जानिए क्यों होती है उज्जैन मैं महाकाल की भस्म आरती, जानें क्या है परम्परा
मान्यताओं के अनुसार बाबा महाकाल के दर्शन करने से जीवन-मृत्यु का चक्र खत्म हो जाता है और व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है
माना जाता है कि बाबा भोलेनाथ ने यहां दूषण के भस्म से अपना श्रृंगार किया था. इसलिए आज भी यहां महादेव का श्रृंगार भस्म से किया जाता है.
यह पहला ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव की दिन में 6 बार आरती की जाती है
जिस वक्त शिवलिंग पर भस्म चढ़ती है उसे वक्त महिलाओं को घूंघट करने को कहा जाता है
इस आरती में महिलाओं के लिए साड़ी पहनना जरूरी है| और पुरुषों को धोती पहनी होती है
क्योंकि महाकाल में भस्म आरती होती है और ये कहा जाता है कि पहले यहां जलती हुई चिता की राख लाकर पूजा की जाती थी
भस्म आरती दर्शन करने के लिए कुछ खास नियम है यहां आरती करने का अधिकार सिर्फ यहां के पुजारी को होता है
भस्म आरती के समय भगवान शिव निराकार रूप में होते हैं और महिलाओं को भगवान का इस स्वरूप के दर्शन करने की अनुमति नहीं होती
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