Baba Baidyanath Temple Online Booking:पौराणिक मान्यता के अनुसार पंचशूल को सुरक्षा कब्जे माना गया है यह महाशिवरात्रि से दो दिन पहले उतारे जाते हैं| बाबा बैद्यनाथ मंदिर के शिखर से लेकर माता पार्वती मंदिर के शिखर तक ग्रंथिबंधन एक लाल धागे से बांधा जाता है. यह अनुष्ठान किसी अन्य ज्योतिर्लिंग में देखने को नहीं मिलता है|
हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगों का काफी महत्व बताया गया है इन 12 ज्योतिर्लिंगों में से झारखंड के देवघर में स्थित तीर्थ स्थल बैद्यनाथ धाम को नामा 9वां ज्योतिर्लिंग माना जाता है|धार्मिक मान्यता है कि बैद्यनाथ धाम ज्योतिर्लिंग के साथ एकशक्ति पीठ भी है|झारखंड के देवदार स्थित प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंग कामनालिंग बाबा बैद्यनाथ को मंदिर परिसर में ऐसे तो 22 मंदिर हैं| जहां एक ही परिसर में शिव शक्ति विष्णु ब्रह्मा की भी पूजा होती है| इस मंदिर के परिसर में शिव मंदिर के शिखर से माता पार्वती के शिखर तक गठबंधन की एक अनोखी परंपरा है जो यहां आने वाला हर वक्त करना चाहता है|
Baba Dham Online Registration
पुराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि बैद्यनाथ धाम की स्थापना भगवान विष्णु ने की थी| साथ ही यह भी मानता है इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की इच्छा पूर्ण होती है यही कारण है कि बैद्यनाथ धाम में स्थापित किए गए मंदिर को कामना लिंग के नाम से भी जाना जाता है|प्राचीन काल से चल रहे इस धार्मिक अनुष्ठान को गठजोड़वा या गठबंधन भी कहा जाता है मान्यता है कि इस अनुष्ठान को करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है और उसे राजसूय यज्ञ फल मिलता है|
अगर आप श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग में आने का सोच रहे हैं तो हम आपको बताना चाहते हैं कि आप बैद्यनाथ मंदिर में आने से पहले Baba Baidyanath Dham VIP pass जरूर बना ले|क्योंकि मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है|इसीलिए बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने के लिए काफी लंबी लाइनें लगी होती है|इस समस्या से निपटने के लिए बाबा बैद्यनाथ मंदिर ट्रस्ट की तरफ से Baba Baidyanath Dham Online booking की सुविधा दी गई है| ताकि श्रद्धालु आसानी से बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकें|
पंचशूल को लेकर ये है मान्यताएं
बाबा बैद्यनाथ मंदिर के शिखर में पंचशूल को लेकर मानता है कि त्रेता युग में रावण की लंका पुरी के प्रवेश द्वार पर सुरक्षा कवच के रूप पंचशूल स्थापित किया गया था और सिर्फ रावण ही पंचशूल सुरक्षा को भेदना जानता था भगवान राम के लिए भी पंचशूल के भेद पाना असंभव था|लेकिन विभीषण ने इसका रहस्य उजागर कर दिया तो भगवान श्री राम और उनकी सेना लंका में प्रवेश किय| मान्यता है कि पंचशूल के कारण मंदिर पर आज तक कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आई है|
बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर अनुसूची
दिन | मंदिर का समय |
सोमवार | प्रातः 4:00 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक सायं 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक |
मंगलवार | प्रातः 4:00 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक सायं 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक |
बुधवार | प्रातः 4:00 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक सायं 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक |
