Qutub Minar ticket online:कुतुब मीनार दिल्ली की ऐतिहासिक स्मारक है| और देश के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक है| दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में कुतुब कॉम्प्लेक्स में स्थित, यह 72.5 मीटर (238 फीट) ऊंची मीनार या विजय टॉवर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और यह प्रारंभिक इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का एक असाधारण उदाहरण है।आईए जानते हैं अनार के इतिहास और रोचक तथ्य और आप किस प्रकार ऑनलाइन टिकट बुकिंग कर सकते हैं|
अगर आप भी कुतुब मीनार देखने गए हैं या फिर जाने वाले हैं तो यहां एक दरवाजा है जो काफी समय से बंद है| कुतुब मीनार को दुनिया की सबसे ऊंची इमारत में गिना जाता है|यह दुनिया का सबसे ऊंचा ईंटों से बना टावर होने का दावा करता है| और 800 वर्षों से अधिक ऐसा ही बना हुआ है|इसकी खूबसूरती के लोग इतने दीवाने हैं कि आज भी यहां पर्यटक इसे देखने के लिए देश और प्रदेश से आते हैं|
Qutub Minar Ticket Online
अगर आपको कुतुब मीनार में आने का सोच रहे हैं तो हम आपको बताना चाहते हैं कि आप यहां आने से पहले तुम न के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग कर सकते हैं| ऑनलाइन प्रक्रिया होने से आपके लिए सुविधा हो गई| आपको कुतुब मीनार में एंट्री के लिए टिकट लेने की जरूरत होती है| लेकिन अब आपको लंबी लाइनों में टिकट लेने के लिए लगा नहीं पड़ेगा| अब आप घर बैठे ऑनलाइन के लिए कुतुब मीनार ऑनलाइन टिकट खरीद सकते हैं
कुतुब मीनार का इतिहास
कुतुब मीनार सन 1199 से 1220 में बनाया गया था| इसे बनवाने की कुतुब-उद-दीन-ऐबक ने दिल्ली के अंतिम हिंदू शासक को हराने के बाद विजय मीनार के रूप में बनवाया था।स्मारक का नाम उनके नाम पर रखा गया|मीनार के आसपास काफी खूबसूरत गार्डन है के साथ यहां पर लालजी दिन का मदरसा भी है|हालांकि में अपने शासनकाल के दौरान मीनार का केवल तहखाना और पहली मंजिल ही बना पाए थे|
बाद में उनके दामाद और शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने 1220 में मीनारों में तीन और मंजिलें जोड़ दीं। लेकिन 1369 बिजली गिरने से कुतुब मीनार की सबसे ऊपरी मंजिल हो गई| इसे फिरोज शाह तुगलक ने फिर से बनवाया, जिन्होंने मीनार की पांचवीं और अंतिम मंजिल भी बनवाई। कुतुब मीनार का प्रवेश द्वार शेर शाह सूरी ने बनवाया था।
1505 में आए मैं मीनार को बर्बाद कर दिया| सुंदर लोधी ने संगमरमर से इसकी ऊपरी दो मंजिलों का पुनर्निर्माण करवाया| 1 सितंबर 1803 में एक और बड़ा भूकंप आया और स्मारक गंभीर नुकसान पहुंचा|और 1828 में ब्रिटिश भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट स्मिथ ने मीनार का जीर्णोद्धार किया और मीनार की पांचवीं मंजिल पर एक स्तंभयुक्त गुंबद स्थापित किया।
लेकिन अंततः 1848 में इसे विस्काउंट हार्डिंग के आदेश पर हटा दिया गया, जो उस समय भारत के गवर्नर-जनरल थे। हालाँकि इसे बाद में कुतुब मीनार के पूर्व में जमीनी स्तर पर फिर से स्थापित किया गया था जिसे “स्मिथ की मूर्खता” के रूप में भी जाना जाता है।
दिल्ली की कुतुब मीनार की वास्तुकला
72.5 मीटर (238 फीट) की ऊँचाई वाली इस प्रतिष्ठित मीनार में 379 सीढ़ियाँ हैं। कुतुब मीनार में बेहतरीन इंडो-इस्लामिक अफ़गान वास्तुकला शैली को दर्शाया गया है जो वास्तु कला की चमक को दर्शाता है किस मीनार के धार की चौड़ाई लगभग 47 फिट है जो ऊपर धीरे धीरे की ओर 9 फिट कम हो जाती है| इसमें 5 अलग अलग मीनार हैं जिनमें से प्रत्येक अपने निर्माण के दौरान डालते शासको से प्रभावित अद्वितीय वास्तुशिल्प डिजाइन प्रदर्शित करती है।
कुतुब मीनार की अलग अलग मंजिलों के निर्माण के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री कुतुब-उद-दीन ऐबक से लेकर फिरोज शाह तुगलक के समय तक अलग-अलग रही है। लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल मुख्य निर्माण सामग्री के रूप में किया गया है और हर मंजिल जटिल नकाशी कुरान के शिलालेख से सजावट की गई है|कुतुब मीनार की बालकनियों में अलंकृत ब्रैकेट हैं जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ाते हैं। प्रत्येक मंजिल के आधार का डिज़ाइन अलग है। कुतुब मीनार की ऊँचाई पीसा की मीनार और चीन के महान पैगोडा जैसी प्रसिद्ध संरचनाओं से भी अधिक है, जो वास्तुकला की दुनिया में इसके महत्व को दर्शाता है।
Qutub Minar ticket price
दिल्ली में कुतुब मीनार में प्रवेश शुल्क भारतीय पर्यटकों के लिए 35 रुपये प्रति व्यक्ति और विदेशियों के लिए 550 रुपये है। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं है।
वर्ग | प्रवेश शुल्क |
---|---|
भारतीयों | 35 रुपये |
विदेशी पर्यटक | 550 रु. |
Qutub Minar timing
कुतुब मीनार सप्ताह के सभी 7 दिन खुला रहता है। कुतुब मीनार का समय सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक है। कुतुब मीनार का खुलने का समय सुबह 7 बजे है और बंद होने का समय रात 9 बजे है। कुतुब मीनार लाइट एंड साउंड शो का समय शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक है।
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