Dwarkadhish Temple Dwarka Darshan:द्वारकाधीश मंदिर से जुड़े ये रहस्य जानकर हैरान हो जाएंगे आप

Dwarkadhish Temple Online booking:द्वारकाधीश मंदिर गुजरात मैं स्थित है|इस जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है| कहां जाता है भगवान श्री कृष्णा मथुरा छोड़ने के बाद यही बस गए थे | यह मंदिर 2000 साल पुराना है| अगर आप द्वारकाधीश मंदिर जाने का सोच रहे हैं तो हम आपको बताना चाहते हैं कि यहां पर साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है| इसी समस्या को देखते हुए द्वारकाधीश मंदिर में ऑनलाइन टिकट बुकिंग करवा सकते हैं|

द्वारकाधीश मंदिर का चार धामों में से एक माना जाता है| यह भगवान श्री कृष्ण को समर्पित हिंदू मंदिर है यहां भगवान कृष्ण को द्वारकाधीश द्वारका के राजा के नाम से पूजा जाता है| सभी हिंदू भक्तों का अपने जीवन में चार धाम यात्रा पूरे करने का सपना होता है| आप गुजरात के द्वारका में स्थित द्वारकाधीश मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं| हर दिन हजारों भक्त इस मंदिर में दर्शन पूजा और आरती में शामिल होने के लिए आते हैं| इस द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन के लिए बुकिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहे|

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Dwarkadhish Temple Online booking

कहते हैं कि द्वारका उसी जगह है जहां हजारों साल पहले द्वापर युग में भगवान कृष्ण निवास स्थान हरि ग्रह हुआ करता था |इस मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के परपोते वज्रनाभ नाम ने करवाया है|द्वारकाधीश मंदिर द्वारका में भगवान के पवित्र दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों भक्त आते हैं| रामनवमी राधा अष्टमी जन्माष्टमी जैसे प्रसिद्ध घरों के दौरान इस मंदिर में हमेशा भक्तों की भीड़ रहती है|

भक्तों को भगवान श्री कृष्णा दर्शन करने के साथ साथ आरती मैं भी शामिल होने का दिल होता है| इसलिए हम आपको बताएंगे कि आप कौन से समय पर वहां जाएं ताकि आप आरती और दर्शन दोनों कर सके|गुजरात के द्वारका को भगवान श्री कृष्ण की नगरी कहा जाता है| जो आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार धामों में एक है|अनुमान लगाया जाता है कि द्वारकाधीश मंदिर 2500 साल पुराना है|

पांच मंजिला मंदिर 72 स्तंभ पर बना हुआ है जिसमें उत्तर दिशा की ओर मौजूद मोक्ष का द्वार कहलाता है| भाई दक्षिणी द्वार स्वर्ग द्वारका कहलाता है|अगर आप द्वारकाधीश मंदिर में ऑनलाइन टिकट बुकिंग जाते हैं तो आप आर्टिकल को अंत तक पढ़े| हम इसमें द्वारकाधीश वीआईपी दर्शन संपूर्ण जानकारी देंगे|

Dwarkadhish Temple Darshan
Dwarkadhish Temple Darshan

द्वारकाधीश मंदिर दर्शन समय

जो भक्त इस जगत मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं, उन्हें दिए गए अनुभाग से दर्शन समय की जांच करनी चाहिए: –

दिनचर्या दिनसमय
प्रातः दर्शन का समयसोम से रवि06:30 से 13:00 बजे तक
सायंकाल दर्शन का समयसोम से रवि17:00 से 21:30 तक

द्वारकाधीश मंदिर पूजा और आरती का समय

द्वारकाधीश मंदिर में हर दिन विभिन्न प्रकार की पूजा और आरती की जाती है। प्रत्येक पूजा और आरती सुबह और शाम को अलग-अलग समय पर की जाएगी। आप केवल दी गई तालिका से पूजा और आरती का समय देख सकते हैं:-

1) द्वारकाधीश मंदिर सुबह की पूजा और आरती का समय;

दैनिक पूजा/आरतीसुबह का समय
मंगला आरती06:30
मंगला दर्शन07:00 से 08:00 तक
अभिषेक पूजा [स्नान विधि] दर्शन बंद08:00 से 09:00 तक
श्रृंगार दर्शन09:00 से 09:30 तक
स्नानभोग: दर्शन बंद09:30 से 09:45 तक
श्रृंगार दर्शन09:45 से 10:15 तक
श्रृंगारभोग: दर्शन बंद10:15 से 10:30 तक
श्रृंगार आरती10:30 से 10:45 तक
ग्वाल भोग: दर्शन बंद11:05 से 11:20 तक
दर्शन11:20 से 12:00 बजे तक
राजभोग: दर्शन बंद12:00 से 12:20 तक
दर्शन12:20 से 12:30 तक
अनोसर, दर्शन बंद13:00

2) द्वारकाधीश मंदिर शाम की पूजा और आरती का समय;

दैनिक पूजा/आरतीशाम का समय
प्रथम दर्शन17:00 उथप्पम
उथप्पम भोग: दर्शन बंद17:00 से 17:45 तक
दर्शन17:45 से 19:15 तक
संध्या भोग: दर्शन बंद19:15 से 19:30 तक
संध्या आरती19:30 से 19:45 तक
शयनभोग: दर्शन बंद20:00 से 20:10 तक
दर्शन20:10 से 20:30 तक
शयन आरती20:30 से 20:35 तक
दर्शन20:35 से 21:00 तक
बंटभोग और शयन: दर्शन बंद21:00 से 21:20 तक
दर्शन21:20 से 21:30 तक
दर्शन मंदिर बंद21:30

द्वारकाधीश मंदिर मैं दर्शन हेतु ऑनलाइन बुकिंग

कहीं भक्ति द्वारकाधीश मंदिर में ऑनलाइन की तलाश कर रहे हैं तो हम उनको बताना चाहते हैं कि द्वारकाधीश मंदिर कमेटी के द्वारा ऑनलाइन बुकिंग करने की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है|

सभी भक्तों को सीधे मंदिर जाना होगा और टिकट काउंटर प्रदर्शन की बुकिंग करनी होगी|

द्वारकाधीश के पास कौन सी नदी है?

द्वारकाधीश मंदिर के साथ गोमती नदी बहती है| मान्यता है कि गोमती नदी में स्नान करने से हमें पापों से मुक्ति मिलती है

द्वारकाधीश क्यों प्रसिद्ध है?

द्वारकाधीश भगवान कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने करवाया था। बाद में समय समय पर मंदिर का विस्तार होता रहा द्वारकाधीश मंदिर द्वारका का मुख्य मंदिर है जिसे द्वारका का मुख्य मंदिर ब्रह्मांड मंदिर भी कहा जाता है

द्वारकाधीश में कृष्ण का असली नाम क्या है?

कन्हैया, माधव, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता है। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्जित महान पुरुष थे।

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