कालसर्प दोष मुक्ति पाने के लिए दक्षिण के इस मंदिर में की जाती है पूजा

आश्लेषा बलि सर्प दोष या कालसर्प दोष के लिए की जाती है। पूजा दो पालियों में होती है; एक सुबह 7:00 बजे और एक सुबह 9:15 बजे

यह नागा मंदिर या नागाबाण या बरगद के पेड़ों के आसपास नक्काशीदार नागा पत्थर की स्थापना की प्रक्रिया है। यह अतिरिक्त पूजा सर्प दोष या सर्प संस्कार के संपूर्ण पूजा चक्र को पूरा करने के लिए है।

आज हम भारत के प्राचीन मंदिर कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर भगवान कार्तिकेय जी  में से एक के बारे में बताने जा रहे हैं

मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय जी  को सुब्रमण्या देवता के रूप में पूजा जाता है। अगर किसी व्यक्ति को कालसर्प दोष हो और उससे मुक्ति पानी हो तो इस मंदिर में जरूर जाइए

हम आपको बताना चाहते हैं कि कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर कर्नाटक 5000 साल पुराना माना जाता है

हम आपको बताना चाहते हैं कि कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर कर्नाटक 5000 साल पुराना माना जाता है अगर जिंदगी कुंडली में कालसर्प दोष हो इस मंदिर के दर्शन कर ले उसका वह कालसर्प दोष खत्म होता है|

कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर के इतिहास के बारे में हमें पता चलता है कि भगवान सुब्रमण्या को शनमुख देवता के नाम से भी जाना जाता है|

कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर क्लिक करें|

– ऑफिशल वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर टिकट पास का लिंक दिखाई देगा|  लिंक पर आपको क्लिक करना होगा|

उसके बाद अपना नाम पता मोबाइल नंबर संपूर्ण जानकारी भरिए|सबसे आखिर में सबमिट बटन पर क्लिक करें| 

– इस प्रकार आप कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर मैं ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं|