आद‍ि कैलास जहां जाने के ल‍िए न पासपोर्ट चाह‍िए न वीजा,ऐसे होगा पंजीकरण नहीं होंगे परेशान 4 मई से शुरू हो रही है यात्रा

अपने पौराणिक और धार्मिक संदर्भ के कारण इस स्थान का अत्यधिक धार्मिक महत्व है । आदि कैलाश मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और आदि कैलाश आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक प्रमुख पूजा स्थल है।

आदि कैलाश या छोटा कैलाश एक अलग दिशा में स्थित है, सिन ला दर्रे के पास और ब्रह्मा पर्वत के पास, आदि कैलाश का आधार शिविर भगवान शिव मंदिर के साथ पवित्र जोलिंगकोंग झील पर कुट्टी गांव से 17 किमी दूर है।

आदि कैलाश उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा के करीब है. यहां के दर्शन अब शिवभक्त आसानी से कर सकते हैं

कहा जाता है कि यहां कैलाश के बराबर ही है मान्यता है. शिवभक्त कैलाश मानसरोवर यात्रा ना होने से मायूस हैं, उनके लिए आदि कैलाश यात्रा का संचालन किया जा रहा है. जिसकी आकृति और महत्व कैलाश मानसरोवर के बराबर ही दिखते हैं

आदि कैलाश और ओम पर्वत के श्रद्धेय पर्वत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित हैं. दोनों चोटियां भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व रखती हैं

अपने पौराणिक और धार्मिक संदर्भ के कारण इस स्थान का अत्यधिक धार्मिक महत्व है । आदि कैलाश मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और आदि कैलाश आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक प्रमुख पूजा स्थल है।

ओम पर्वत का निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर रेलवे स्टेशन (टीपीयू) है, जो टनकपुर, उत्तराखंड में स्थित है। टनकपुर से, आप धारचूला तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या बस ले सकते हैं

उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा पर इस साल विगत वर्षों की अपेक्षा ज्यादा यात्रियों के आने की उम्मीद है। कुमाऊं मंडल विकास निगम ने यात्रियों की सुविधा के लिए टूर पैकेज की धनराशि में कटौती की है।

कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) ने यात्रा के लिए बुकिंग शुरू कर दी है। साथ ही निगम ने अपने टूर पैकेज के दाम भी जारी कर दिए हैं। इस वर्ष आठ दिन की यात्रा पैकेज में लगभग पांच हजार रुपये की कटौती की गई है।

आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा का कार्यक्रम जारी करते हुए केएमवीएन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए पहली बार चंपावत के टनकपुर से वाया काठगोदाम और वापस टनकपुर तक यात्रा रूट निर्धारित किया है।

10 से 80 साल के लोग यात्रा में शामिल हो सकते हैं लेकिन बुकिंग के दौरान यात्रियों को अपनी मेडिकल रिपोर्ट जमा करानी होगी, जिसके बाद धारचूला पहुंचने पर भी उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।

करीब 6 हजार मीटर की ऊंचाई पर मौजूद आदि कैलाश को छोटा कैलाश भी कहा जाता है. उत्तराखंड में मौजूद आदि कैलाश पर्वत तिब्बत के कैलाश मानसरोवर जितना ही खूबसूरत और प्राकृतिक नजारों के बीच मौजूद है

आदि कैलाश रजिस्ट्रेशन के लिए अधिक जानकारी ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा|