Puri Jagannath Temple special darshan tickets:भारत के जाने माने मंदिरों में से जगन्नाथ पुरी का मंदिर उनमें से एक है| उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में सिर्फ रथ यात्रा ही नहीं बल्कि साल भर भक्तों की भीड़ रहती है| इसी समस्या देखते हुए जगन्नाथ पुरी मंदिर ट्रस्ट Jagannath Puri VIP Darshan Online Booking सुविधा शुरू कर दी है| अगर आप पुरी के जगन्नाथ मंदिर में आने सोच रहे हैं आप घर बैठे ऑनलाइन Jagannath Puri Darshan ticket बुकिंग करवा सकते हैं|
खास तौर पर दुर्गा पूजा के समय पश्चिम बंगाल से काफी संख्या में पर्यटक पुरी का रूप करते हैं| अब तक भक्तों से कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता था| मंदिर में प्रवेश करने के लिए भक्तों को प्रवेश शुल्क देना पड़ेगा अल्लाह की यह नियम नया नहीं है 7 साल पहले भी मंदिर में यह नियम लागू था| जिसे एक बार फिर लागू कर दिया गया है|अगर आप पुरी के जगन्नाथ मंदिर में आने का सोच रहे हैं तो आप मंदिर आने से पहले Jagannath Puri Darshan Booking Online बुकिंग करवा ले|
Jagannath Puri Darshan Booking Online
जगन्नाथ पुरी का मंदिर यह भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान जगन्नाथ को समर्पित है| जिसका निर्माण मूल रूप से 1198 ईसा पूर्व हुआ था| के मंदिर गैर हिंदुओं के लिए खुला नहीं है यह दो दीवारों और 190 फीट के शिखर से घिरा हुआ है| विष्णु का चक्कर के आकार का सुदर्शन लगा हुआ है| मंदिर के मुख्य देवता भगवान जगन्नाथ को बड़ी सफेद आंखों काले रंग के में चित्रित किया गया है|मूर्ति की देखभाल नियमित रूप से उसके कपड़े बदलकर की जाती है। मंदिर का प्रवेश द्वार संयोग से प्रसिद्ध रथ यात्रा का मार्ग भी है|
वार्षिक रथ जुलूस जिसमें भगवान की मूर्ति को हजार भक्तों से गिरे हुए सड़कों पर ले जाया जाता है| मंदिर में भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र की मूर्तियां भी है| मंदिर में प्रवेश निशुल्क है और जगन्नाथ मंदिर दर्शन का समय प्रातः 5:00 से रात्रि 10:00 सभी भक्तों को निशुल्क दर्शन की सुविधा है|लेकिन आप कोई विशेष पूजा बुकिंग करना चाहते हैं आप सीधे मंदिर टिकट काउंटर ऐसा कर सकते हैं|
Jagannath Puri VIP Darshan Online Booking
शहर | पुरी |
राज्य | ओडिशा |
क्षेत्र | दक्षिण |
देश | भारत |
देवताओं | ओडिशा |
Puri Jagannath Temple special darshan tickets
मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए फिलहाल भक्तों को कोई प्रवेश शुल्क नहीं देना पड़ता भक्ति मंदिर के गर्भ ग्रह में भीतर कथा बाहर जाकर भगवान जगन्नाथ बलराम और सुभद्रा के दर्शन कर पाते हैं| लाफिंग अब इसी नियम में परिवर्तन किया जा रहा है जो भक्त मंदिर के अंदर गर्भ ग्रह में जाकर भगवान के दर्शन करना चाहते हैं उन्हें टिकट खरीदना पड़ेगा| लेकिन जो भगत बाहर से ही भगवान के दर्शन करना चाहते हैं उनके लिए निशुल्क दर्शन की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी|
मंदिर प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 7 साल पहले तक मंदिर के अंदर गर्भ ग्रह में भीतर कथा और बाहर नामक स्थान पर भक्तों को करने के लिए निर्धारित शुल्क टिकट खरीदना पड़ता था|भक्त इस स्थान से प्रभु जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के दर्शन एकदम सामने से कर पाते थे।
मंदिर के गर्भ ग्रह के अंदर अंदर कथा नाम की यह भगवान जगन्नाथ बलराम सुभद्रा की मूर्तियों से महल 30 फीट की दूरी पर है| यानी 30 फीट की दूरी से भक्त भगवान के दर्शन कर पाते हैं| लेकिन यह व्यवस्था दिन भर लागू नहीं होती है के खास समय पर मंदिर के गर्भ ग्रह में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है|
जगन्नाथ मंदिर का समय
दिन | सुबह | शाम |
---|---|---|
सोमवार से रविवार | सुबह 5 बजे | रात के 10 बजे |
जगन्नाथ पुरी मंदिर दर्शन का समय
समय प्रकार | समय | दिन |
मंदिर का समय | प्रातः 3:00 बजे से 12:00 बजे तक | सोमवार रविवार |
दर्शन का समय | प्रातः 4:00 बजे से रात्रि 11:30 बजे तक | |
दर्श अवधि | कार्यदिवसों के दौरान 30 मिनट।सप्ताहांत के दौरान 45 से 60 मिनट।त्योहार के दिनों में 2 से 3 घंटे | साप्ताहिक |
Puri VIP darshan ticket price