गुरुवार | प्रातः 4:00 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक सायं 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक |
शुक्रवार | प्रातः 4:00 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक सायं 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक |
शनिवार | प्रातः 4:00 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक सायं 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक |
रविवार | प्रातः 4:00 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक सायं 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक |
baba baidyanath darshan ticket price
बाबा बैद्यनाथ धाम जाने वालों के लिए खुशखबरी है|Baba baidyanath dham vip pass price 500 की जगह 250 रुपये में ही भोलेबाबा के दर्शन मिल सकेंगे| मंदिर प्रबंधन कमेटी ने दर्शन के लिए शुल्क को सबसे घटकर आधा कर दिया है| इसका फैसला पहले ले लिया गया था 500 की जगह 250 रुपये में ही भोलेबाबा के दर्शन मिल सकेंगे|
Baidyanath Dham Rudrabhishek cost
बैद्यनाथ रुद्राभिषेक का समय, लागत, ऑनलाइन बुकिंग, पूजा की अवधि
पूजा नाम | पूजा का खर्च | पूजा विवरण | पूजा सामग्री |
जल से रुद्राभिषेक करें | 251 रु | सभी पापों से छुटकारा पाएं | अबीर, मोली, अक्षत, फूल, सुपारी, पान, नैवेद्य, धूप, पंचामृत |
दूध से रुद्राभिषेक करें | 356 रु | मनोकामनाएं पूर्ण होंगी | अबीर, मोली, अक्षत, फूल, सुपारी, पान, नैवेद्य, धूप, पंचामृत, दूध |
लघु रूद्र के अनुसार अभिषेक करें | रु. | शिवलोक प्राप्ति के लिए. सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति. | |
महारुद्र के अनुसार अभिषेक करें | 5501 रु | संतान, समृद्धि और समग्र सुख। राजपद की प्राप्ति | |
अतिरुद्र | 101 रु | महारुद्र से भी अधिक शक्तिशाली | |
महामृत्युंजय | 551 रु | गृहबैगुण्य, शांति मारकेश। मृत्यु का भय दूर करता है। |
Baba Baidyanath Dham Online booking
- सबसे पहले आपको Baidyanath Temple official Website पर जाना होगा|
- फिर आपको होम पेज में बुकिंग सेक्शन पर जाना होगा
- अब आपको के दर्शन बुकिंग पर जाना है फिर आपके सामने एक फॉर्म अब उसमें अपनी जानकारी जैसे नाम आपकी आयु ,मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी.सदस्य दर्ज करें और दस्तावेज अपलोड करें|
- उसके बाद विशेष दर्शन टिकट की कुल राशि देख सकते हैं प्ले बटन पर क्लिक करें|
- बताई गई राशि का भुगतान करें आपके अपने ईमेल पर दे और फोन नंबर पर एक सफल संदेश मिलेगा|
बैजनाथ धाम क्यों प्रसिद्ध है?
ये एक ज्योतिर्लिंग है, जो शक्तिपीठ भी है. मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान विष्णु ने की थी. बाबा बैद्यनाथ धाम का महत्व- मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसलिए मंदिर में स्थापित शिवलिंग को कामना लिंग के नाम से भी जाना जाता है
बैद्यनाथ धाम का प्रवेश शुल्क कितना है?
यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है, जिन्हें भगवान शिव का सबसे पवित्र निवास माना जाता है। इस व्यापक गाइड में, हम बाबा बैद्यनाथ मंदिर के समय और अनुष्ठानों के बारे में जानेंगे। प्रवेश शुल्क: कोई प्रवेश शुल्क नहीं
वैद्यनाथ की उत्पत्ति कैसे हुई?
जैसे ही रावण लिंग ले जा रहा था, भगवान विष्णु ने उसे लंका तक पहुंचने से रोकने के लिए हस्तक्षेप किया। संघर्ष के दौरान लिंग का एक टुकड़ा टूटकर देवघर में गिरा, जहां अब बाबा बैद्यनाथ मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि ज्योतिर्लिंग का यह खंड मंदिर का गर्भगृह बन गया, जिसे बाबा बैद्यनाथ के नाम से जाना जाता है।