pandharpur temple online darshan booking:महाराष्ट्र के सबसे भव्य मंदिरों में से एक पंढरपुर में स्थित विट्ठल-रुक्मणी मंदिर में से एक मंदिर है|श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर की ओर से पिछले कुछ वर्षों से दर्शन बुकिंग उपलब्ध है| इस सेवा के माध्यम से आप मुफ्त में श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर ऑनलाइन दर्शन पास बुक कर सकते हैं|भक्तों की आस्था का ध्यान रखते हुए मैं यह निर्णय लिया है कि पंढरपुर में स्थित विट्ठल-रुक्मणी मंदिर ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी|
Vitthal rukmini mandir online booking:पंढरपुर में स्थित विट्ठल-रुक्मणी मंदिर में हर साल एकादशी के पर्व पर विशेष पूजा की जाती है।जो भक्त आषाढी एकादशी केशव पर्व पर श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में दर्शन करना चाहता है इसका विशेष महत्व है|विट्ठल रुक्मिणी मंदिर दर्शन ऑनलाइन बुकिंग हो जाने से हम अपनी सुविधा अनुसार दिन और समय चुनने की सुविधा रख सकते हैं| इससे हमारा काफी समय ता है| और आपके दर्शन कतार में घंटे खड़ा नहीं रहना पड़ेगा|
Vitthal Rukmini Mandir Darshan Pass
यदि आप श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में का निर्णय कर रहे हैं| तो उन्हें अपने आगमन का दिन तय करना चाहिए और उसे समय के लिए दर्शन पास पहले से बुक करना चाहिए|अगर आप विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में दर्शन करने के लिए आ रहे हैं अपना पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड अपने साथ रखें| ताकि दर्शन पास का दुरुपयोग ना हो सके इसके जरिए ग्रुप बुकिंग की सुविधा नहीं है यह हर व्यक्ति को अलग अलग बुकिंग करनी होगी| दर्शन पास सुविधा खोलने या बंद करने का अधिकार मंदिर समिति के पास है|
मंदिर समिति द्वारा हर महीने की दो एकादशी महत्वपूर्ण त्योहारों, सप्ताहांत, सार्वजनिक छुट्टियों और अन्य व्यस्त समय के दौरान ऑनलाइन पास बंद रहने की संभावना है| यदि पास बुक करते समय टाइम स्लॉट जनरेट नहीं हुआ है तो इस सेवा को स्थाई रूप से माना जाना चाहिए। उस समय दर्शन कतार से ही पारंपरिक तरीके से दर्शन किये जाने चाहिए|
भगवान विठ्ठल और रुक्मिणी मंदिर की दैनिक गतिविधियों की अनुसूची
दैनिक गतिविधियां | समय |
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नामदेव पयारी के द्वार का उद्घाटन | सुबह चार बजे |
विट्ठल रुक्मिणी का काकड़ भजन | सुबह 4:30 बजे |
नित्यपूजा | प्रातः 4:30 बजे से प्रातः 5:30 बजे तक |
दर्शन का समय | सुबह के 6 बजे |
महानैवेद्य | दिन के 11 बजे |
पोशाख | शाम के 4:30 |
धूप आरती | 6:45 अपराह्न |
vitthal rukmini temple timings
नित्योपचार अनुसूची | समय |
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श्री विट्ठल और रुक्मिणी का काकड़ा भजन और नित्यपूजा | प्रातः 4:30 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक |
महानैवेद्य | प्रातः 11:00 बजे से प्रातः 11:15 बजे तक |
पोशाख | सायं 4:30 बजे से सायं 5:00 बजे तक |
धूप आरती | शाम 6:45 बजे से शाम 7:00 बजे तक |
शेज आरती | 11:30 अपराह्न से 12:00 अपराह्न तक |
विट्ठल रुक्मिणी मंदिर दर्शन का समय
विट्ठल रुक्मिणी मंदिर के खुलने और बंद होने का समय नीचे दिया गया है।
खुलने का समय | समापन का समय |
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प्रातः 6:00 बजे से प्रातः 11:00 बजे तक | महानैवेद्य के लिए प्रातः 11:00 बजे से प्रातः 11:15 बजे तक बंद |
सुबह 11:15 बजे से शाम 4:30 बजे तक | पोषाख के लिए शाम 4:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक बंद |
शाम 5:00 बजे से रात 11:15 बजे तक | रात्रि 11:45 बजे के बाद बंद कर दिया जाता है |
Pandharpur VIP Darshan pass
श्री विट्ठल रुक्मणी मंदिर में भगवान विष्णु के लिए कई विशेष दर्शन होते हैं यह मंदिर सुबह 4:00 से रात 11:00 तक खुलता है| जो भक्त चरण स्पर्श और अन्य दर्शन चाहते हैं| उनके लिए श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर ट्रस्ट द्वारा वीआईपी दर्शन पास बनाया गया है| हम आपको बताना चाहते हैं कि रुक्मिणी मंदिर के विशेष वीआईपी और सामान्य दर्शन निशुल्क है आप आधिकारिक वेबसाइट पंढरपुर के लिए दर्शन पास निःशुल्क बुक कर सकते हैं।
मंदिर समिति के पास दर्शन पास सुविधा को खोलने या बंद करने का अधिकार है। मंदिर समिति द्वारा हर महीने की दो एकादशियों, महत्वपूर्ण त्योहारों, सप्ताहांतों, सार्वजनिक छुट्टियों और अन्य व्यस्त समय के दौरान ऑनलाइन दर्शन पास बंद किए जाने की संभावना है।
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- पंढरपुर के विट्ठल-रुक्मणी मंदिर ऑनलाइन दर्शन पास बनाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करें|
- आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद लाइव लिंक एक ऑप्शन दिखाई देगा|
- उसे पर क्लिक करने के बाद ऑनलाइन दर्शन एक लिंक दिखाई देगा,लिंक पर क्लिक करें|
- उसके बाद अपना नाम पता मोबाइल नंबर ईमेल आईडी पूछी गई जानकारी भरिए|
- अब आप सबमिट बटन पर क्लिक करें|
- इस प्रकार आप विट्ठल रुक्मिणी मंदिर दर्शन टिकट बुकिंग बनवा सकते हैं|
विट्ठल मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
विट्ठल मंदिर का निर्माण राजा देवराय द्वितीय के शासनकाल (1422 से 1446 ईसवी) के दौरान किया गया था और यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य द्वारा अपनाई गई शैली का प्रतीक है। रंग मंडप और 56 संगीतमय स्तंभ जिन्हें थपथपाने से संगीत सुनाई देता है, विट्ठल मंदिर की उत्कृष्ट आकृतियां हैं।
विट्ठल मंदिर का निर्माण कब हुआ था?
यह राजा देवराय द्वितीय (1422 – 1446 ईस्वी) के शासनकाल के दौरान 15वीं शताब्दी ईस्वी के आसपास बनाया गया था।
विट्ठल भगवान किसका अवतार है?
विट्ठल , विठोबा , या पाण्डुरंग एक हिन्दू देवता हैं जिनकी पूजा मुख्यतः महाराष्ट्र , कर्नाटक , गोवा , तेलंगाना , तथा आन्ध्र प्रदेश में होती हैं। उन्हें आम तौर पर भगवान विष्णु या उनके अवतार, कृष्ण की अभिव्यक्ति माना जाता हैं।