Thiruporur Murugan temple History:थिरुपुरुर मुरुगन मंदिर, चेंगलपट्टू जिले के ओल्ड महाबलीपुरम रोड पर थिरुपुरुर में स्थित है तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से 28 किलोमीटर दूर है यह मंदिर श्री मुरूगन को समर्पित है|इसे थिरुपुरुर कंदस्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। के बड़े भाई श्री मुरूगन कब से शुरू से दक्षिण भारत में बहुत सामान दिया जाता है उन्हें कार्तिक स्वामी षण्मुख, सुब्रह्मण्य और स्कंद के नाम से भी जाना जाता है। तो आज जानते हैं Thiruporur Murugan Temple Darshan Timings,History के बारे में
थिरुपुरुर मुरुगन मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां हजारों भक्त आध्यात्मिक ऊर्जा और जीवन की सहायता की तलाश में आते हैं यह एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर है जो भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित है यह मंदिर भगवान मुरूगन को समर्पित है चिदंबर स्वामी वह व्यक्ति थे जिन्होंने इस खूबसूरत मंदिर का निर्माण करवाया था और अब लाखों भक्त भगवान मुरूगन के दर्शन के लिए हर साल इस मंदिर आते हैं भगवान मुरूगन का आशीर्वाद के लिए अनुष्ठान करते हैं|
Thiruporur Murugan Temple Darshan
आपको बता दें कि इस मंदिर का दूसरा नाम “थिरुपुरुर कंदस्वामी मंदिर” है। यह मंदिर तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित है। यह सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और मंदिर तक पहुंचना आसान है। भगवान गणेश को दक्षिण भारत में भगवान मुरुगन के नाम से जाना जाता है जो भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। मंदिर सुबह 6:30 बजे से रात 8 बजे तक खुलता है। आप इस दौरान पूजा, सेवा और आरती करने के लिए जा सकते हैं। मंदिर में हर अनुष्ठान के साथ त्यौहार मनाए जाते हैं। त्यौहारों के दौरान समय बदल सकता है।
Thiruporur Murugan temple History
जैसा आप जानते हैं थिरुपुरुर मुरुगन मंदिर दिखाई देता है| यह मंदिर काफी पुराना और इतिहास भरा है उसका निर्माण पहली बार पल्लवों ने 10वीं शताब्दी ई. में कराया था। 17वीं शताब्दी ई. में चिदंबरम स्वामीगल ने इसका जीर्णोद्धार किया था| 4 एकड़ के क्षेत्र में इस मंदिर में एक भव्य राजगोपुरम (प्रवेश द्वार) है, जिसकी ऊंचाई लगभग 70 फीट है। यह लगभग 200 फीट चौड़ा है पारंपरिक द्रविड़ शैली में निर्मित मंदिर में 24 स्तंभ वाला एक हॉल है| जिसके माध्यम से गर्भ ग्रह तक पहुंच जाता है|श्री मुरुगन की खड़ी मुद्रा में 7 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है। उनके दिव्य वाहन – उनके बगल में एक मोर देखा जा सकता है। भगवान शिव और पार्वती माता के लिए एक अलग मंदिर है
मंदिर में एक ताड़ का पत्ता भी रखा हुआ है, जिसके नीचे श्री मुरुगन की मूर्ति मिली थी। इसके बारे में 16वीं सदी के कवि-संत अरुणगिरी नाधार ने लिखा है।बहुत समय पहले की बात है – भगवान शिव, पार्वती माता, कार्तिक स्वामी और श्री गणेश के साथ कैलाश पर्वत पर रहते थे। एक दिन नारद मुनि दर्शन करने आए और अपने साथ ज्ञान का फल लाए। भगवान शिव फल को श्री गणेश और कार्तिक स्वामी के बीच बांटना चाहते थे।
लेकिन फल को काटा नहीं जाना था – यह केवल दोनों में से किसी एक को ही दिया जा सकता था। भगवान शिव ने निर्णय लिया कि फल दुनिया का तीन बार चक्कर लगाने वाले को दिया जाएगा। कार्तिक स्वामी तुरंत अपने वाहन (मोर) पर सवार होकर निकल पड़े। श्री गणेश ने बस भगवान शिव और पार्वती माता की तीन बार परिक्रमा की, क्योंकि वे उन्हें अपना पूरा संसार मानते थे। प्रसन्न होकर भगवान शिव ने फल श्री गणेश को दे दिया। जब कार्तिक स्वामी वापस लौटे और कैलाश पर्वत छोड़ दिया तो वे क्रोधित हो गए। वे पलानी आए और वहां एक संन्यासी का जीवन जीने लगे
अगस्त्य मुनि और मुरुगन की कहानी
अगस्त्य मुनि ने कुछ समय पहले इस स्थान का दौरा किया था। यह वह स्थान भी है जहाँ श्री मुरुगन ने असुर (राक्षस) थारुका को हराया था। तमिल में ‘पोर’ का अर्थ युद्ध होता है – इसलिए इसका नाम थिरुपुरुर पड़ा। श्री मुरुगन की स्वयंभू मूर्ति की खोज बाद के दिनों में चिदंबरा अडिगई ने की थी। उन्होंने इसके चारों ओर एक मंदिर बनवाया और पूजा शुरू की। मंदिर के बगल में चिदंबरा अडिगई को समर्पित एक छोटा मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह श्री मुरुगन की मूर्ति में विलीन हो गया था।
