vemulawada temple kalyanam ticket online booking:तेलंगाना राज्य में एक बहुत प्रसिद्ध हिंदू मंदिर और सबसे अधिक देखे जाने वाला तीर्थ स्थल वेमुलावाड़ा मंदिर स्थित है|यह मंदिर राजा राजेश्वर क्षेत्रम के नाम से भी प्रसिद्ध है|श्री राज राजेश्वर अपनी वस्तु कला की भव्यता के साथ आध्यात्मिक पवित्रता के लिए भी माना जाता है|यह भारत के तेलगाना के वेमुलावाड़ा शहर में स्थित है|यह प्राचीन मंदिर पूरी तरह से भगवान शिव जी को समर्पित है|हर दिन हजारों यहां पर भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं|
वेमुलावाड़ा मंदिर भगवान शिव का एक रूप राजा राजेश्वरी स्वामी मंदिर के मुख्य देवता हैं|हर्ष लाखों लोग इस तीर्थ स्थल को देखने के लिए यात्रा करते हैं|इस ऐतिहासिक मंदिर को दक्षिण का काशी भी कहा जाता है|आज हम आपको भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं आईए जानते हैं|
Vemulawada Temple Rudrabhishekam Ticket Booking
श्री राज राजेश्वर स्वामी मंदिर तेलगाना के करीमनगर जिले के वेमुलावाड़ा में स्थित है| मंदिर के मुख्य देवता शिव लिंगम के रूप में भगवान शिव विराजमान है| इसके साथ साथ श्री राज राजेश्वरी देवी और सिद्धि विनायक की मूर्तियां भी हैं|वेमुलावाड़ा चालुक्यों ने 750 से 973 ई. तक शासन किया, और उनकी राजधानी शहर में स्थित मंदिर था जो कभी इस स्थान पर स्थित था।
अगर आप वेमुलावाड़ा मंदिर के लिए आ रहे हैं आप यहां आने से पहले Sri Raja Rajeshwara temple online booking करवा ले|क्योंकि मंदिर में काफी भीड़ अगर आपने Vemulawada temple Kalyanam Ticket online Booking कार्रवाई होगी तो आप आसानी से दर्शन कर सकेंगे
इस मंदिर में Vemulawada Temple Rudrabhishekam Ticket Booking के लिए भी टिकट बुकिंग होती है| तो आज हम आपको Vemulawada temple rudrabhishekam ticket booking price संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे|
श्री राजराजेश्वर मंदिर का इतिहास
वेमुलावाड़ा श्री राजराजेश्वर मंदिर तेलगाना में भगवान शिव के सबसे पुराने निवासों में से एक माना गया है|पुराने के अनुसार सूर्य देव यहां मंदिर में प्रार्थना करने विकलांगता से उम्र गए थे|इसीलिए इस मंदिर को भास्कर का क्षेत्रम भी कहा जाता है| यह भी कहा जाता है कि राजा इंद्र ने भी भक्ति पूरक भगवान श्री राज राजेश्वर की पूजा करके स्वयं को ब्रह्म हत्या से शुद्ध किया था|मंदिर का निर्माण परीक्षित राजा के पोते राजा नरेंद्र द्वारा करवाया गया था| जहां भगवान शिव और देवी राजा राजेश्वरी देवी प्रकट हुए थे|उन्हें एक मंदिर बनवाने और शिव लिंगम स्थापित करने का निर्देश दिया जो एक पुष्कर्णी के बिस्तर पर स्थित था|
Vemulawada temple timings
एस/एन | दर्शन प्रकार | समय (अनुसूची) |
1 | सर्वदर्शनम् | 04:35 पूर्वाह्न से 05:00 पूर्वाह्न तक |
2 | धर्मदर्शनम् | 06:15 पूर्वाह्न से 11:30 पूर्वाह्न तक |
3 | दर्शनम् | 12:10 पूर्वाह्न से 14:00 पूर्वाह्न तक |
4 | धर्मदर्शनम् | 14:30 पूर्वाह्न से 19:00 अपराह्न तक |
5 | धर्मदर्शनम् | 19:10 पूर्वाह्न से रात्रि 21:00 पूर्वाह्न तक |
वेमुलावाड़ा मंदिर अन्न पूजा/कल्याणम समय
वेमुलावाड़ा मंदिर में भक्त पवित्र अन्ना पूजा और कल्याणम पूजा कर सकते हैं और उसमें भाग ले सकते हैं। इसलिए दिए गए समय पर मंदिर जाएँ:-
दिन | अन्ना पूजा का समय | हाजिरी का समय |
सोमवार | 15:00 पूर्वाह्न से 17:00 पूर्वाह्न तक | 14:30 |
मंगलवार | 12:30 पूर्वाह्न से 14:30 पूर्वाह्न तक | 12:00 |
बुधवार | 12:30 पूर्वाह्न से 14:30 पूर्वाह्न तक | 12:00 |
गुरुवार | 12:30 पूर्वाह्न से 14:30 पूर्वाह्न तक | 12:00 |
शुक्रवार | 12:30 पूर्वाह्न से 14:30 पूर्वाह्न तक | 12:00 |
