Padmanabhaswamy Temple Darshan Ticket online Booking:Tickets price,Timings

Padmanabhaswamy Temple Darshan Timings:भारत के केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पूर्वी किले के भीतर स्थित श्री पद्मनाथ स्वामी  मंदिर भगवान विष्णु का मंदिर है इस मंदिर में केरल और पुरानी वास्तु लिपि का अनुपम उदाहरण है इस दुनिया का सबसे धनी मंदिर भी माना जाता है| आपको बता दें कि श्री पद्मनाभस्वामी त्रावणकोर शाही परिवार के कुल देवता हैं| श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास 8वीं सदी से मिलता है इस स्थान को भगवान विष्णु का सबसे प्रसिद्ध निवास स्थान कहा जाता है|केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम का नाम श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रमुख देवता के नाम पर है जिन्हें अनंत (जो सर्प अनंत पर लेटे हैं) भी कहा जाता है। शब्द ‘तिरुवनंतपुरम’ का शाब्दिक अर्थ है – श्री अनंत पद्मनाभस्वामी की भूमि।

इस मंदिर में भगवान विष्णु शयन  मुद्रा में विराजमान है| मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर छह तहखाने हैं जिसमें एक अब से भी अधिक खजाना रखा हुआ है|खजाने में स्वर्ण आभूषण, स्वर्ण प्रतिमाएं, मुकुट, सिंहासन, हीरे, माणिक, पन्ना और अन्य मूल्यवान रत्न शामिल हैं।मंदिर अपनी वस्तु कला और पुराने डिजाइन के लिए जानी जाती है|साथ में यहां का सुनहरा गोहपुर देखने लायक है| लेकिन मंदिर से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह है कि इस मंदिर में जींस स्कर्ट पहनने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर के अंदर जाना वर्जित है|

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Padmanabhaswamy Temple Darshan tickets

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर दिलचस्प कहानी है|श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर विष्णु के 108 पवित्र मंदिरों में से एक है|जिसे भारत का दिव्य देसम भी कहते हैं। दिव्य देसम  भगवान विष्णु का सबसे पवित्र निवास स्थान है| इसका उल्लेख संतो द्वारा लिखे गए पांडू लिपियों में मिलता है| यह मंदिर देखने में काफी बहुत ज्यादा सुंदर है|श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर एक बार जरूर आना चाहिए| और इस मंदिर की सुंदरता और वास्तु कला को जरुर देखना चाहिए|

अगर आप इस मंदिर में आने का सोच रहे हैं तो हम आपको बता दें यहां पर हर साल भक्तों की काफी भीड़ रहती है| आप यहां पर Padmanabhaswamy Temple Darshan tickets किए बिना आसानी से दर्शन नहीं कर सकेंगे| तो हमारी आपको यह सलाह है कि आप आने से पहले Padmanabhaswamy Temple VIP Darshan Online Booking करवा ले|

Padmanabhaswamy Temple Darshan
Padmanabhaswamy Temple Darshan

Padmanabhaswamy Temple Darshan Timings

सुबह का समय – 03:30 बजे से 04:45 बजे तक (निर्माल्य दर्शन) 06:30 बजे से 07:00 बजे तक 8.30 बजे से 10:00 बजे तक 10:30 बजे से 11:10 बजे तक 11:45 बजे से 12:00 बजे तक शाम का समय – 05:00 बजे से 06:15 बजे तक 06:45 बजे से 07:20 बजे तक

द्मनाभस्वामी मंदिर तिरुवनंतपुरम समय

दिनसमय
सोमवारसुबह 3:15 बजे – दोपहर 12:00 बजे
शाम 5:00 बजे – शाम 7:20 बजे
मंगलवारसुबह 3:15 बजे – दोपहर 12:00 बजे
शाम 5:00 बजे – शाम 7:20 बजे
बुधवारसुबह 3:15 बजे – दोपहर 12:00 बजे
शाम 5:00 बजे – शाम 7:20 बजे
गुरुवारसुबह 3:15 बजे – दोपहर 12:00 बजे
शाम 5:00 बजे – शाम 7:20 बजे
शुक्रवारसुबह 3:15 बजे – दोपहर 12:00 बजे
शाम 5:00 बजे – शाम 7:20 बजे
शनिवारसुबह 3:15 बजे – दोपहर 12:00 बजे
शाम 5:00 बजे – शाम 7:20 बजे
रविवारसुबह 3:15 बजे – दोपहर 12:00 बजे
शाम 5:00 बजे – शाम 7:20 बजे

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर दर्शन का समय सुबह :

3:15 से 4:15,
सुबह 6:30 से 7:00,
8:30 से 10:00,
10:30 से 11:10, 11:45
से 12:00

श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर के शाम के दर्शन का समय :

शाम 5:00 बजे से शाम 6:15 बजे तक
शाम 6:45 बजे से शाम 7:20 बजे तक

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर इतिहास

मंदिर का इतिहास काफी पुराना है|श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की नींव की तारीख अज्ञात है लेकिन मान्यताओं की की नींव 5000 वर्ष पहले हुई थी|इस मंदिर का उल्लेख ताड़ के पत्तों पर भी है| जिसे ऋषि दिवाकर मुनि के द्वारा विल्वमंगलम ने इसकी स्थापना की थी। उन्होंने पद्मनाभस्वामी मंदिर कासरगोड में अनुष्ठान किया, जिसे अनंतपुरा झील मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। और उस मंदिर को अनंत पद्मनाभस्वामी की मूल सीट (मूलस्थानम) कहा जाता है।

