कष्‍टभंजन हनुमान दिलाएंगे हर कष्‍ट से मुक्ति,स्त्री रूप में विराजित हैं शनिदेव

sarangpur hanumanji mandir online booking:गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में विराजने वाले कष्‍टभंजन हनुमान यहां महाराजाधिराज के नाम से राज करते हैं मैं सोने के सिंहासन पर राज कर अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते कहते हैं कि बजरंगबली के इस घर पर आकर भक्तों का हर दुख उनकी हर तकलीफ का इलाज फिर चाहे बुरी नजर शनि से के प्रकोप मुक्ति

गुजरात के सारंगपुर में स्थित श्री हनुमान मंदिर, कष्टभंजन के रूप में भगवान हनुमान को समर्पित है। इम मंदिर में पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।आज हम आपको कराने जा रहे हैं कष्टभंजन हनुमान मंदिर के दर्शन यह सिद्ध मंदिर गुजरात के सारंगपुर में स्थित है इस मंदिर में हनुमान जी के भक्त उन्हें दादा के नाम से भी पुकारते हैं इस मंदिर को बजरंगबली के अत्यंत सिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है मान्यता है कि यह हनुमान जी के दर्शन करने से शनि देव की भी खास कृपा प्राप्त होती है

Sarangpur Hanumanji Mandir Online Booking

हनुमान ने अपने बाल रूप में ही सूर्य देव को निकाल लिया था उन्होंने राक्षसों का वध किया और लक्ष्मण के प्राण दाता बजरंगबली ने समय समय पर देवताओं को अनेक संकटों से निकला पवन पुत्र आज भी अपने इस धाम में भक्तों के कष्ट हर लेते हैं इसीलिए उन्हें हनुमान कष्टभंजन हनुमान कहते हैं हनुमान के इस दर पर आते ही हर कष्ट दूर हो जाते हैं उनकी हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं|

विशाल और भव्य किले की एक भवन के बीचो बीच कष्टभंजन का अति सुंदर और चमत्कारी मंदिर है केसरी नंदन के भव्य मंदिरों में से एक कष्टभंजन हनुमान मंदिर भी है गुजरात के अहमदाबाद से भावनगर की ओर जाते हुए 175 कि की दूरी पर कष्टभंजन हनुमान मंदिर है|

अगर आप कष्टभंजन हनुमान मंदिर में जाने का सोच रहे हैं मंदिर जाने से पहले आप Sarangpur Hanumanji Mandir Darshan Booking ऑनलाइन करवा सकते हैं| हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है| कष्टभंजन हनुमान मंदिर ट्रस्ट की तरफ से Sarangpur Hanumanji Mandir vip Darshan Booking सुविधा शुरू कर दी है|

कष्‍टभंजन हनुमान
कष्‍टभंजन हनुमान

Sarangpur hanumanji mandir online booking timings

मंदिर का समय (दर्शन)सुबह 6:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक, शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
प्रसादम समय (अन्नदानम)दोपहर 1:00 बजे से 3:00 बजे तक
पूजा का समयप्रातः 8:00 बजे से प्रातः 9:00 बजे तक
दर्शन में लगने वाला समय1-2 घंटे
प्रवेश शुल्कमुक्त
यात्रा के लिए सबसे अच्छा महीनाअगस्त से मार्च
पारंपरिक ड्रेस कोडपुरुष: धोती, शर्ट नहीं। महिला: साड़ी
पूजा जो की जाती हैअन्नदानम, वस्त्र समर्पण
निकटतम शहरबोटाड

Today Sarangpur darshan time table

यह है सारंगपुर हनुमान मंदिर आरती की समय सारिणी। वह आरती चुनें जिसमें आप शामिल होना चाहते हैं और समय नोट कर लें। आरती के नाम के साथ समय नीचे दिया गया है।

मंदिर दर्शनसमय सारणी
मंगला आरतीसुबह 5:30 बजे
बाल भोग (दर्शन बंद)प्रातः 6:30 बजे से प्रातः 7:30 बजे तक
शंगार आरती (केवल शनिवार एवं मंगलवार को)7.00 ए एम
राजभोग थाल (दर्शन बंद)प्रातः 10:30 बजे से प्रातः 11:00 बजे तक
संध्या आरतीशाम 6:15 बजे

सारंगपुर हनुमान मंदिर के खुलने और बंद होने का समय

दिनसमापन का समय (दोपहर) समापन का समय (रात)
सोमवार1- 3 अपराह्न11:00:00 अपराह्न
मंगलवारखुला रहता है 2.00 पूर्वाह्न (रात)
बुधवार1- 3 अपराह्न11:00:00 अपराह्न
गुरुवार1- 3 अपराह्न11:00:00 अपराह्न
शुक्रवार1- 3 अपराह्न11:00:00 अपराह्न
शनिवारखुला रहता हैपूरी रात खुला रहता है
रविवार1- 3 अपराह्न11:00:00 अपराह्न

Sarangpur Aarti time evening

दिनआरती/पूजा का समय
रविवारसुबह 5:30 बजे
सोमवारसुबह 5:30 बजे
मंगलवारसुबह 5:30 बजे
बुधवारसुबह 5:30 बजे
गुरुवारसुबह 5:30 बजे
शुक्रवारसुबह 5:30 बजे
शनिवारसुबह 5:30 बजे

सारंगपुर हनुमान मंदिर में भोजन का समय

भोजनसमय
नाश्ताप्रातः 8:00 बजे से प्रातः 10:00 बजे तक
दिन का खानादोपहर 12:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक
रात का खानाशाम 7:30 बजे से रात 9:00 बजे तक

क्या है कष्टभंजन धाम की विशेषता

बजरंगबली के सिद्धांत एनी मंदिरों से अलग विशेष स्थान दिलाता है उनके पैरों में विराजमान शनि की मूर्ति क्योंकि यहां शनि बजरंगबली के चरणों में स्त्री रूप में दर्शन देते हैं तभी तो जो भक्त शनि प्रभु से परेशान होते हैं वह यहां आकर नारियल चलकर समस्त चिताओं से मुक्ति पा सकते हैं|

आप जानना चाहते हैं होंगे की आखिरी शनिदेव को क्यों लेना पड़ा स्त्री रूप और वह क्यों बजरंगबली के चरणों में है कहते हैं करीब 200 साल पहले भगवान स्वामी नारायण इस स्थान पर शासन कर रहे थे बजरंगबली की भक्ति में इतनी आगे की उन्हें हनुमान के उसे डिब्बे के दर्शन हुए जो इस मंदिर के निर्माण की वजह बन बाद में स्वामी नारायण के भक्ति गोपाल नंद स्वामी ने यहां इस प्रतिमा की स्थापना की|

कहा जाता है समय था जब शनि देव का पूरे राज्य पर आज तक था शनि देव के अत्याचार से तरसते थे आखिरकार भक्तों ने अपनी फरियाद भजन गली घर पर लगे भक्तों की बातें सुनकर जी हनुमान जी शनि को करने के लिए उनके पीछे पड़ गए देव के जान बचाने का आखिरी विकल्प बाकी था सो उन्होंने स्त्री रूप धारण कर लिया क्योंकि उन्हें हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और वह किसी स्त्री पर हाथ नहीं उठाएंगे|

ऐसा ही हुआ पवन पुत्र ने शनि देव को मारने से इनकार कर दिया लेकिन भगवान राम ने उन्हें दे दिया फिर हनुमान जीने स्वरूप शनि देव को अपने पैरों तले कुचल दिया और भक्तों को शनि देव की अत्याचार से मुक्त किया|

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