Mridul Krishna Shastri Bhagwat Katha LIVE Today:श्रीमद् भागवत कथा की रचना पूज्य श्री वेद व्यास जी ने की थी|भगवान श्री कृष्ण की स्तुति की गई थी उत्तर प्रदेश के वृंदावन में पूज्य मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी महाराज द्वारा किए गए इस पवित्र ग्रंथ के पाठ का दिव्य वर्णन किया गया है|तो आज हम आपको Mridul Krishna Shastri के बारे में विस्तार से बताएंगे|आईए जानते हैं Mridul Krishna Shastri Bhagwat Katha Schedule 2025 और कथा फीस के बारे में
जैसा हम सभी मृदुल कृष्ण शास्त्री के नाम से परिचित है वह दुनिया भर के कई लोगों के लिए एक आध्यात्मिक नेता और गुरु हैं श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी के मधुर भजन आंतरिक प्रकाश को जगाते हैं श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी के भक्ति कथा सुनने के लिए उनके कार्यक्रमों में भारी भीड़ उमती है| तो आज हम आपको बताएंगे मृदुल कृष्ण शास्त्री भागवत कथा की आगामी कार्यक्रम कहां पर हैं| उनके संपूर्ण जीवन के बारे में विस्तार से बताएंगे|
Mridul Krishna Shastri Bhagwat Katha Schedule
आज के समय में मृदुल कृष्ण शास्त्री भागवत कथा के एक महान कथा वाचक है|उनकी कथा सुनने के लिए हजारों की भीड़ उमती है श्री भागवत पुराण कथा के प्रसिद्ध कथा वाचक और भजन गायक हैं|हजारों लोग फॉलो करते हैं उनके गानों को भी खूब पसंद किया जाता है|मृदुल कृष्ण शास्त्री भारत में कई लोगों के लिए एक आध्यात्मिक नेता और गुरु हैं। वे संगीत सम्राट स्वामी हरिदास की छठी पीढ़ी के हैं। श्री भागवत मिशन ट्रस्ट श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से चल रहा है।
हालांकि आयोजनों के अलावा भी एक समाज सेवक के रूप में भी काम करते हैं| मैं एक गायों की एक गौशाला चलते हैं| मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने मुख्य रूप से भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा और उपदेशों को फैलाने का काम किया है| आयोजन में भागवत पुराण कथा सुनाई और भजन भी गए हैं| भारत भारत से लोगों उनके योजनाओं और शो में शामिल होने के लिए आते हैं| यदि आप मृदुल कृष्ण शास्त्री भागवत कथा लाइव में भाग लेना चाहते हैं तो नीचे मृदुल कृष्ण शास्त्री आगामी कार्यक्रम सूची स्थान स्थिति और समय देख सकते हैं|
मृदुल कृष्ण शास्त्री जी कौन हैं? (Who is Mridul Krishna Shastri ji?)
श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज एक ऐसा नाम है जो भक्त और प्राथमिक की दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है| उनकी अद्भुत कथावाचक शैली और भागवत के प्रति प्रेम ने उन्हें लाखों श्रद्धालुओं के दिलों में स्थान दिलाया है महाराज जी का जन्म वृंदावन (vrindavan) के एक धार्मिक परिवार में हुआ, जहां उन्हें बचपन से ही संस्कृत, भागवत और व्याकरण की शिक्षा मिली।
मृदुल कृष्ण शास्त्री जी एक प्रसिद्ध भागवत पुराण कथा वाचक और भक्ति गायक हैं| वृंदावन उत्तर प्रदेश से है और उनका जन्म संगीतज्ञ स्वामी हरिदास जी के परिवार में हुआ था। अपने पिता से भागवत पुराण की कथा सीखी और 16 साल की उम्र से ही कथा सुनना शुरू कर दिया| पिछले 36 वर्षों से वह भागवत कथा सुना रहे हैं| लगभग 700 से अधिक कथाएं सुना चुके हैं| उनकी सरल और रोचक शैली के कारण भारत और विदेशों में लोकप्रिय हैं|2003 में उन्होंने श्री भागवत मिशन ट्रस्ट की स्थापना की जो “मृदुल चिंतन” पत्रिका प्रकाशित करता है और आध्यात्म टीवी चैनल चलाता है। वे भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए अपने अनुयायियों को प्रेरित करते हैं