जगन्नाथ पुरी मंदिर के दर्शन हर दिन सुबह 5:00 से लेकर बजे तक किए जा सकते हैं यह मंदिर केवल दोपहर में ही बंद किया जाता है फिर महत्वपूर्ण अनुष्ठान आयोजन और दर्शन शुरू हो जाते हैं| जगन्नाथ पुरी मंदिर VIP टिकट खरीद रहे हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें
- जगन्नाथ पुरी में सामान्य दर्शन निशुल्क है लेकिन विशेष अवसरों और त्योहार पर इसका शुल्क केवल 10 रुपए होगा|
- जगन्नाथ पुरी मंदिर में वीआईपी टिकट प्रति व्यक्ति 100 रुपए है|
- VIP टिकट प्रवेश द्वार पर मंदिर टिकट काउंटर पर बुक किया जाता है|
जगन्नाथ पुरी मंदिर दर्शन बुकिंग ऑनलाइन से क्या क्या फायदा मिलेगा
अगर भक्त गर्भ ग्रह के बाहर से ही भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर सकता है तो वह प्रवेश टिकट क्यों खरीदेगा|
- भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए घंटों लाइन लगाकर खड़ा रहना पड़ता है| कई बार दर्शन करने में 4 घंटे भी लग जाते हैं| टिकट खरीद कर दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या कम रहेगी इसलिए संभावना है कि भक्त आराम से और जल्दी भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर सकेंगे|
- संभव है की टिकट व्यवस्था के फिर से शुरू हो जाने से आम भक्तों को गर्भ ग्रह में प्रवेश दिया जाए इसलिए आम आदमी टिकट लेकर जाएंगे उन्हें ही गर्भ ग्रह के भीतर कथा में जाकर दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी|
- आम भक्तों को चलते चलते ही भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने पड़ते हैं लेकिन टिकट लेकर दर्शन करने के लिए जाने वाले भक्तों को 2 से 4 मिनट रुक कर भगवान जगन्नाथ बलराम और सुभद्रा के दर्शन करने का मौका मिलेगा|
- आपको बता दें कि आम दिनों में पूरी के जगन्नाथ मंदिर में करीब 50000 भक्त दर्शन के लिए आते हैं लेकिन उत्सव के मौका पर यह संख्या दोगुनी हो जाती है|
Jagannath Puri VIP Darshan Online Booking
- जगन्नाथ पुरी मंदिर दर्शन बुकिंग ऑनलाइन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा|
- आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद दर्शन का एक लिंक दिखाई देगा|उसे लिंक पर क्लिक करें|
- उसके बाद पूछी गई जानकारी कब आ रही है|अब कंटिन्यू बटन पर क्लिक करें|
- इस प्रकार आप घर बैठे ऑनलाइन जगन्नाथ पुरी मंदिर दर्शन बुकिंग ऑनलाइन कर सकते हैं|
puri jagannath temple accommodation online booking
- जगन्नाथ पुरी में ऑनलाइन कमरा बुक करने के लिए ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा|
- ऑफिशल वेबसाइट जाने के बाद गेस्ट हाउस ऑनलाइन बुकिंग का लिंक दिखाई देगा|
- उसे पर लिंग पर क्लिक करें| हम आपके सामने गेस्ट हाउस की लिस्ट खुलेगी|
- इनमें से किसी एक का चयन करें| उसके बाद अपना नाम पता आधार कार्ड नंबर डालिए| और सबमिट कर दीजिए|
- इस प्रकार आप घर बैठे ऑनलाइन पुरी जगरनाथ मंदिर गेस्ट हाउस फैसिलिटी बुक कर सकते हैं|
जगन्नाथ मंदिर का चमत्कार क्या है?
कहा जाता है कि मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी या हवाई जहाज नहीं उड़ता है। इसके अलावा जिस दिशा में हवा चलती है, पुरी मंदिर पर लगा झंडा उस दिशा के ठीक उल्टा फहरता है। कहा जाता है कि गरुड़ पक्षी, जिन्हें पक्षियों का राजा माना गया है वह खुद भगवान की देखरेख करते हैं।
जगन्नाथ पुरी में क्या खास है?
यह वैष्णव सम्प्रदाय का मन्दिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मन्दिर का वार्षिक रथ यात्रा उत्सव प्रसिद्ध है। इसमें मन्दिर के तीनों मुख्य देवता, भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भ्राता बलभद्र और भगिनी सुभद्रा तीनों, तीन अलग-अलग भव्य और सुसज्जित रथों में विराजमान होकर नगर की यात्रा को निकलते हैं।
जगन्नाथ पुरी मंदिर का रहस्य क्या है?
ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु जी ने जब शरीर के शरीर त्याग करने के बाद, उनका अंतिम संस्कार किया गया, तब शरीर के एक हिस्से को छोड़ उनका सारा शरीर पंच तत्व में मिल गया। कहते हैं भगवान श्री कृष्ण का दिल उस दौरान धड़क रहा था, जो आज भी भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा के अंदर सुरक्षित है।