इस ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव के पसीने से निकली है नदी जानिए कैसे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की स्थापना

Bhimashankar Jyotirlinga Darshan:भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग स्थापित शिवलिंग काफी बड़ा और मोटा है जिसके कारण इस मंदिर को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है|शिव और कुंभकरण के बेटे ज्योतिर्लिंग का गहरा संबंध है| भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के रोचक तथ्य इतिहास bhimashankar jyotirlinga temple booking जानकारी

12 ज्योतिर्लिंगों में से भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का छठा स्थान आता है|महाराष्ट्र से थोड़ी दूरी सहाद्रि नामक पर्वत भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का संबंध रावण के भाई कुंभकरण के बेटे से है|शिव पुराण में आलेख मिलता है भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में सूर्य उदय के बाद जो सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा अर्चना करता है उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है|

मंदिर के पास ही भीमा नदी बहती है जो कृष्णा नदी में जाकर मिलती है परंतु क्या आप जानते हैं कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का क्या धार्मिक महत्व है साथ ही ज्योतिर्लिंग की स्थापना के पीछे क्या धार्मिक कथा है यदि नहीं तो आगे हम जानते हैं|

Bhimashankar Jyotirlinga Darshan Booking

इस ज्योतिर्लिंग में दिन के अवसर और समय के अनुसार विशेष पूजा की जाती हैं|विशेष रूप से दैनिक पूजा वार्षिक पूजा अन्य प्रकार की पूजा की शामिल हैं|अगर आप भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में दर्शन करने के लिए आ रहे हैं| तो आप भी में विशेष पूजा में शामिल हो सकते हैं|विशेष पूजा में शामिल होने के लिए Bhimashankar Temple Pooja Booking करवा सकते हैं|

हम आपको बताना चाहते हैं कि अगर आप भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में आने का प्लान बना रहे हैं|तो आप Bhimashankar temple Darshan Booking करवा ले|आपने Bhimashankar VIP pass Online Booking कार्रवाई होगी तो आप आसानी से दर्शन कर सकेंगे|क्योंकि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में साल भर भक्तों का मेला सा लगा रहता है| इसलिए दर्शन करने के लिए काफी समय लगता है|इसलिए मंदिर ट्रस्ट के द्वारा भीमाशंकर दर्शन टिकट बुकिंग जारी कर दी है| जिससे आप भीमाशंकर Vip pass बनाकर आसानी से दर्शन कर सकेंगे|

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग पूजा का समय

दिनमंदिर दर्शन/पूजा/अभिषेक/आरतीमंदिर का समय
सोमवार से रविवारकाकड़ा आरती04:30
सोमवार से रविवारनिजरूप दर्शन05:00
सोमवार से रविवारनियमित पूजा, अभिषेक प्रारंभ05:30
सोमवार से रविवारनैवेद्य पूजा (अंदर कोई अभिषेक नहीं)12:00
सोमवार से रविवारनियमित पूजा, अभिषेक प्रारंभ12:30
सोमवार से रविवारमध्यान आरती (45 मिनट तक कोई दर्शन नहीं)15:00
सोमवार से रविवारश्रृंगार दर्शन (अंदर कोई अभिषेक नहीं)16:00 से 21:30 तक
सोमवार से रविवारआरती19:30
सोमवार से रविवारमंदिर बंद21:30

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का इतिहास

शिवपुराण (Shiv Purana) में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (Bhimashankar Jyotirlinga) की कथा आती है| जिसके मुताबिक कुंभकर्ण के पुत्र भीमा का जन्म अपने पिता की मृत्यु के बाद हुआ था|जब उसे यह पचा चला कि उसके पता का वध श्रीराम ने किया था तो उसके अंदर बदले की भावना उत्पन्न हो गई|

इस ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिव पुराण में किया गया है इसके अनुसार कुंभकरण के पुत्र भीम था जो राक्षस था| भीम का जन्म पिता की मृत्यु के बाद हुआ था| उसकी पिता की मृत्यु भगवान राम के हाथों हुई थी| लेकिन जानकारी उसे नहीं थी लेकिन बाद में उसकी माता ने उसकी पिता की मृत्यु के बारे में सब बता दिया सब जानने के बाद भगवान राम की हत्या के लिए आतुर हो गया मैं हर हाल में राम जी को मारना चाहता था ऐसे में उसने अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की|

उसकी तपस्या से खुश होकर ब्रह्मा जी ने उसे विजई होने का वरदान दिया जैसे ही उसे वरदान मिला वह राक्षस तानाशाह यानी निरंकुश हो गया|मनुष्य के साथ साथ देवताओं को भी डरने लगा और उससे सभी भयभीत रहने लगे युद्ध के दौरान उसने सभी देवताओं को हराना शुरू कर दिया|

इससे सभी देवगन परेशान थे इसी परेशानी का हल लेने के लिए वह भगवान शिव की शरण में गए शिव जी ने उन्हें आश्वासन दिया की समस्या का हल निकालेंगे शिव जी ने राक्षस से युद्ध करने का निर्णय लिया शिवजी ने भी रक्षक को हरा दिया सभी देव देवताओं ने शिव जी से आग्रह किया कि वह ज्योतिर्लिंग के रूप से स्थान पर विराजित रहें स्वीकार किया और भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए|

इसके अलावा पुराणों में यह भी उल्लेख है कि राक्षस भीमा और भगवान शंकर के बीच हुई लड़ाई से भगवान शिव के शरीर से निकले पसीने की बूंद से ही भीमारथी नदी का निर्माण हुआ है|

Bhimashankar temple Darshan Booking

  • भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए आपको मंदिर के पास टिकट काउंटर पर भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग ऑनलाइन VIP पास मिल जाएगा|
  • अन्य प्रकार की पूजा भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग रुद्राभिषेक भी आप बुकिंग करवा सकते हैं|

Leave a Comment

जानिए दिलजीत दोसांझ इंडिया टूर कौन से शहरों में है, टिकट कीमत Kalka To Shimla Toy Train Booking online आज तक कोई इस कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ पाया मणि के दर्शन कैलाश पर्वत पर