अगर आप ऊटी  घूमने जा रहे हैं करिए पहाड़ों, झरनों के बीच से गुजरते टॉय ट्रेन से सफर

ये यात्रा 46 किलोमीटर लंबी है और एक छोटी सी नीले रंग की ट्रेन 325 मीटर से लेकर 2,240 मीटर तक की ऊंचाई पर चलती है।

ये इंजन दुनिया के सबसे पुराने रेलवे इंजन में से एक है और इसके कारण आपको इस ट्रेन रूट में बैठने का बहुत अलग अनुभव होगा

आश्चर्यजनक नज़ारों, विशाल चाय के बागानों और शांत झीलों से लेकर झरने और भव्य बगीचों तक, यहां एक्सप्लोर करने और अनुभव करने के लिए बहुत कुछ है

ऊटी टॉय ट्रेन के  सफर में आपको ऊंची पहाड़ियां चाय के बागान  और साथ में  झरने देखने को मिलेंगे

इस ट्रेन रूट को 14 साल पहले UNESCO ने वर्ल्ड हैरिटेज साइट घोषित कर दिया गया था।

ये रेल रूट 1908 में बनकर तैयार हुआ था और इसका आखिरी स्टॉप कुन्नूर तक था जिसे बढ़ाकर ऊटी तक कर दिया गया था।

इस ट्रेन ट्रैक में जो ब्रिज और सुरंग हैं वो भी अंग्रेजों के जमाने के ही हैं। अगर आप ऊटी घूमने का प्लान बना रही हैं तो इस ट्रेन रूट को मत भूलिएगा।

मेट्टुपालयम-ऊटी और शनिवार और रविवार को ऊटी-मेट्टुपालयम के बीच चलने वाली विशेष पर्वतीय ट्रेन है। 

तमिलनाडु कुन्नूर और ऊटी में विशेष टॉय ट्रेन  ऑनलाइन टिकट बुकिंग और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करिए