यहां के मंदिर को पंढरीनाथ, पंढरीराय, विथाई, पांडुरंग, विठुमौली, विठोबा, हरि, विट्ठल गुरुराव, पांडुरंग आदि नामों से भी जाना जाता है। हालांकि, आज यह भगवान श्री विट्ठल और पांडुरंग के नाम से प्रसिद्ध है
कहा जाता है कि छठी सदी में पुंडलिक नाम के एक प्रसिद्ध संत हुआ करते थे, जो अपने माता-पिता के परम भक्त थे|भगवान ने भक्त की आज्ञा का पालन करते हुए कमर पर दोनों हाथ रखकर पैरों को जोड़कर ईंटों पर खड़े हो गए। ईट पर खड़े होने की वजह से उन्हें विट्ठल कहा गया
श्री विट्ठल रुक्मणी मंदिर में भगवान विष्णु के लिए कई विशेष दर्शन होते हैं यह मंदिर सुबह 4:00 से रात 11:00 तक खुलता है| जो भक्त चरण स्पर्श और अन्य दर्शन चाहते हैं
पंढरपुर के विट्ठल-रुक्मणी मंदिर ऑनलाइन दर्शन पास बनाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करें