शनिवार | 12:30 पूर्वाह्न से 14:30 पूर्वाह्न तक | 12:00 |
रविवार | 12:30 पूर्वाह्न से 14:30 पूर्वाह्न तक | 12:00 |
वेमुलावाड़ा मंदिर सेवा समय सारिणी
मंगला वैद्यम् | प्रातः 4.00 बजे से 4.10 बजे तक |
सुप्रभात सेवा | प्रातः 4.10 से 4.30 तक |
प्रभात हरथी | 4.35 प्रातः |
आलय शुद्धि [सफाई] | प्रातः 4.35 से 5.00 बजे तक |
गोमाता पूजा और पूजा संहिता | प्रातः 5.00 बजे से 5.15 बजे तक |
Prathakala Puja | सुबह 5.15 से 6.15 तक |
नित्य कल्याणम् | सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक |
Madhyanhika Puja & Nivedana & Anna Puja. | सुबह 11.40 बजे से दोपहर 12.10 बजे तक |
प्रदोषकाल पूजा | सायं 6.00 बजे से 7.00 बजे तक |
निशिकावा पूजा | रात्रि 9.00 बजे से 10.00 बजे तक |
पावलिम्पु सेवा | रात्रि 10.00 बजे से 10.20 बजे तक मंदिर बंद रहेगा |
कोडे मोक्कू की अनूठी रस्म
इस मंदिर में श्रद्धालु कोडे मोक्कू की अनूठी रस्म निभाते हैं|स्थानीय लोगों का मानना है कि जब भक्त बैल को मंदिर के चारों ओर ले जाते हैं तो भक्तों की मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं|फिर बैल को मंदिर के चारों ओर ले जाने के बाद भक्त बैल को मंदिर के अधिकारियों को सौंप देते हैं|
Vemulawada Abhishekam Timings
मंदिर अनुष्ठान | सुबह के सत्र |
मंदिर अभिषेकम | 06:15 पूर्वाह्न से 11:30 पूर्वाह्न तक |
मंदिर परिसर में दो वैष्णव मंदिर भी
Raj Rajeshwar मंदिर में भगवान शिव के नील लोहिता स्वरूप के कारण ही इसे ‘दक्षिण भारत का बनारस’ भी कहा जाता है। इस मंदिर में शैव पूजा के साथ साथ वैष्णव पूजा भी होती है| मंदिर परिसर में दो वैष्णव होने के कारण इसे हरिहर क्षेत्रम के रूप में जाना जाता है हर साल यहां रामनवमी पर त्योहार उत्सव के साथ मनाया जाता है| से खास बात यह है कि मंदिर एक दरगाह भी है यह ऐतिहासिक मंदिर धार्मिक सहिष्णुता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
Vemulawada Temple Sevas online Booking
- वेमुलावाड़ा मंदिर दर्शन ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करें|
- आधिकारिक वेबसाइट क्लिक करने के बाद ऑनलाइन बुकिंग का लिंक दिखाई देगा|
- उसे लिंक पर जाइए टिकट बुकिंग का ऑप्शन दिखाई देगा|
- उसके बाद दिनांक और समय चुनिए जिस दिन आपको आना है|
- टिकट बुकिंग के ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद फोरम में अपनी जानकारी जैसे कि नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, अन्य जानकारी को भरिए|
- उसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक करिए| फिर पेमेंट का भुगतान करें|
- इस प्रकार आप श्री राज राजेश्वरी मंदिर ऑनलाइन टिकट बुकिंग कर सकते हैं|
वेमुलावाड़ा में क्या खास है?
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और मुख्य देवता को राजा राजेश्वर के नाम से बुलाया जाता है जो अपनी पत्नी राज राजेश्वरी के साथ यहां रहते हैं। इस मंदिर का निर्माण राजा नरेंद्र द्वारा किया गया था, जिन्होंने भगवान शिव का ध्यान करते समय मंदिर के टैंक (धर्मगुंडम) से शिव लिंग बरामद किया था।
वेमुलावाड़ा का दूसरा नाम क्या है?
श्री राजराजेश्वर स्वामी मंदिर वेमुलावाड़ा
दक्षिण काशी के नाम से लोकप्रिय इस मंदिर में भक्त इष्टदेव श्री राज राजेश्वर स्वामी की पूजा करते हैं।
वेमुलावाड़ा का पुराना नाम क्या है?
वेमुलावाड़ा शुरू में आंध्र प्रदेश का हिस्सा था, लेकिन आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद वर्तमान में यह तेलंगाना राज्य में स्थित है, इसे पहले लेमुलावाटिका और लेम्बुलावाडे के नाम से भी संबोधित किया जाता था और बाद में इसे इसके वर्तमान नाम से जाना जाने लगा।