मृदुल कृष्णा शास्त्री का जीवन परिचय
मृदुल कृष्ण शास्त्री जी एक भागवत पुराण कथावाचक और भजन गायक हैं उनका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ है|उन्होंने संस्कृत सम्पूर्णणानंद विश्वविद्यालय, वाराणसी से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की। उनके पिता श्री मूल बिहारी जी और माता श्रीमती शांति गोस्वामी हैं। उनके दो भाई अतुल कृष्णा और विपुल कृष्णा हैं।
मृदुल जी ने अपनी युवावस्था का अधिकांश समय बिहारीजी (कृष्ण भगवान) की सेवा में बिताया और अपने पिता के साथ भागवत पुराण कथा का वाचन करना सीखा। 16 वर्ष की आयु में उन्हें हरिद्वार में एक समागम के दौरान अपने पिता द्वारा भागवत पुराण के अगले वक्ता के रूप में नियुक्त किया गया। वह 36 वर्षों से भागवत कथा का वर्णन कर रहे हैं और अब तक 700 से अधिक भागवत कथाएं कह चुके हैं। उन्हें श्री रामचरितमानस की लगभग 8000 चौपाईयाँ कंठस्थ हैं।
भागवत कथा के दौरान मृदुल जी मानव जीवन में भगवान के प्रेम की आवश्यकता पर जोर देते हैं। उन्होंने कृष्ण की भक्ति के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। उन्होंने राधा स्नेह बिहारी नामक कृष्ण मंदिर का निर्माण किया। कथा के दौरान वह स्वरचित कृष्ण भजन गाते हैं, जिससे श्रोतागण कृष्ण भक्ति में मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करते हैं।
मृदुल कृष्ण शास्त्री जी की प्रारंभिक शिक्षा (Education of Mridul Krishna Shastri ji)
मृदुल कृष्ण शास्त्री जी (Mridul Krishna Shastri) ने अपनी शिक्षा का आरंभ वृंदावन के पवित्र भूमि पर किया, जहां उन्होंने संस्कृत, वेदिक शास्त्र, और व्याकरण (व्याकरण) की शिक्षा अपने पिता से प्राप्त की। यह वही स्थान था जहां उन्होंने अपने पिता, श्री मूल बिहारी जी, और माता, श्रीमती शांति गोस्वामी जी, के नेतृत्व में अपने आत्मिक जीवन की नींव रखी।
उनके पिता एक प्रसिद्ध भागवत कथा वक्ता थे, और उन्होंने अपने पुत्र को भागवत पुराण कथा की कला सिखाई। यही वजह थी कि उन्होंने केवल सोलह वर्ष की उम्र में ही भागवत कथा सुनाना शुरू कर दिया। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश से प्राप्त की, जहां उन्होंने संस्कृत में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। उनकी शिक्षा ने उन्हें आत्मिक जीवन के लिए दृढ़ आधार प्रदान किया और उन्हें अपने आत्मिक यात्रा को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी।
मृदुल कृष्ण शास्त्री का परिवार (Mridul Krishna Shastri’s Family)
मृदुल कृष्ण शास्त्री जी (Mridul Krishna Shastri) का परिवार भागवत कथा (Bhagwat Katha) और भजन गायन की परंपरा में गहराई से जुड़ा हुआ है। उनके पिता एक प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक और कीर्तनिया थे। मृदुल कृष्ण शास्त्री जी के परिवार के सदस्यों के नाम निम्नलिखित हैं-
पिता | श्री मूल बिहारी जी |
माता | श्रीमती शांति गोस्वामी |
दादा | नाम का उल्लेख नहीं |
भाई | अतुल कृष्णा और विपुल कृष्णा |
पत्नी | श्रीमती वंदना गोस्वामी |
पुत्र | आचार्य श्री गौरव कृष्ण गोस्वामी जी |
Mridul Krishna Shastri Bhagwat Katha Schedule 2024
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