Thiruporur Murugan Temple Darshan Timings
| दिन | मंदिर खुलने का समय | प्रातः दर्शन | मंदिर में विश्राम का समय | सायं दर्शन | बंद करने का समय |
| सोमवार | 6:30:00 पूर्वाह्न | 06:30 से 12:00 तक | 12:00 से 17:00 तक | 17:00 से 20:00 तक | 8:00:00 सायं |
| मंगलवार | 6:30:00 पूर्वाह्न | 06:30 से 12:00 तक | 12:00 से 17:00 तक | 17:00 से 20:00 तक | 8:00:00 सायं |
| बुधवार | 6:30:00 पूर्वाह्न | 06:30 से 12:00 तक | 12:00 से 17:00 तक | 17:00 से 20:00 तक | 8:00:00 सायं |
| गुरुवार | 6:30:00 पूर्वाह्न | 06:30 से 12:00 तक | 12:00 से 17:00 तक | 17:00 से 20:00 तक | 8:00:00 सायं |
| शुक्रवार | 6:30:00 पूर्वाह्न | 06:30 से 12:00 तक | 12:00 से 17:00 तक | 17:00 से 20:00 तक | 8:00:00 सायं |
| शनिवार | 6:30:00 पूर्वाह्न | 06:30 से 12:00 तक | 12:00 से 17:00 तक | 17:00 से 20:00 तक | 8:00:00 सायं |
| रविवार | 6:30:00 पूर्वाह्न | 06:30 से 12:00 तक | 12:00 से 17:00 तक | 17:00 से 20:00 तक | 8:00:00 सायं |
थिरुपोरूर मुरुगन मंदिर पूजा/आरती प्रसाद
| दिन | कलासंधि पूजा | उचिका पूजा | सयाराचाई पूजा | रक्कलम पूजा |
| सोमवार | 9:00:00 पूर्वाह्न | 12:00:00 अपराह्न | 17:30 अपराह्न | 8:00:00 सायं |
| मंगलवार | 9:00:00 पूर्वाह्न | 12:00:00 अपराह्न | 17:30 अपराह्न | 8:00:00 सायं |
| बुधवार | 9:00:00 पूर्वाह्न | 12:00:00 अपराह्न | 17:30 अपराह्न | 8:00:00 सायं |
| गुरुवार | 9:00:00 पूर्वाह्न | 12:00:00 अपराह्न | 17:30 अपराह्न | 8:00:00 सायं |
| शुक्रवार | 9:00:00 पूर्वाह्न | 12:00:00 अपराह्न | 17:30 अपराह्न | 8:00:00 सायं |
| शनिवार | 9:00:00 पूर्वाह्न | 12:00:00 अपराह्न | 17:30 अपराह्न | 8:00:00 सायं |
| रविवार | 9:00:00 पूर्वाह्न | 12:00:00 अपराह्न | 17:30 अपराह्न | 8:00:00 सायं |
Thiruporur Murugan temple open today
| दिन | उषाकाल पूजा | कला शांति पूजा | उचिकला पूजा |
| सोमवार | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 07:30 से 08:30 तक |
| मंगलवार | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 07:30 से 08:30 तक |
| बुधवार | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 07:30 से 08:30 तक |
| गुरुवार | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 07:30 से 08:30 तक |
| शुक्रवार | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 07:30 से 08:30 तक |
| शनिवार | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 07:30 से 08:30 तक |
| रविवार | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 06:30 से 07:30 तक | प्रातः 07:30 से 08:30 तक |
thiruporur murugan temple closing time
| दिन | सुबह | शाम |
| सोमवार | सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक | दोपहर 12:30 बजे से शाम 06:30 बजे तक |
| मंगलवार | सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक | दोपहर 12:30 बजे से शाम 06:30 बजे तक |
| बुधवार | सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक | दोपहर 12:30 बजे से शाम 06:30 बजे तक |
| गुरुवार | सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक | दोपहर 12:30 बजे से शाम 06:30 बजे तक |
| शुक्रवार | सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक | दोपहर 12:30 बजे से शाम 06:30 बजे तक |
| शनिवार | सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक | दोपहर 12:30 बजे से शाम 06:30 बजे तक |
| रविवार | सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक | दोपहर 12:30 बजे से शाम 06:30 बजे तक |
थिरुपुरुर मुरुगन मंदिर पूजा/सेवा शुल्क संरचना
| एस/एन | पूजा सेवा का नाम | मूल्य (भारतीय रुपये) |
| 1. | विल्व अर्चनाई | 5 |
| 2. | मुदी कनिक्कई | 30 |
| 3. | विशेष प्रवेश | 20 |
| 4. | कान में छेद करना | 50 |
| 5. | फोटो/वीडियो | 150 |
| 6. | शादी की फीस | 2000 |
| 7. | शादी का फॉर्म | 100 रुपए |
| 8. | मनप्पेन अज़हैप्पु | 100 रुपए |
| 9. | उर्चावर अभिषेक | 1500 |
| 10. | मूलावर अभिषेक | 1000 |
| 11। | श्री शकरा हंसते हैं | 2500 |
| 12. | संधना कप्पू | 2000 |
| 13. | स्वर्ण रथ | 2000 |
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