चमत्कारी करमनघाट हनुमान मंदिर डर से औरंगजेब काँपा था, जिसे औरंगज़ेब भी तोड़ न सका, लौट गया था उल्टे पांव

इस मंदिर में औरंगजेब की शक्तिशाली सेनाएं परिसर की दीवार के पास भी प्रवेश नहीं कर सकती थीं । यह जानने के बाद, औरंगजेब खुद हाथ में कौवा लेकर मंदिर को नष्ट करने के लिए वहां गया।

करमनघाट हनुमान मंदिर हैदराबाद – यहां सिपाही बनकर खड़े हैं बजरंग बली॥ भक्तों आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां हनुमान जी सिपाही बनकर खड़े हैं।

करमनघाट हनुमान मंदिर’ भी वो तोड़ना चाहता था. हालांकि, ऐसा हो नहीं पाया. क्योंकि, मंदिर तोड़ने से पहले ही औरंगज़ेब के पसीने छूट गए. वो इस कदर डर गया कि वहां से वापस लौट गया.

इस समय एक आकाशवाणी हुई मंदिर तोड़ना है राजा तो कर माण घाट”’  इसका मतलब था कि अगर मंदिर को तोड़ना है तो अपने मन हृदय को ताकतवर बना राखी औरंगजेब इस घटना के बाद चुपचाप मंदिर से चला गया

जितना भव्य बजरंग बली का दरबार, उतना ही सम्मोहक उनका रूप,सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां बजरंग बली मंगलवार की नहीं बल्कि रविवार की पूजा से होते हैं प्रसन्न

करमनघाट मंदिर द्राविड़ शैली में बना है. इस मंदिर में हनुमान जी के अलावा श्री राम, भगवान शिव, देवी सरस्वती, माता पार्वती, संतोषी माता, भगवान वेणुगोपाल और भगवान जगन्नाथ स्वामी की प्रतिमाएं हैं

अन्य हनुमान मंदिरों में मंगलवार या शनिवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन करमनघाट के हनुमान मंदिर में रविवार को विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है

इस मंदिर में कुछ विशेष लेकिन रोचक विधान है| मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा ध्यान मुद्रा में है लेकिन उन्हें एक सैनिक के समान वेशभूषा पहनाई जाती है।

मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति इस तरह स्थापित की गई है कि उसका मुंह प्रभु भगवान श्रीराम की ओर रहे और वे उन्हीं को ही एक टक देखे जा रहे हैं।

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