पृथ्वी का एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां हर रात को सोने के लिए आते हैं महादेव,जानिए इस ज्योतिर्लिंग की महिमा

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ है. अगर भौगोलिक दृष्टिकोण से देखें तो यह एक रिवर आइलैंड है

मध्य प्रदेश के इंदौर से करीब 80 किमी दूर नर्मदा नदी के किनारे एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

यह मंदिर 5 मंजिलों में बना हुआ है. जहां हर मंजिल में अलग-अलग देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित है. यहां श्रद्धालु नर्मदा के जल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं

हिन्दू धर्म पुराणों के अनुसार, ओंकारेश्वर का नाम ॐ की ध्वनि से लिए गया है. ॐ को हिन्दू धर्म पुराणों में वह प्रधान ध्वनि मन जाता है, जिससे पृथ्वी लोक में सब कुछ उभरा है

ओंकारेश्वर मंदिर स्थल में एक बड़ा सभा मंडप है, जो 60 विशाल भूरे रंग के पत्थरों के खम्बे हैं

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को लेकर धार्मिक मान्यता है कि बाबा भोलेनाथ यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं. कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं

महादेव को यहां पर ममलेश्वर व अमलेश्वर के रूप में पूजा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग के आस-पास कुल 68 तीर्थ स्थित हैं और यहां भगवान शिव 33 करोड़ देवताओं के साथ विराजमान हैं

उज्जैन स्थिति महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती की तरह ओंकारेश्वर मंदिर की शयन आरती विश्व प्रसिद्ध है

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