Sankashti Chaturthi 2025:Dates and Time,List Pdf

Sankashti Chaturthi 2025 list pdf:साल में संकष्टी चतुर्थी के 12 से 13 वर्ष होते हैं|जो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को आते हैं| हर चतुर्थी को अपना विशेष महत्व है|संकष्टी चतुर्थी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है हर महीने की पूर्णिमा वाली चतुर्थी के बाद आता है|ऐसे में लिए जानते हैं साल 2025 में कब कब संकष्टी चतुर्थी व्रत आने वाला है|

संकष्टी चतुर्थी व्रत को संकट हर या संकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है| भगवान गणेश की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने वाला दिन होता है|इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को जीवन के सभी संगठनों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाते हैं|यह व्रत भक्तों के जीवन सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि दिलाने वाला माना जाता है|साल में संकष्टी चतुर्थी के 12 से 13 व्रत होते हैं|जो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आते हैं|हर चतुर्थी का अपना विशेष महत्व होता है भगवान गणेश के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है|

Sankashti Chaturthi 2025

संकष्टी चतुर्थी या संकटहर चतुर्थी सौम्य हाथी भगवान या भगवान गणेश को समर्पित एक त्यौहार है। इस दिन, भक्त जीवन में अपनी बाधाओं को दूर करने और कठिन समय में एक सफल व्यक्ति के रूप में सामने आने के लिए भगवान गणेश की पूजा करते हैं। यह हिंदू त्यौहार हर महीने कृष्ण पक्ष (चंद्रमा का ढलता चरण) के “ चतुर्थी ” (चौथे दिन) को मनाया जाता है। 

हिंदू पंचांग में एक चंद्र महीने में दो चतुर्थी तिथियाँ होती हैं  संकष्टी चतुर्थी पूर्णिमा के बाद या कृष्ण पक्ष के दौरान पूर्णिमा के दिन आती है, जबकि विनायक चतुर्थी अमावस्या के बाद या शुक्ल पक्ष के दौरान अमावस्या के दिन आती है। संकष्टी चतुर्थी भारत के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में मनाई जाती है। “संकष्टी” शब्द संस्कृत से आया है और इसका अर्थ है “कठिन समय से मुक्ति”।

Sankashti Chaturthi 2025 Dates and Time

संकष्टी चतुर्थी जनवरी 202517 जनवरी, शुक्रवार
संकष्टी चतुर्थी फरवरी 202516 फरवरी
संकष्टी चतुर्थी मार्च 202517 मार्च
संकष्टी चतुर्थी अप्रैल 202516 अप्रैल
संकष्टी चतुर्थी मई 202516 मई
संकष्टी चतुर्थी जून 202514 जून
अंगारकी चतुर्थी जुलाई 202514 जुलाई
संकष्टी चतुर्थी अगस्त 202512 अगस्त
संकष्टी चतुर्थी सितंबर 202510 सितंबर
संकष्टी चतुर्थी अक्टूबर 202510 अक्टूबर
संकष्टी चतुर्थी नवंबर 202508 नवंबर
संकष्टी चतुर्थी दिसंबर 202507 दिसंबर

व्रत की विधि और पूजन

संकष्टी चतुर्थी का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर चंद्र दर्शन तक रखा जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को साफ कर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान को दूर्वा, मोदक, फूल और दीप अर्पित करें। दिनभर व्रत रखें और शाम को चंद्र दर्शन के बाद पूजा सम्पन्न करें। इस दौरान भगवान गणेश के मंत्र और स्तुति का पाठ करें।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, और घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है। इस व्रत को रखने से न केवल संकटों से मुक्ति मिलती है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर देता है। 

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