Neem Karoli Baba Ashram Kainchi Dham Tickets Booking Online:उत्तराखंड में कई ऐसे धार्मिक स्थल है जो देश में जाने जाते हैं नैनीताल के पास धाम इनमें से एक है जहां बाबा नीम करोली का आश्रम है और हनुमान मंदिर मौजूद है| जिसके दर्शन करने के लिए दूर दूर से लोग यहां पर आते हैं|अगर आप भी कैंची धाम नीम करोली बाबा के आश्रम आना चाहते हैं तो हम आपको बताएंगे कि आप किस प्रकार Kainchi Dham Tickets Online Booking कर सकते हैं
भारत में अपनी धार्मिक मान्यताओं और आस्था के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां कई सारे मंदिर और तीर्थ स्थल मौजूद हैं, जिनके दर्शन करने देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। उत्तराखंड में मौजूद नीब करौली बाबा (Kainchi Dham History) का आश्रम इन्हीं जगहों में से एक है, जहां लगभग रोजाना ही भारी संख्या में लोग दर्शन के लिए जाते हैं।
Kainchi Dham Tickets Online Booking
नीम करोली बाबा आश्रम , जिसे कैंची धाम के नाम से भी जाना जाता है, उत्तराखंड की शांत कुमाऊँ पहाड़ियों में नैनीताल से लगभग 38 किलोमीटर दूर स्थित एक पूजनीय हिंदू आध्यात्मिक स्थल है । इस आश्रम की स्थापना नीम करोली बाबा , जिन्हें महाराज जी के नाम से भी जाना जाता है , ने की थी , जो एक रहस्यवादी संत और भगवान हनुमान के परम भक्त थे ।
आश्रम को वैश्विक मान्यता प्राप्त हो गई है और यहां नियमित रूप से आध्यात्मिक साधक, संत और मशहूर हस्तियां आती हैं – जिनमें विराट कोहली और अनुष्का शर्मा भी शामिल हैं – जो आशीर्वाद, शांति और आत्म-खोज की तलाश में आते हैं।
क्यों खास है कैंची धाम?
कैंची धाम एक मशहूर आश्रम है, जो नीब करौली बाबा की वजह से जाना जाता है। असल में इसका नाम नीब करौरी आश्रम है, लेकिन आम बोलचाल में इसे नीम करौली बोला जाने लगा है। यह आश्रम नैनीताल से करीब 17 किलोमीटर और भवाली से 9 किलोमीटर दूर स्थित है और इसकी आश्रम को 1960 के दशक में उस दौर के जाने-माने आध्यात्मिक गुरु नीब करोली बाबा ने बनवाया था। 15 जून, 1964 को नीब करौली बाबा (Neem Karoli Baba Ashram Significance) और उनके भक्तों से इस आश्रम को बनाया था।
बाबा को महाराज जी के नाम से भी जाना जाता था और कई लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं। इस मंदिर में नीब करौली बाबा के साथ-साथ हनुमान जी, राम-सीता समेत अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं। वह हनुमान जी के परम भक्त थे औक उन्होंने अपनी जीवनकाल में हनुमान जी के कई मंदिरों को बनवाया था।
कौन थे नीब करौली बाबा?
नीब करौली बाबा, जिन्हें उनके भक्त महाराजजी के नाम से जानते हैं, का जन्म उत्तर प्रदेश (भारत) के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में एक धनी ब्राह्मण जमीदार परिवार में हुआ था। उनका नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था और 11 साल की उम्र में भी उनकी शादी हो गई थी। हालांकि, शादी के तुरंत बाद वह घर छोड़कर गुजरात चले गए और पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर घूमते रहे। अपने पूरे जीवनकाल में कई चमत्कार किए और लोगों को जीवन जीने की राह दिखाई।
उन्होंने दो आश्रम भी बनवाएं, जिनमें से एक उत्तराखंड के नैनीताल जिले के कैंची में और दूसरा उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन में। उन्होंने वृंदावन को अपनी महासमाधि के लिए चुना। 10 सितंबर को आगरा पहुंचने के बाद वह तुरंत वृंदावन के लिए रवाना हो गए, जहां 11 सितंबर 1973 को उन्होंने महासमाधि ली।
कैंची धाम आश्रम और मंदिर दर्शन का समय 2025
दिन | खुलने का समय | बंद करने का समय | टिप्पणी |
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सोमवार | 06:45 पूर्वाह्न | 08:00 अपराह्न | कोई भोजन नहीं परोसा गया |
मंगलवार | 06:45 पूर्वाह्न | 09:00 बजे | आरती के बाद कीर्तन, रात्रि भोजन |
बुधवार | 06:45 पूर्वाह्न | 08:00 अपराह्न | कोई भोजन नहीं परोसा गया |
गुरुवार | 06:45 पूर्वाह्न | 08:00 अपराह्न | कोई भोजन नहीं परोसा गया |
शुक्रवार | 06:45 पूर्वाह्न | 08:00 अपराह्न | दोपहर 12:30 बजे दोपहर का भोजन |
शनिवार | 06:45 पूर्वाह्न | 08:00 अपराह्न | दोपहर 12:30 बजे दोपहर का भोजन |
रविवार | 06:45 पूर्वाह्न | 08:00 अपराह्न | दोपहर 12:30 बजे दोपहर का भोजन |
आरती और कीर्तन कार्यक्रम
धार्मिक संस्कार | समय | जगह |
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प्रातःकालीन आरती (दर्शन हॉल) | सुबह 6:45 बजे | बाबा का दर्शन हॉल |
प्रातः आरती (मंदिर) | 7.00 ए एम | हनुमान मंदिर |
सायंकालीन आरती (दर्शन हॉल) | शाम 6:45 बजे | बाबा का दर्शन हॉल |
शाम की आरती (मंदिर) | शाम 7:00 बजे | हनुमान मंदिर |
मंगलवार रात्रि कीर्तन | आरती के बाद रात्रि 9:00 बजे तक | मंदिर परिसर |
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