भारत के सबसे भव्य मंदिर 1800 करोड़ का पुनर्निर्माण, 1753 टन चांदी से दीवारें जानिए कौन सा वह मंदिर है
लंगाना की पहाड़ी में यद्रादी भुवनगिरी स्थित स्थित ब्लैक ग्रेनाइट स्टोन से बना लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी के मंदिर हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। इस मंदिर को ईंट- सीमेंट आदि से नहीं बनाया गया।
स्कंद पुराण में इस मंदिर का उल्लेख, यहां भगवान नृसिंह तीन रूपों में विराजित, साथ में लक्ष्मी भी
भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की प्रतिमा है, जो कि पूरी दुनिया में एक मात्र प्रतिमा है। हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक स्कंद पुराण में इस मंदिर और नृसिंह अवतार का वर्णन किया गया है।
सकी भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंदिर में 39 किलो सोने और करीब 1753 टन चांदी से सारे गोपुर (द्वार) और दीवारें मढ़ी जाएंगी
मुख्य द्वार के रूप में भगवान हनुमान की एक खड़ी प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर में लक्ष्मी-नृसिंह के साथ ही हनुमान का मंदिर भी है।
महर्षि ऋष्यश्रृंग के पुत्र यद ऋषि ने यहां भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। उनके तप से प्रसन्न विष्णु ने उन्हें नृसिंह रूप में दर्शन दिए थे।
भगवान नृसिंह तीन रूपों ज्वाला नृसिंह, गंधभिरंदा नृसिंह और योगानंदा नृसिंह में यहीं विराजित हो गए। दुनिया में एकमात्र ध्यानस्थ पौराणिक नृंसिंह प्रतिमा इसी मंदिर में है।
2.5 लाख टन ग्रेनाइट पत्थर से 500 मूर्तिकार मंदिर को भव्य रूप दे रहे ग्रेनाइट पत्थर से बनने वाला भारत का सबसे बड़ा मंदिर
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