मरने के बाद आत्मा यहां लाई जाती है, लगती है धर्मराज की कचहरी जानिए कौन सा वह मंदिर है
हिमाचल प्रदेश के भरमौर में साक्षात धर्मराज विराजमान हैं। उत्तरी भारत के शिव धाम भरमौर के चौरासी परिसर में विश्व का इकलौता धर्म राज का मंदिर है।
मान्यता है कि धर्मराज महाराज के इस मंदिर में मरने के बाद हर किसी को जाना ही पड़ता है चाहे वह आस्तिक हो या नास्तिक
बताया जाता है कि इसी गुप्त यंत्र से धर्मराज सबके जीवन का हिसाब लेते हैं। साथ ही मंदिर के बगल में ढाई सीढ़ियां लगी हैं जिन्हें स्वर्ग के दरवाजे के रूप में भी देखा जाता है।
चौरासी परिसर में बने इस मंदिर के ठीक सामने चित्रगुप्त का आसन बनाया गया है। जबकि मंदिर से पहले सीढ़ियां और एक गुप्त यंत्र स्थापित है
चित्रगुप्त जीवात्मा के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। इसी मंदिर में होता है यहीं से स्वर्ग और नरक के जाने का रास्ता है
चित्रगुप्त के सामने के कक्ष में आत्मा को ले जाया जाता है। इस कमरे को धर्मराज की कचहरी कहा जाता है|जहां अंदर जाने से भी लोग कतराते है। यह मंदिर सदियों पुराना है
ऐसा माना जाता है कि भरमौर में चौरासी मंदिर परिसर दसवीं शताब्दी से भी पहले का बना है। यहां अलग-अलग देवताओं की शरण स्थली है।
मान्यता है इस मंदिर में चार अदृश्य द्वार हैं जो स्वर्ण, रजत, तांबा और लोहे के बने हैं। यमराज का फैसला आने के बाद यमदूत आत्मा को कर्मों के अनुसार इन्हीं द्वारों से स्वर्ग या नरक में ले जाते हैं।
यह मंदिर भरमौर के चौरासी मंदिर परिसर में मौजूद है। इस मंदिर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए लिंक पर क्लिक करिए