सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हर साल रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस पर्व में अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा तिथि का होना जरूरी है

यह त्यौहार देश की कई संस्कृतियों में बहुत प्रसिद्ध है क्योंकि भाई-बहनों के बीच कर्तव्य और प्रेम की अवधारणा सार्वभौमिक है।

त्यौहार के दिन सुबह भाई-बहन अपने परिवार के साथ इकट्ठे होते हैं। बहनें सुरक्षा के प्रतीक के रूप में राखी (धागे) बांधती हैं।

भाइयों और बहनों के बीच प्यार और जिम्मेदारी के बंधन का सम्मान करने के लिए दुनिया भर में हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक खुशी का त्योहार है।

रक्षा बंधन ' शब्द का संस्कृत में अर्थ है 'सुरक्षा की गाँठ'। हालाँकि इस त्यौहार से जुड़ी रस्में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकती हैं

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शूर्पणखा ने रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी और रावण का पूरा साम्राज्य उजड़ गया था

रक्षाबंधन का पर्व इस बार सोमवार, 19 अगस्त के दिन पड़ रहा है

लेकिन श्रावण शुक्ल चतुर्दशी 18 अगस्त 2024 को रात 2 बजकर 21 मिनट से ही भद्रा शुरू हो जाएगी

इसका समापन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा सोमवार, 19 अगस्त 2024 को दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट पर होगा. इसके बाद ही रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शुरू होगा

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