जानिए क्यों हमेशा के लिए बंद हो गया कुतुब मीनार का दरवाजा जानिए हैरान करने वाले फैक्ट्स
कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है। जमीन पर इस इमारत का व्यास 14.32 मीटर है, जो शिखर तक पहुंचने पर 2.75 मीटर रह जाता है।
कुतुब मीनार का ऊपरी हिस्सा बिजली गिरने की वजह से नष्ट हो गया था, जिसे फिरोजशाह तुगलक ने दोबारा बनवाया। बाद के समय के फ्लोर पहले के फ्लोर्स से काफी अलग हैं
कुतुब मीनार के बारे में एक रोचक तथ्य यह है कि यह 2000 से अधिक वर्षों से बिना जंग खाए खड़ी है। यह एक कालातीत वास्तुशिल्प चमत्कार है जिसका एक राजसी कद है
ऐसा माना जाता है कि भारत में कुतुब मीनार के पास पहली मस्जिद बनाई गई थी। कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद या 'इस्लाम की ताकत वाली मस्जिद' भारत में इस्लामी शासन की शुरुआत की गवाह है।
बहुत कम लोग जानते हैं कि 14वीं शताब्दी में कुतुब मीनार के बाद एक और मीनार का निर्माण हुआ था। अलाउद्दीन खिलजी कुतुब मीनार से भी ऊंची और खूबसूरत संरचना बनाना चाहते थे
कहा जाता है कि ये मीनार पास के 27 किला को तोड़कर और दिल्ली विजय के उपलक्ष्य मे किला के मलबे से बनाई गयी थी।
कुतुब मीनार के बगल में ही स्थित है कुव्वत-उल-इस्लाम। इसे भारत में बनी पहली मस्जिद माना जाता है। इसका अर्थ है 'इस्लाम की शक्ति
कुतुब मीनार का निर्माण दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 में शुरू करवाया था। ऐबक ने केवल इसका आधार ही बनवा पाया था।
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