आरती: रथशोभायात्रा समाप्त होने के बाद शेजारती (शेजाआरती के बाद गभारा मंदिर के दरवाजे बंद रहते हैं)
पूजा, नैवेद्य और आरती के लिए सुबह 10.45 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक मंदिर के दरवाजे बंद रहेंगे, उस समय दूर से ही गणेश दर्शन संभव होंगे।
भाद्रपद श्री गणेश चतुर्थी
श्री दर्शन –  प्रातः दर्शन: प्रातः 4.00 बजे से 4.45 बजे तक
काकड़ आरती –  सुबह की प्रार्थना: सुबह 5.00 बजे से 5.30 बजे तक
श्री दर्शन-  प्रातः दर्शन: प्रातः 5.30 बजे से प्रातः 10.45 बजे तक
पूजा, अभिषेक, नैवेद्य और आरती – सुबह 10.45 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक
श्री दर्शन-  दोपहर 1.30 बजे से शाम 7.20 बजे तक
आरती –  शाम को प्रार्थना : 7.30 बजे से 8.00 बजे तक
श्री दर्शन –  रात्रि दर्शन: रात्रि 8.00 बजे से 10.00 बजे तक
शेजाआरती –  सोने से पहले दिन की आखिरी आरती: रात 10.00 बजे (शेजाआरती के बाद मंदिर गभारा के दरवाजे बंद रहते हैं)
पूजा, नैवेद्य और आरती के लिए सुबह 10.45 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक मंदिर के दरवाजे बंद रहेंगे, उस समय दूर से ही गणेश दर्शन संभव होंगे।

सिद्धिविनायक मंदिर की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु सृष्टि की रचना कर रहे थे | भगवान विष्णु को नींद आ गई इसके बाद उनके कानों से  मधु और कैटभ नामक दो राक्षस उत्पन्न हुए. मधु-कैटभ बहुत ही दुष्ट थे| और उसके बाद उन्होंने देवी देवताओं की ऋषि मुनि ने पर अत्याचार करना शुरू कर दिया| अत्याचारों से परेशान होकर सभी लोग भगवान विष्णु जी के पास पहुंचे| और उनसे दोनों राक्षसों का वध करने को कहा देवी देवताओं और ऋषि मुनियों के अगले पर भगवान विष्णु निद्रा से जागे और उन्होंने मधु-कैटभ को मारने का प्रयास किया| लेकिन असफल रहे|

इसके बाद भगवान विष्णु जी ने भगवान शिव से सहायता मांगी| तब भगवान शिव ने कहा कि गणेश जी की मदद के बिना यह कार्य सफल नहीं हो सकता| फिर सब ने मिलकर भगवान गणेश जी का वहन किया और गणेश जी प्रकट हो गए| गणेश जी ने मधु और कैटभ का वध कर दिया| तुम दोनों की मृत्यु के बाद भगवान विष्णु ने एक पर्वत पर मंदिर बनाकर भगवान गणेश की स्थापना की| जगह को सिद्धिटेक और मंदिर को सिद्धिविनायक के नाम से जाना जाता है| इसलिए कहते हैं कि यहां जाने वाले भक्त कवि निराश होकर नहीं आते|

Siddhivinayak Temple Mumbai online Booking

  • Siddhivinayak VIP pass Booking बनवाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा|
  • उसके बाद दर्शन बुकिंग का एक लिंक दिखाई देगा|
  • अब आपको अपना ईमेल और पासवर्ड बनाना होगा|
  • उसके बाद साइन इन पर क्लिक करें| अब आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी,आदि भरिए|
  • अब आपके मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा,उसको भरिए|
  • इस प्रकार आपका ऑनलाइन हो जाएगा|

Siddhivinayak VIP pass Booking

Siddhivinayak Temple VIP pass मोबाइल एप डाउनलोड करके भी बुक कर सकते हैं|

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