sabarimala online darshan booking:भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से सबरीमाला एक है| यहां मंदिर लाखों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं| करीब 800 साल पुराने इस मंदिर में यह मानता इसलिए काफी समय से चल रही थी कि मंदिर के अंदर महिलाओं का प्रवेश नहीं करना दिया जाए|सबरीमाला श्री धर्म संस्था मंदिर, जो भगवान अय्यप्पा को समर्पित है केरल के सभी संस्था मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध और उल्लेखनीय है| समुद्र यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3000 फीट की ऊंचाई पर है| सबरीमाला मंदिर पहाड़ी की चोटी के नाम है जो केरल के पथानामथिट्टा में स्थित है।
भारतीय राज्य केरल में सबरीमाला अय्यप्पा स्वामी का प्रसिद्ध मंदिर है| जहां विश्व भर से लोग शिव के इस पुत्र के मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं| इस मंदिर के पास मकर संक्रांति की रात यहां एक ज्योति दिखती है| इस ज्योति के दर्शन के लिए दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु हर साल आते हैं| सबरीमाला नाम शबरी के नाम से पड़ा है| वहीं शबरी जिसे भगवान राम को झूठे फल खिलाए थे|
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लोग सबरीमाला मंदिर में जाना चाहते हैं बिना किसी झंझट के प्रवेश करने के लिए उन्हें पहले Sabarimala free darshan online booking टिकट खरीदना होगा|श्रद्धालुओं की भारी संख्या के कारण कुछ लोग भगवान अय्यप्पा प्ले दर्शन नहीं कर पाते| लिए रुद्राक्ष के स्थान के तीर्थ यात्रियों को से बचने में मदद करने के लिए सबरीमाला मंदिर ट्रस्ट ने एक ऑनलाइन दर्शन टिकट की शुरुआत की है|जिसे आप सबरीमाला मंदिर ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन टिकट खरीद सकते हैं|
अगर आप सबरीमाला मंदिर में आने का सोच रहे हैं| हम आपको बताना चाहते हैं कि घर से आने से पहले आप Sabarimala Darshan Online Booking टिकट ऑनलाइन खरीद ले|अपने सबरीमाला मंदिर दर्शन के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदा होगा तो आपकी समय की बचत होगी| और आप आसानी से सबरीमाला मंदिर के दर्शन कर सकेंगे| इसीलिए हम सभी भक्तों को यह सलाह देते हैं कि आप सबरीमाला मंदिर आने से पहले जरूर Sabarimala Online darshan ticket booking ले|
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सबरीमाला मंदिर जाने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। सबरीमाला में बिना वर्चुअल कतार बुकिंग के आने वाले तीर्थयात्री भगवान अयप्पा मंदिर में बिना किसी रोक के दर्शन कर सकेंगे। भारी विरोध के चलते पिनाराई विजयन सरकार ने आगामी तीर्थयात्रा सीजन के लिए विशेष रूप से ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से दर्शन देने के अपने पूर्व फैसले को बदल दिया है।
केरल सरकार ने मंगलवार को कहा कि सबरीमाला में बिना वर्चुअल कतार बुकिंग के आने वाले तीर्थयात्री भगवान अयप्पा मंदिर में निर्बाध दर्शन कर सकेंगे। भारी विरोध के चलते पिनाराई विजयन सरकार ने आगामी तीर्थयात्रा सीजन के लिए विशेष रूप से ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से दर्शन देने के अपने पूर्व फैसले को बदल दिया।
सबरीमाला मंदिर पूजा का समय
गर्भगृह के खुलने अभिषेक | सुबह 3 बजे |
गणपति होमम | 3.30 पूर्वाह |
नेय्यभिषेकम | 3.30 से 7.00 पूर्वाह तक |
उषा पूजा | 7.30 बजे |
नेय्यभिषेकम | 8.30 से 10 पूर्वाह |
नेय्यभिषेकम / नेय्यभिषेकम में जमा घी का उपयोग | 11.10 पूर्वाह |
अष्टाभिषेकम | 11.00 बजे से 11.30 बजे तक |
मध्याह्न पूजा | दोपहर 12.30 बजे |
गर्भगृह का समापन | दोपहर 1.00 बजे |
संध्या | |
गर्भगृह का उद्धाटन | दोपहर के 3.00 बजे |
दीपाराधना | 6.30 बजे |
पुष्पाभिकम | 7.00 से 9.30 तक |
अत्ताष़ा पूजा | 9.30 बजे से |
हरिवरासनम / गर्भगृह का समापन | 11.00 बजे |
सबरीमाला मंदिर का इतिहास
भगवान अय्यप्पा के पिता शिव और पार्वती मोहिनी है| विष्णु का मोहिनी रूप देखकर भगवान शिव का वीर्यपात हो गया था| उनके वीर्य नामक पुत्र का जन्म हुआ| जिन्हें दक्षिण भारत में अय्यप्पा कहां गया| शिव और विष्णु से उत्पन्न होने के कारण उनको हरिहर पुत्र कहा जाता है|
धर्म ग्रंथ के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भोलेनाथ भगवान विष्णु के मोहिनी रूप और मोहित हो गए थे| इसी के प्रभाव से एक बच्चे का जन्म हुआ जिसे उन्होंने पांपा नदी के तट पर छोड़ दिया| इस दौरान राजा राजशेखर 12 सालों तक पालकर बड़ा किया|
सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले को देते हुए सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिला को प्रवेश और पूजा करने इजाजत दे दी है। इसके पहले यहां 10 साल की बच्चियों से लेकर 50 साल तक की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी थी।
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सबरीमाला में वार्षिक मंडलम-मकरविलक्कू तीर्थयात्रा शुरू होने में बस एक महीना बाकी है|इसलिए केरल सरकार ने शनिवार को कहा कि इस साल तीर्थयात्रियों को केवल ऑनलाइन बुकिंग के ज़रिए ही अनुमति दी जाएगी और भगवान अयप्पा मंदिर में प्रतिदिन अधिकतम 80,000 लोगों को दर्शन की अनुमति दी जाएगी सीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि वर्चुअल क्यू बुकिंग के समय तीर्थयात्रियों को अपना यात्रा मार्ग चुनने का भी मौका मिलेगा। इसमें कहा गया है कि आगामी तीर्थयात्रा सीजन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में एक मूल्यांकन बैठक के दौरान ये निर्णय लिए गए।
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सबरीमाला मंदिर का प्रशासन करने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने आगामी तीर्थयात्रा सीजन के लिए दर्शन को केवल ऑनलाइन बुकिंग तक सीमित करने के अपने पहले के फैसले को संशोधित किया है। इस बदलाव के तहत, ऑनलाइन बुकिंग की संख्या 80,000 से घटाकर 70,000 कर दी गई है। बुधवार को लॉन्च की गई बोर्ड की बुकिंग वेबसाइट पर अपडेट की गई सीमा दिखाई गई है।
बताया गया है कि शेष 10,000 स्लॉट इदाथावलम (विश्राम स्थल) पर स्थापित कियोस्क के माध्यम से स्पॉट बुकिंग के लिए उपलब्ध होंगे, जो अयप्पा भक्तों के लिए बिना पूर्व बुकिंग के आते हैं। हालांकि, देवस्वोम बोर्ड के सदस्यों और अधिकारियों ने इसे स्पष्ट रूप से “स्पॉट बुकिंग” कहने से परहेज किया है। इसके बजाय, वे अपने पिछले रुख को दोहरा रहे हैं कि उचित अनुष्ठान करने के बाद सबरीमाला आने वाले किसी भी भक्त को दर्शन से वंचित नहीं किया जाएगा।
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- Sabarimala Online registration के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा|
- रजिस्टर्ड लिंक पर क्लिक करें|रजिस्ट्रेशन फॉर्म स्क्रीन अब खुल जाएगा|
- अब नाम मोबाइल नंबर पता पिन कोड जैसे आवश्यक विवरण भरे|
- इसके बाद पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करें|
- अब घोषणा स्वीकार करने के लिए जारी बटन पर क्लिक करें|
- अब आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा|
- ओटीपी नंबर कॉलम में डालिए|
- इस प्रकार आप सबरीमाला मंदिर दर्शन टिकट बुकिंग के लिए लॉगिन सकते हैं|
how to book sabarimala darshan ticket online
- Sabarimala Virtual queue slot booking आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा|
- यदि आपने पहले पंजीकरण किया है तो आपका उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दर्ज करें|
- तीर्थयात्री के अंतर्गत, स्लॉट बुक करने के लिए तिथि पर क्लिक करें।
- समय दर्ज करें और जारी बटन पर क्लिक करें| जानकारी दोबारा जानते और सबमिट बटन पर क्लिक करें|
- आप अपनी अन्य जानकारी दोबारा जांचें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
- भुगतान करने के लिए एक मोड़ का चुनाव करना होगा|
- जैसे कि ई वॉलेट पेटीएम क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड में से किसी एक चुनाव करिए|
- अब आपके मोबाइल नंबर पर पुष्टिकरण का संदेश भेज दिया जाएगा
- इसके बाद टिकट को डाउनलोड करें या प्रिंटआउट निकाल ले|
अयप्पा कौन से भगवान को बोलते हैं?
स्वामी अयप्पा भगवान शिव और श्री विष्णु के पुत्र हैं. मान्यता हैं समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान विष्णु ने मोहनी रूप धारण किया तब शिव जी उनपर मोहित हो गए और उनका वीर्यपात हो गया. इसके प्रभाव से स्वामी अयप्पा का जन्म हुआ. इसलिए अयप्पा देव को हरिहरन भी कहा जाता है.
अयप्पा किसका देवता है?
अय्यपा हिंदू देवता हैं। वे विकास के देवता माने जाते हैं और केरल में विशेष रूप से पूज्य हैं।
अयप्पा किसका बेटा था?
भगवान अयप्पा को भगवान शिव और भगवान विष्णु का पुत्र माना जाता है, जिनका जन्म राक्षसी महिषी को हराने के लिए हुआ था।