Muramalla temple kalyanam online booking:यह मंदिर गोदावरी नदी की एक गोमती नदी के तट पर मुरमल्ला गांव मैं है| वीरभद्र स्वामी को प्रसन्न करने के लिए देवी भद्रकाली इस गर्भ ग्रह में जहां रुद्र स्वामी जी है|मुरमल्ला मंदिर मंदिर का इतिहास काफी पुराना है| यहां पर लाखों करोड़ों की संख्या में भगत दर्शन करने के लिए आते हैं|मुरमल्ला मंदिर में देवी भद्रकाली वीरभद्र स्वामी को प्रसन्न करने के लिए इस चबूतरे में विराजमान है| और इसे आप किसी अन्य मंदिर में नहीं देख सकते|
मुरमल्ला मंदिर में वीरभद्र स्वामी का नित्य कल्याणम प्रस्तुत किया जाता है| हर दिन वीरभद्र स्वामी को दूल्हे के रूप में तैयार किया जाता है और शाम 7:00 उनकी शादी कराई जाती है|मंदिर के अंदर दो देवता हैं इसमें एक श्री वीरेश्वर स्वामी और दूसरे भद्रकाली।| इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा और अर्चना के लिए मंदिर में अनुष्ठान करते हैं|श्री भद्रकाली समेथा वीरेश्वर स्वामी मंदिर”ऑनलाइन टिकट या आवास बुकिंग किसी सुविधा प्रदान कर दी गई है|
Muramalla Temple Kalyanam Online Booking
एक मान्यता यह है कि अगर आपका विवाह नहीं हो रहा तो शीघ्र विवाह के लिए इस मंदिर के दर्शन कर लेने चाहिए|वीरभद्र स्वामी कल्याणम दर्शन करने से ऐसी मान्यता है कि आपका विवाह शीघ्र हो जाएगा|जिनकी शादी हो भी गई है और उनकी आपस में नहीं बनती| तो इस मंदिर का दर्शन करने पर आपकी शादीशुदा जिंदगी में खुशहाली और अच्छी समझ आएगी और उनके बच्चे अच्छे होंगे उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा|
मुरमल्ला में भद्रकाली समेथावीरेश्वर स्वामी मंदिर इस कल्याणम के लिए प्रसिद्ध है और लोग इसमें बहुत विश्वास करते हैं।अगर आप इस मंदिर में जा रहे हैं तो आपको अपने साथ दो माला सुपारी पान के पत्ते ले जाने चाहिए|अगर आप यहां पर दर्शन करने का सोच रहे हैं| तो हम आपको बताना चाहते हैं कि इस मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ होती है| इसी समस्या को देखते हुए मुरमल्ला भद्रकाली समेथावीरेश्वर स्वामी मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों ने Muramalla Temple Kalyanam Tickets Online Booking सुविधा शुरू कर दी है| आप घर बैठे ऑनलाइन Muramalla Temple Nitya Kalyanam Online Booking करवा सकते हैं|
मुरमल्ला भद्रकाली समेथावीरेश्वर स्वामी दर्शन का समय
दिन | मंदिर खुलने का समय | प्रातः दर्शन | मंदिर तोड़ने का समय | संध्या दर्शन | बंद करने का समय |
सोमवार | प्रातः 9:00:00 बजे | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक | शाम 7:00:00 बजे |
मंगलवार | प्रातः 9:00:00 बजे | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक | शाम 7:00:00 बजे |
बुधवार | प्रातः 9:00:00 बजे | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक | शाम 7:00:00 बजे |
गुरुवार | प्रातः 9:00:00 बजे | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक | शाम 7:00:00 बजे |
शुक्रवार | प्रातः 9:00:00 बजे | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक | शाम 7:00:00 बजे |
शनिवार | प्रातः 9:00:00 बजे | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक | शाम 7:00:00 बजे |
रविवार | प्रातः 9:00:00 बजे | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक | शाम 7:00:00 बजे |
मुरमल्ला मंदिर में पूजा/आरती कार्यक्रम
दिन | प्रातः पूजा का समय | मंदिर तोड़ने का समय | शाम की पूजा का समय |
सोमवार | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक |
मंगलवार | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक |
बुधवार | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक |
गुरुवार | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक |
शुक्रवार | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक |
शनिवार | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक |
रविवार | प्रातः 09:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | 01:00 अपराह्न से 02:00 अपराह्न तक | दोपहर 02:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक |
मुरमल्ला मंदिर कल्याणम का इतिहास
भारी बाढ़ और प्राकृतिक आपदा के कारण मंदिर नदी में गिर गया और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त भी हो गया| कहानी यह है कि 100 साल पहले यह कोमारगिरी केक स्थानीय कुलीन व्यक्ति सराभा राजू ने वीरभद्रस्वामी को अपने सपनों में देखा था| भगवान उसे मंदिर का पुनर्निर्माण करना चाहते थे|जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था। सराभा राजू शिव लिंगम कौन नए स्थान पर ले जा रहे थे और लिगन ले जाने के लिए बहुत भारी हो गया भगवान प्रकट हुए और रईस को सलाह दी की मैं लिंगम को उस परिसर में स्थापित करें जहां मुरमल्ला में पुराना मंदिर था।
श्री वीरेश्वर स्वामी और माँ भद्रकाली मंदिर मान्यता
मंदिर की मान्यता स्थानीय सिद्धांत और मान्यता यह है कि मुरमल्ला गांव में श्री वीरभद्र देवी भद्रकाली मंदिर में केवल एक ही बार जाने से किसी भी अविवाहित वयस्क को जल्द ही शादी के लिए उपयुक्त प्रस्ताव मिलेगा| न केवल भक्ति को श्री वीरभद्र स्वामी नित्य कल्याणम के साक्षी बनते हैं बल्कि ऐसा विश्वास है कि अगस्त्य, विश्वामित्र, वशिष्ठ, गौतम, व्यास, भार्गव, भारद्वाज, सुकुडु, मारीचिडु, मार्केंडेयडु, काश्यपुडु और नारद सहित महान ऋषि भी नित्य कल्याणम के साक्षी बनते हैं।
Muramalla Temple Kalyanam Online Booking
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- इस प्रकार आप Muramalla Temple Nitya Kalyanam Online Booking कर सकते हैं|