400 सालों तक बर्फ में दबा रहा ज्योतिर्लिंग कैसे हुई बैल रूपी शिवलिंग की स्थापना, जानें क्या है इस धाम के रहस्य
केदारनाथ का सबसे बड़ा रोचक तथ्य यहां पर स्थित शिवलिंग त्रिकोण के आकार का एक बड़ा पत्थर है|
मान्यता है कि मान्यता है कि केदारनाथ धाम स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है स्वयंभू शिवलिंग का अर्थ है जो समय प्रकट हुआ है
केदारनाथ मंदिर में भगवान शिव के वाहन नंदी के साथ पार्वती, भगवान कृष्ण, पांच पांडवों और उनकी पत्नी द्रौपदी, नंदी, वीरभद्र और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।
केदारनाथ मंदिर की ऊंचाई 85 फीट, लंबाई 187 फीट और चौड़ाई 80 फीट है। केदारनाथ मंदिर की दीवारें 12 फीट मोटी हैं और अविश्वसनीय रूप से मजबूत पत्थरों से बनी हैं।
केदारनाथ पंच केदार में से एक के साथ साथ 12 ज्योतिर्लिंग में भी एक ज्योतिर्लिंग है|
केदारनाथ मंदिर का निर्माण सबसे पहले पांडवों ने करवाया था। 8वीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य जी ने भी केदारनाथ का पुनर्निर्माण करवाया था।
इस मंदिर ने कई समस्याओं और प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है इसके बावजूद यह मंदिर आज भी मजबूत है। यहां तक कि 2013 में आई भयानक बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया
राक्षसों से रक्षा भैरो नाथ मंदिर को केदारनाथजी का रक्षक माना जाता है। केदारनाथ मंदिर के उद्घाटन और समापन समारोह पर भैरव नाथ मंदिर जाना जरूरी है।
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