800 साल पुराना है मंदिर महिलाओं का इस मंदिर में आना वर्जित था  जानिए इस मंदिर का रहस्य  और रोचक तथ्य

भारत के केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर मुख्यतः भगवान अय्यप्पा स्वामी को समर्पित है जिनका संबंध भगवान विष्णु और भगवान शिव से माना गया है।

सबरीमाला मंदिर भगवान अय्यप्पा को समर्पित है जो भगवान शिव और मोहिनी का पुत्र माना गया है। जब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था तो भगवान शिव उनपर मोहित हो गए थे, जिस कारण अयप्पा का जन्म हुआ।

मान्यता है कि सबरीमाला मंदिर का निर्माण हजारों साल पहले राजा राजशेखर ने कराया था। पम्पा नदी के किनारे राजा राजशेखर को भगवान अयप्पा बाल रूप में मिले थे और वह उन्हें अपने महल ले आए

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के विशेष अवसर पर इस मंदिर में रात्रि में एक ज्योति दिखाई देती है। इस रोशनी के साथ-साथ शोर भी सुनाई देता है। इस ज्योति को लेकर मानता है कि यह एक देव ज्योति है जिसे भगवान स्वयं जलाते हैं।

सबरीमाला मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है रामायण कथाओं में जिस शबरी के, आदर और श्रद्धा से भगवान राम ने जूठे फल खाए थे, बाद में उसी शबरी के नाम पर सबरीमाला मंदिर का नाम पड़ा है

सबरीमाला मंदिर भगवान अय्यप्पा को समर्पित है जो भगवान शिव और मोहिनी (भगवान विष्णु का रूप) का पुत्र माना गया है।

जो भी भक्त यहां पर दर्शन के लिए आता है उसे 2 महीने पहले से ही मांसाहारी भोजन का त्याग करना पड़ता है। माना गया है कि जो भी भक्त रुद्राक्ष या तुलसी की माला पहनकर व्रत रखता है और फिर मंदिर जाकर भगवान अय्यप्पा के दर्शन करता है, तो उसके सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

सबरीमाला नाम माता शबरी के नाम पर रखा गया है। माता सबरी रामायण का एक पात्र हैं जिन्होंने भगवान राम को बड़े ही भक्ति भाव से अपने जूठे बेर खिलाए थे। भगवान राम ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें नवधा भक्ति का उपदेश दिया था।

इस मंदिर में यह मानता इसलिए काफी समय से चल रही थी कि मंदिर के अंदर महिलाओं का प्रवेश नहीं करना दिया जाए|इसके पहले यहां 10 साल की बच्चियों से लेकर 50 साल तक की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी थी।

सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले को देते हुए सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिला को प्रवेश और पूजा करने इजाजत दे दी है।

Sabarimala Online registration के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा|