अजंता-एलोरा की गुफाएं, फिर भी हमेशा साथ लिया जाता है नाम, जानें क्यों

ajanta caves online ticket booking:अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र भारत में स्थित तकरीबन 29 चट्टानों को काटकर बनाई गई द्वितीय शताब्दी की है| यहां बौद्ध धर्म से संबंधित चित्र एवं शिल्पकार के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं।एलोरा या एल्लोरा (मूल नाम वेरुल) एक पुरातात्विक स्थल है, जो भारत में औरंगाबाद, महाराष्ट्र से 30 कि.मि. की दूरी पर स्थित है। अजंता और एलोरा की गुफाएँ  विश्व भर में प्रसिद्ध हैं| यहाँ 34 “गुफ़ाएँ” हैं, जिन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले से स्थित अजंता एलोरा की गुफाएं वैसे तो एक दूसरे से 100 कम दूरी पर स्थित है|लेकिन अपने सौन्दर्यशास्त्र और महत्ता की वजह से इन दोनों का नाम हमेशा ही साथ में लिया जाता है। बड़े बड़े पहाड़ और चट्टानों को काटकर बनाई गई यह गुफाएं भारतीय कारीगरी और वास्तु कला का बेहतरीन नमूना है| अजंता की गुफाओं में ज्यादातर दीवारों पर की गई निकासी बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई है जबकि एलोरा की गुफाओं में मौजूद कल और मूर्तियां तीन अलग अलग धर्म से जुड़ी है बौद्ध धर्म, जैन धर्म और हिंदू धर्म

Ellora Caves online ticket booking

अजंता की गुफाएं 30 चट्टानों को काटकर बनाए गए स्मारकों का एक समूह हैं।ये महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लगभग 5वीं शताब्दी ईस्वी तक के हैं। वे अपने भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। ये भारतीय कला की उत्कृष्ट कृतियाँ मानी जाती हैं और बौद्ध पौराणिक कथाओं और लोककथाओं के दृश्यों को दर्शाती हैं। अजंता गुफाओं का निर्माण सातवाहन वंश और वाकाटक वंश द्वारा किया गया था।

आपको जानकर हैरानी होगी कि अजंता एक दो नहीं बल्कि पूरे 30 गुफाओं का समूह है| जिस घोड़े की नाल के आकार में पहाड़ों को काटकर बनाया गया है| इसके सामने से बहती एक संकरी सी नदी जिसका नाम वाघोरा है| पास ही मौजूद गांव अजंता के नाम पर इन गुफाओं का नाम पड़ा है| इन गुफाओं में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के साथ ही दीवार पर बौद्ध धर्म से जुड़ी की पेंटिंग भी बनाई गई है| साथ ही इसमें भगवान बुद्ध के पिछले जन्मों के बारे में बताया गया है

अगर आप एलोरा और अजंता की गुफाओं के लिए जाना चाहते हैं तो आपको इनमें जाने के लिए सबसे पहले Ajanta or Ellora Caves online ticket booking करनी होगी| क्योंकि बिना Ellora Caves online ticket booking से आप इनके अंदर प्रवेश नहीं कर सकते| इसलिए आपको टिकट लेना जरूरी है| आज हम आपको बताएंगे कि अजंता की गुफाओं का इतिहास क्या है दिन के रोचक तथ्य

अजंता एलोरा गुफाओं का इतिहास

अजंता की गुफाएँ भारत के महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित 30 रॉक-कट बौद्ध गुफा स्मारकों का एक समूह हैं। गुफाओं का निर्माण दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से छठी शताब्दी ईस्वी तक, 700 वर्षों की अवधि में किया गया था। इनका उपयोग बौद्ध भिक्षुओं के लिए मठ और पूजा स्थल के रूप में किया जाता था और इन्हें प्राचीन भारतीय कला के सबसे महान जीवित उदाहरणों में से एक माना जाता है। वाघोरा नदी पर घोड़े की नाल के आकार की चट्टानी घाटी के किनारे गुफाओं की खुदाई की गई थी। गुफाएँ औरंगाबाद शहर से लगभग 100 किमी दूर स्थित हैं और समुद्र तल से 76 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं। अजंता की गुफाओं का निर्माण हथौड़े, छेनी और कुदाल जैसे बुनियादी उपकरणों का उपयोग करके चट्टान को काटकर किया गया था।

