कुमार पर्वत ट्रैक को पुष्पगिरि ट्रेक भी कहा जाता है|

कुमार पर्वत ट्रैक कुल 25-28 किलोमीटर तक फैला है

शास्त्रों की मानें तो इस चोटी पर ही महादेव शिव प्रकट हुए थे. कुमार पर्वत की चोटी से शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय का अलौकिक चित्र दिखता है

स्थानीय लोगों का मानना है कि कुमार पर्वत पर चढ़ाई करने से काल सर्प दोष दूर होता है

इस पर्वत के शिखर तक जाने के लिए दो रास्ते हैं, सोमवारपेट रूट और कुक्के सुब्रह्मण्य रूट

कुमार पर्वत ट्रेक, जिसे पुष्पगिरी ट्रेक भी कहा जाता है, बेस से कुल 25-28 किलोमीटर की दूरी पर है

ये भी मान्यता है कि यहां भगवान शिव कुछ देर के लिए रुके थे इसलिए इसे धरती का दूसरा कैलाश भी कहा जाता है

ऊबड़-खाबड़ रास्तों से युक्त, कुमारा पर्वत ट्रेकिंग का अनुभव आपको रोमांच और आनंद से भरपूर समय देगा।

ट्रेक के दौरान पहुँची जाने वाली अधिकतम ऊँचाई औसत सील स्तर से लगभग 1700 मीटर होगी।

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