रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान से लेकर राजा भोज और गंगू तेली की दिलचस्प कहानियों के लिए जाना जाता है ये किला

Gwalior fort ticket booking:ग्वालियर का किला भारत के सबसे बड़ी किलो में से एक है किले के इतिहास में तो कई लोग परिचित होंगे|मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मौजूद ग्वालियर किले का निर्माण 8वीं शताब्दी में किया गया था| यह किला मध्यकालीन स्थापत्य के अद्भुत नमूनों में से एक है. लाल बलुए पत्थर से निर्मित यह किला देश के सबसे बड़े किले में से एक है और इसका भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान है लेकिन हम आपके यहां किले से मैं रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं|

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मौजूद ग्वालियर किला भारत में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है तीन वर्ग किलोमीटर के दायरे में पहले इसके लिए की ऊंचाई 35 फिट है|यह किला मध्यकाल अद्भुत नमूनों में से एक है|देश के सबसे खूबसूरत किलो में से एक माना जाने वाला ग्वालियर का किला आज एक शानदार पर्यटक स्थल है|शहर के केंद्र से लगभग 4 किमी की दूरी पर स्थित ग्वालियर किले का निर्माण 8वीं शताब्दी में किया गया था|

इसके लिए का निर्माण दो भागों में हुआ था|यह कई बार एक राजवंश के कब्जे से दूसरे राजवंश तक गया है|इतिहास कारों की माने तो किले का निर्माण 727 ईस्वी में सूर्य सेन ने किया था|किले में कई ऐतिहासिक स्मारक बुद्ध, जैन मंदिर और महल मौजूद हैं। यूं तो लोग ग्वालियर किले के बारे में बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन हम यहां आपको किले से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।

Gwalior Fort Ticket Booking

संख्या जीरो का दूसरा सबसे पुराना रिकॉर्ड किले के अंदर मंदिर में पाया जाता है| मंदिर किले के टॉप पर स्थित है| मंदिर के अंदर एक पत्थर का शिलालेख मिला है जो जो शून्ह चिन्ह के दूसरे सबसे पुराने रिकॉर्ड का प्रमाण है। बता दें कि यह शिलालेख लगभग 1500 साल पुराना है।आपको जानकर हैरत होगी कि इस किले की संरचना रक्षात्मक है। कहने का मतलब ये है कि किला इतना मजबूत है कि अगर कोई किले पर अटैक करने की कोशिश करता है, तो किला गिरेगा नहीं, बल्कि सीधा खड़ा रहेगा।

अगर आप ग्वालियर के लिए मैं जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले Gwalior fort ticket booking करनी होगी| अगर आपने Gwalior fort entry ticket नहीं लेते हैं तो आप किले के अंदर प्रवेश नहीं कर सकते| इसलिए हम आपको बताना चाहते हैं कि इस किले में प्रवेश करने के लिए gwalior fort ticket online booking करवाना जरूरी है| तो आईए जानते हैं आप किस प्रकार ग्वालियर किले के लिए ऑनलाइन टिकट खरीद सकते हैं और इसका समय क्या है संपूर्ण जानकारी

ग्वालियर के किले का इतिहास

इतिहासकारों के दर्ज आंकड़े में इस किले का निर्माण सन 727 ईस्वी में सूर्यसेन नामक एक स्थानीय सरदार ने किया जो इस किले से 12 किलोमीटर दूर सिंहोनिया गांव का रहने वाला था. इस किले पर कई राजपूत राजाओं ने राज किया है. किले की स्थापना के बाद करीब 989 सालों तक इसपर पाल वंश ने राज किया. इसके बाद इसपर प्रतिहार वंश ने राज किया. 1023 ईस्वी में मोहम्मद गजनी ने इस किले पर आक्रमण किया लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा. 1196 ईस्वी में लंबे घेराबंदी के बाद कुतुबुद्दीन ऐबक ने इस किले को अपनी अधीन किया लेकिन 1211 ईस्वी में उसे हार का सामना करना पड़ा. फिर 1231 ईस्वी में गुलाम वंश के संस्थापक इल्तुतमिश ने इसे अपने अधीन किया|

Gwalior Fort timings light and sound show

यह शो ग्वालियर किले पर मार्च से अक्टूबर तक शाम 7:30 बजे और 8:30 बजे और नवंबर से फरवरी तक शाम 6:30 बजे 7:30 बजे में होता है। यह 45 मिनट का शो है जो लंबा लगता है। इसे 30 मिनट के शो तक सीमित करके और अधिक रोचक बनाया जा सकता है। टिकट की कीमत अजीब तरह से ₹ ​​128 प्रति व्यक्ति है।

Gwalior fort entry ticket price

वयस्कभारतीय नागरिकों के लिए 75 रुपये, विदेशी नागरिकों के लिए 250 रुपयेबच्चा15 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रवेश निःशुल्क

Opening and Closing time of Gwalior Fort

सोमवारसुबह 06:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक
मंगलवारसुबह 06:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक
बुधवारसुबह 06:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक
गुरुवारसुबह 06:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक
शुक्रवारसुबह 06:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक
शनिवारसुबह 06:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक
रविवारसुबह 06:00 बजे से शाम 05:30 बजे तक

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ग्वालियर किले में ऑनलाइन बुकिंग के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करिए|

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