कैंची धाम नीम करोली बाबा आश्रम कहां है जानिए आश्रम का नाम कैंची धाम ही क्यों पड़ा

Neem Karoli Baba Ashram Kainchi Dham:बाबा नीम करोली बाबा आश्रम कैंची धाम आध्यात्मिकता मान्यता का केंद्र है|बता दे कि यहां विराट कोहली से लेकर फेसबुक के संस्थापक  मार्क जुकरबर्ग और ऐपल के संस्‍थापक स्‍टीव जॉब्‍स जैसे कई दिग्गज आए थे|इन बड़े बड़े संस्थापकों ने अपने जीवन बदलने की कहानियां भी सुनाई हैं। करोली बाबा पहली बार 1961 में कैंची धाम आए थे|

बाबा नीम करोली का निवास स्थान कैंची धाम भक्तों की आस्था पर विश्वास का केंद्र है हर साल नामचीन हस्तियां बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए कैंची धाम आती है|भारत में कई ऐसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली स्थान है|जिसकी भूमि में ही चमत्कार है ऐसा ही कैंची धाम है यह हनुमान जी के परम भक्त और उनके अवतार माने जाने वाले बाबा नीम करोली के जरिए स्थापित की गई पावनभूमि है|यहां पर बाबा नीम करोली महाराज ने कई सालों तक तपस्या की| मान्यता है कि अभी भी बाबा जी यहां पर दर्शन देते हैं|

Neem Karoli Baba Ashram Kainchi Dham

नैनीताल में स्थित कैंची धाम में हनुमान जी का मंदिर है जिसकी स्थापना बाबा नीम करोली बाबा ने की थी वैसे तो भक्त बाबा से आशीर्वाद पाने के लिए यहां आते हैं|लेकिन हर साल 15 जून को कैंची धाम में विशेष भंडारा और मेला लगता है|बाबा नीम करोली ने 15 जून 1964 को कैंची धाम में हनुमान जी की प्रतिमा की प्रतिष्ठा की थी इस दिन यहां आना श्रेष्ठ माना जाता है|

बाबा नीम करोली ने 15 जून को ही कैंची धाम की स्थापना दिवस के रूप में तय किया था| उन्होंने 10 सितंबर 1973 को शरीर त्याग कर माहा समाधि ली थी| समाधि लेने के बाद उनके अस्थि कलश  धाम में ही स्थापित कर दिया गया| इसके बाद 1974 से बड़े स्तर पर मंदिर का निर्माण हुआ| कहते हैं महज 17 साल की उम्र में ही बाबा नीम करोली को ईश्वर को लेकर खास ज्ञान मिल गया था|

Neem Karoli Baba Ashram
Neem Karoli Baba Ashram

कैंची धाम क्यों प्रसिद्ध है

फेसबुक एप्पल के मालिक भी कैंची धाम में अपनी अर्जी लगा चुके हैं| बाबा नीम करोली को अपना गुरु मानते थे| मान्यता है की कैंची धाम आने वाला वक्त कभी खाली नहीं जाता| कहते हैं कि जगह कैंची के आकार की बनी हुई है| इसलिए इसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है|नीम करोली 1961 में पहली बार यहां आए थे| और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिलकर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था|

कैंची धाम की भूमि चमत्कारों से भरी पड़ी है एक बार भंडारे के दौरान घी की कमी पड़ गई थी| बाबा नीम करोली ने कहा कि नीचे बहती नदी से पानी भरकर लाइए उसे प्रसाद बनाते हैं तो जब प्रयोग में लाया गया तो वह पानी अपने आप घी में बदल गया

इसलिए रखा गया कैंची धाम

कैंची धाम की ओर जा रही सड़क कैंची की तरह दो तीखे मोड़ जैसी दिखाई देती है| इसी वजह से धाम का नाम कैंची धाम रखा गया| नीम करोली बाबा हनुमान को काफी ज्यादा मानते थे इसी वजह से उन्होंने अपने जीवन में हनुमान जी के 108 मंदिरों को बनवाया| बाबा नीम करोली के बारे में रहते हैं कि उन्होंने हनुमान जी कर गई सिद्धियां हासिल की थी वह किसी को भी पैर छूने नहीं देते थे|

कौन थे नीम करौली बाबा ?

नीम करोली बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के रहने वाले ब्राह्मण परिवार में हुआ था| 11 वर्ष की उम्र में ही उनका विवाह एक कन्या के साथ कर दिया गया था| परंतु शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने घर छोड़ दिया और साधु बन गए| माना जाता ही 17 साल की आयु में ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी| घर छोड़ने के लगभग 10 वर्ष बाद उनके पिता को किसी ने उनके बारे में बताया| इसके बाद उनके पिता ने उन्हें घर लौटने और वैवाहिक जीवन जीने का आदेश दिया

कैंची धाम कैसे पहुंचे?

हवाई मार्ग से: पास का हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है जोकि कैंची धाम से 70 किलोमीटर दूरी पर है|अड्डे से आश्रम तक पहुंचाने के लिए टैक्सी और लोकल बसें उपलब्ध है|

रेल मार्ग द्वारा: पास का प्रमुख रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो यहां से लगभग 38 किमी दूर है। काठगोदाम से कैंची धाम के लिए टैक्सी या बस ली जा सकती है।

सड़क मार्ग से: कैंची धाम सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और आप नैनीताल या दूसरे नजदीकी शहरों से गाड़ी चला सकते हैं या बस ले सकते हैं।

नीम करोली बाबा क्यों प्रसिद्ध है?

बाबा नीम करोली को भक्त व उनके अनुयायी हनुमान जी का अवतार मानते थे. लकिन नीम करोली बाबा खुद भी हनुमान जी की पूजा करते थे. उन्होंने हनुमान जी के कई मंदिर भी बनवाएं. जब कोई भक्त नीम करोली बाबा के पैर छूता तो बाबा पैर छूने से मना कर देते और कहते पैर छूना ही है तो हनुमान जी के छुओ

कैंची धाम इतना प्रसिद्ध क्यों है?

मंदिर चारों ओर से ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों से घिरा हुआ है और मंदिर में हनुमान जी के अलावा भगवान राम एवं सीता माता तथा देवी दुर्गा जी के भी छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं। किन्तु कैंची धाम मुख्य रूप से बाबा नीम करौली और हनुमान जी की महिमा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आने पर व्यक्ति अपनी सभी समस्याओं के हल प्राप्त कर सकता है।

नीम करोली बाबा कब जाना चाहिए?

ट्रेन से कैंची धाम का सफर तय करना है तो निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। काठगोदाम से 38 किलोमीटर दूर नीम करोली आश्रम है। अगर आप नीम करोली बाबा के आश्रम जाने के लिए सही समय की तलाश में हैं तो मार्च से जून तक का समय उपयुक्त रहेगा। इसके अलावा सितंबर से नवंबर के बीच भी कैंची धाम घूमने जा सकते हैं

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