इस मंदिर के मुख्य देवता भगवान विष्णु है भुजंग सर्प अनंत पर लेटे हुए हैं।मार्तंड वर्मा जो त्रावणकोर के प्रसिद्ध राजा थे इस मंदिर का पुन निर्माण कार्य किराया जो आज के श्री पद्मा स्वामी मंदिर के रूप में हमें दिखता है| मार्तंड वर्मा मैं इसी मंदिर में इस मंदिर में मुरजपम और भद्र दीपम त्यौहारों  शुरुआत की थी|

1750 में मार्तंड वर्मा ने त्रावणकोर  भगवान पद्मास्वामी को समर्पित कर दिया| मार्तंड ब्रह्मा ने यह घोषणा की की राज परिवार भगवान राज्य का शासन शासन करेगा  और उसके वंश के बदमाश स्वामी के दास या सेवक के रूप में सेवा करेंगे| तब से त्रावणकोर प्रत्येक राजा के नाम से पहले पद्मनाभ दास पुकारा जाता है। पद्मनाभस्वामी को त्रावणकोर राज्य द्वारा दिए गए दान को त्रिपड़ीदानम कहा जाता है।

Padmanabhaswamy Temple Dress code in Hindi

मंदिर में प्रवेश के लिए पुरुषों को धोती तथा स्त्रियों को साड़ी पहनना अनिवार्य है| इस मंदिर में हिंदुओं को ही प्रवेश मिलता है| मंदिर में हर वर्ष ही दो महत्वपूर्ण त्योहार का आयोजन किया जाता है| जिसमें से त्यौहार मार्च एवं अप्रैल माह और दूसरा अक्टूबर एवं नवंबर के महीने में मनाया जाता है|

महिलाओं को साड़ी मुंडम नेरियाथुम (सेट-मुंडू), स्कर्ट और ब्लाउज, या आधी साड़ी पहनना आवश्यक है|12 वर्ष से कम उम्र की युवा लड़कियां गाउन पहन सकती हैं| सॉन्ग कोई इसी तरह मुंडू या धोती पहनना होता है और अपने धड़ को खुला रखना होता है प्रवेश द्वार पर धोतिया किराए पर उपलब्ध है|

इन लोगों को मिलती है एंट्री

मंदिर में जाने के लिए आपको ड्रेस कोड को तो फॉलो करना ही होगा आप हिंदू और इंडियन लोगों को ही मंदिर में एंट्री मिलती है इसके अलावा शादीशुदा मंदिर में दर्शन कर सकते हैं|

पद्मास्वामी मंदिर दर्शन ऑनलाइन टिकट प्राइस

यदि आप विशेष दर्शन के लिए भुगतान करते हैं तो आपको सामान्य पंक्ति के लोगों की तुम ना पहले गर्भ ग्रह में प्रवेश कर सकते हैं| पद्मास्वामी vip दर्शन करने का शुल्क ₹150 या ₹180 (प्रसाद के साथ) है। थाली के साथ ढाई सौ रुपए में दो लोगों के लिए प्रवेश भी है | लेकिन बच्चों के लिए प्रवेश निशुल्क है|

padmanabhaswamy temple darshan tickets online

  • padmanabhaswamy temple vip darshan online booking करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करें|
  • मंदिर में प्रवेश निशुल्क है आप मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं दर्शन करतार में खड़े हो सकते हैं| भगवान के दर्शन की प्रतीक्षा कर सकते हैं|
  • लेकिन समय बीतने के साथ कतार लंबी हो सकती है| यदि आप लंबे प्रतीक्षा समय से बचना चाहते हैं तो आप काउंटर पर विशेष पद्मास्वामी मंदिर दर्शन टिकट खरीद सकते हैं|

पद्मनाभस्वामी मंदिर में कौन प्रवेश कर सकता है?

पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के सबसे शानदार मंदिरों में से एक है, जहां साल भर बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। आपको बता दें, मंदिर में एंट्री करने के कुछ सख्त नियम हैं। जैसे यहां केवल साड़ी पहनकर ही महिलाओं को एंट्री मिलती है। मंदिर में प्रवेश करने के लिए पुरुषों को धोती पहननी पड़ती है।

पद्मनाभस्वामी मंदिर का खजाना कितना है?

पद्मनाभस्वामी मंदिर के जब 6 दरवाजों को खोला गया था, उस समय करीब 1 लाख 32 हजार करोड़ का खजाना भारत सरकार को प्राप्त हुआ। वहीं अब तक इस मंदिर के 7वें दरवाजे को खोला नहीं गया है। कहा जाता है कि ये दरवाजा शापित है और इसे एक खास मंत्र के द्वारा ही खोला जा सकता है।

पद्मनाभस्वामी की मूर्ति किस चीज से बनी है?

1733 ई. में तत्कालीन राजा अनिज़म थिरुनल मार्तंड वर्मा ने मंदिर का इतिहास फिर से लिखा। 18 फुट की एक नई मूर्ति 12,008 शालग्राम पत्थरों और गुड़ और जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाई गई थी, जिसे कट्टूसरकरयोगम के नाम से जाना जाता है।

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