प्रार्थना के लिए होता है इस्तेमाल

यहां दो तरह की गुफाएं हैं बिहार और चैत्य गृह… विहार, बौद्ध मठ हैं  जींस का इस्तेमाल रहने और प्रार्थना के लिए किया जाता है यहां स्क्वेर शेप के छोटे-छोटे हॉल और सेल बने हुए हैं सेल्स का इस्तेमाल बौद्ध भिक्षु द्वारा आराम करने और दूसरी गतिविधियों के लिए होता है| जबकि बीच में मौजूद स्क्वेर स्पेस का इस्तेमाल प्रार्थना के लिए होता था। चैत्य  गुफाओं का इस्तेमाल प्रार्थना के लिए होता है इन गुफाओं के आखिर में स्तूप बने हुए हैं जो भगवान बुद्ध का प्रतीक हैं।

2 किलोमीटर हिस्से में फैली है एलोरा की गुफाएं

अजंता केव्स मैं जहां 30 गुफाओं का समूह है वही एलोरा की गुफाओं में 34 मोनैस्ट्रीज और मंदिर हैं दोपहर के किनारे करीब 2 कि के हिस्से में फैला हुआ है इन गुफाओं का निर्माण 5वी और 10वीं शताब्दी के बीच किया गया है| गोरा की गुफाएं पहाड़ और चट्टानों को काटकर बनाई गई है वास्तुकला का सबसे बेहतरीन उदाहरण है एलोरा की गुफाओं में मौजूद मंदिर हिंदू बौद्ध और जैन धर्म को समर्पित है|यहां की ज्यादातर सरंचनाओं में विहार और मोनैस्ट्रीज हैं। इनमें बुद्धिस्ट केव जिसे विश्वकर्मा केव कहते हैं यह सबसे ज्यादा फेमस है।

Ellora Caves timings and entry fee

एलोरा गुफाओं के खुलने का समय सूर्योदय से सूर्यास्त तक, सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक है। मंगलवार को छोड़कर, आप सप्ताह के किसी भी दिन यहाँ आ सकते हैं। यह पूरे साल खुला रहता है।

भारतीय नागरिकों और सार्क देशों के पर्यटकों के लिए एलोरा गुफाओं का प्रवेश शुल्क ₹40 है। अन्य देशों के पर्यटकों के लिए, एलोरा गुफाओं का प्रवेश शुल्क ₹600 है। बच्चों (15 वर्ष से कम उम्र के) को गुफाओं में निःशुल्क प्रवेश मिल सकता है।

कैमरे का शुल्क भी ₹25 है।

ajanta Caves timings and entry fee

अजंता की गुफाएँ औरंगाबाद से 100 किमी उत्तर में स्थित हैं और पहुँचने में लगभग 3 घंटे लगते हैं (सड़क की स्थिति परिवर्तनशील है)। वे सोमवार को छोड़कर रोजाना सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहते हैं। प्रवेश टिकट प्रति व्यक्ति 40 रुपये है (विदेशियों को 600 रुपये प्रति व्यक्ति का भुगतान करना होगा)। जब आप अपने दम पर गुफाओं का पता लगा सकते हैं, तो मैं एक संपूर्ण अवलोकन प्राप्त करने और दिलचस्प कहानियों को सुनने के लिए एक गाइड को काम पर रखने की सलाह दूंगा। सरकारी लाइसेंस प्राप्त गाइड प्रवेश द्वार पर उपलब्ध हैं और उनकी फीस पांच लोगों के समूह के लिए 1,800 रुपये है। एलोरा की गुफाएँ औरंगाबाद से 30 किमी उत्तर पश्चिम में स्थित हैं और पहुँचने में लगभग एक घंटा लगता है। वे मंगलवार को छोड़कर रोजाना सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक (सूर्योदय से सूर्यास्त तक) खुले रहते हैं|

Ajanta Caves ticket online booking

अजंता की गुफाओं के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करिए

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