हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में किन्नर कैलाश पांच कैलाश में से एक है
किन्नर कैलाश शिवलिंग का आकार त्रिशूल जैसा लगता है। किन्नर कैलाश पार्वती कुंड के काफी नजदीक है जिस वजह से भी इसकी मान्यता बहुत अधिक है।
यहां पर ट्रेकिंग करने का सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर तक होता है क्योंकि इस समय इसकी खूबसूरती अलग ही होती है
यहां पर चढ़ाई करना बेहद मुश्किल है। क्योंकि यहां 14 किलोमीटर लंबे इस ट्रेक के आस-पास बर्फीली चोटियां हैं। लेकिन यहां कि खूबसूरती देखते ही बनती है।
किन्नर कैलाश की खास बात ये है कि यहां पर स्थित शिवलिंग बार-बार रंग बदलता है। कहा जाता है कि यह शिवलिंग हर पहर में अपना रंग बदलता है।
सुबह के समय इसका रंग अलग होता है और दोपहर के समय सूरज की रोशनी में इसका रंग बदला हुआ दिखता है और शाम होते ही इसका रंग फिर से बदल जाता है।
ये शिवलिंग समुद्र तल से 17200 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। क्योंकि ये हिमाचल के दुर्गम स्थान पर स्थित है इसलिए यहां न तो आपको बहुत भीड़ मिलेगी और न ही यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को छेड़ा गया है।
किन्नर कैलाश पर्वत से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि इसके पास स्थित कुंड देवी पार्वती ने खुद बनाया था। ये पार्वती और शिव भगवान के मिलने का स्थान था।
यहां पर पूरी तेयारी के साथ आना चाहिए क्योंकि यहां पर ट्रेक करना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए किसी स्थानीय गाइड को अपने साथ ले सकते हैं।
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