रहस्यमयी है देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम,शिवलिंग पर मणि से लगातार टपकता है पानी, कहां से आता है यह जल, बना हुआ है रहस्य

झारखंड के देवघर स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बैजनाथ धाम में स्‍थापित श‍िवलिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से नौवां ज्योतिर्लिंग है। यह देश का पहला ऐसा स्‍थान है जो ज्योतिर्लिंग के साथ ही शक्तिपीठ भी है

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि बैद्यनाथ धाम की स्थापना खुद भगवान विष्णु ने की थी।

इस स्थान के कई नाम प्रचलित हैं जैसे हरितकी वन, चिताभूमि, रावणेश्वर कानन, हार्दपीठ और कामना लिंग। कहा जाता है कि यहां आने वाले सभी भक्‍तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं

लेकिन देश में बैद्यनाथ धाम मंदिर एक मात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जहां भगवान शिव के मंदिर के शिखर पर त्रिशूल के स्थान पर पंचशूल लगा होता है

देवघर के बैद्यनाथ मंदिर परिसर के शिव, पार्वती, लक्ष्मी-नारायण और अन्य सभी मंदिरों में पंचशूल लगे हैं।

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर को बाबा धाम और बैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है। वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का स्थान बहस का विषय है। झारखंड के देवघर में वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग कथित स्थान है।

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, जिसे बाबा बैद्यनाथ धाम और बैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है, बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर अपनी विभिन्न स्थापत्य शैली और सुंदर परिवेश के लिए भक्तों के बीच लोकप्रिय है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार पंचशूल को सुरक्षा कवच माना गया है।मान्यता है कि पंचशूल के कारण मंदिर पर आज तक कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आई है|

मंदिर के परिसर में शिव मंदिर के शिखर से माता पार्वती के शिखर तक गठबंधन की एक अनोखी परंपरा है

झारखंड के देवदार स्थित प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंग कामनालिंग बाबा बैद्यनाथ को मंदिर परिसर में ऐसे तो 22 मंदिर हैं| जहां एक ही परिसर में शिव शक्ति विष्णु ब्रह्मा की भी पूजा होती है

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