Trimbakeshwar Temple Darshan:ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा,यहां कालसर्प,पितृ-दोष से मिलती है मुक्ति

trimbakeshwar temple darshan booking:त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर, त्र्यंबक गांव (महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित)  एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है इस दिव्य 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में पहचाना जाता है| पवित्र नदी गोदावरी का उद्गम त्रिम्बक के पास से होता है|इस मंदिर का निर्माण 1755 से 1786 ईस्वी में श्री नाना नानासाहेब पेशवा के द्वारा करवाया गया था|त्र्यंबक ” शब्द त्रिदेवों से इकट्ठा होता है ब्रह्मा विष्णु महेश

trimbakeshwar temple vip darshan booking:ऐसा कहां जाता है त्र्यंबकेश्वर  पर मंदिर में भगवान श्री राम अपने पिता दशरथ का श्राद्ध करने के लिए आए थे|त्र्यंबकेश्वर मंदिर एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जहां वास्तविक लिंग एक गड्ढे या गुहा में मौजूद है । जल के अत्यधिक उपयोग के कारण मानव स्वभाव के प्रतीक लिंग का शरण प्रारंभ हो गया| जिसे ब्रह्मा विष्णु महेश के सोने के मुखौटे के ऊपर रखा गया है|इस मुकुट को पांडवों के समय का बताया जाता है| और प्रत्येक सोमवार को शाम 4:00 से 5:00 तक से प्रदर्शित किया जाता है|

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Trimbakeshwar Temple Online Darshan Booking

त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर देवस्थान ट्रस्ट के द्वारा पूजा करने और दर्शन करने की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा शुरू कर दी है|त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर प्रातः काल ब्रह्मा दोपहर के समय शिव और रात्रि के समय में विष्णु की पूजा की जाती है| पूजा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मंदिर ट्रस्ट के फैसले को पुराने लोगों ने गलत माना था जब कि नहीं पीढ़ी के लोगों ने इस फैसले को सही बताया है|उन्होंने कहा कि घर से निकलने से पहले ही पूजा के लिए बुकिंग करने से समय की बचत तथा अच्छी तरह से भगवान का दर्शन करने को मिलता है|

trimbakeshwar vip pass online:शिव पुराण में वर्णन है कि गोमती ऋषि तथा गोदावरी और सभी देवताओं की प्रार्थना पर भगवान शिव ने स्थान पर निवास करने का निश्चय किया|इस मंदिर के भीतर एक गर्भ ग्रह है जिसमें प्रवेश करने के पश्चात शिवलिंग आंख के समान दिखाई देता है जिसमें  जल भरा रहता है यदि ध्यान से देखा जाए तो इसके भीतर 1 इंच के तीन शिवलिंग दिखाई देते हैं| इन तीनों लिंगो को त्रिदेव यानी ब्रह्मा विष्णु महेश का अवतार माना जाता है| इसलिए इस ज्योतिर्लिंग का अभिषेक करने पर त्रिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है|

अगर आप त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर आने का सोच रहे हैं तो हम आपको बताएंगे आप मंदिर आने से पहले trimbakeshwar temple darshan booking करवा ले|त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर ऑनलाइन बुकिंग करवाने से आपको लंबी लाइनों में लगा नहीं पड़ेगा|इससे आपकी समय की बचत होगीऔर आप आसानी से दर्शन कर पाएंगे|

Trimbakeshwar Temple Darshan
Trimbakeshwar Temple Darshan

त्र्यंबकेश्वर मंदिर का समय

त्र्यंबकेश्वर दर्शन का समय नीचे दिया गया है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से पहले आपको इसकी जांच अवश्य करनी चाहिए।

त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर सुबह 7:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुलता और बंद होता है।

सुबह7.00 ए एम
शामशाम के 8:00 बजे

त्र्यंबकेश्वर मंदिर आरती और पूजा का समय

दर्शन का समयप्रातः 5:30 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक
रुद्राभिषेक का समयप्रातः 7:00 बजे से प्रातः 8:30 बजे तक
विशेष पूजा का समयसुबह 7:00 बजे, दोपहर 1:00 बजे और शाम 4:30 बजे
दोपहर की पूजादोपहर 1:00 बजे से 1:30 बजे तक
शिव स्वर्ण मुकुटसायं 4:30 बजे से सायं 5:00 बजे तक

त्र्यंबकेश्वर मंदिर में की गई पूजा

त्र्यंबकेश्वर मंदिर बहुत तरह की पूजाओं  और अनुष्ठान के लिए प्रसिद्ध है पितृ दोष पूजा केवल त्र्यंबकेश्वर मंदिर में की जाती है। अन्य पूजाएँ नीचे दी गई हैं।

1. काल सर्प दोष पूजा

कालसर्प दोष पूजा तब होती है जब कुंडली में केतु राहु के बीच सभी साथ ग्रह आते हैं अतः ऐसी कुंडली वाले व्यक्ति पर केतु और राहु का प्रभाव रहता है|इस सर्प दोष के नाम से जाना जाता है और माना जाता है इसका बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है|

2. नारायण बलि पूजा

नासिक में नारायण बलि पूजा मनुष्य की अप्राकृतिक मृत्यु नासिक में नारायण बलि पूजा मनुष्य की पितृ दोष के लिए भगवान नारायण को प्रसन्न करने के लिए की जाती है| यह पूजा अप्राकृतिक मृत्यु  में की जानी चाहिए जैसे जानवरों से मृत्यु अभिशाप है जब बीमारी आत्महत्या शाम का काटना आदि|

नारायण बलि हमारी दुनिया में फांसी मृत आत्माओं की अतृप्त इच्छाओं को पूरा करने और शांत करने के लिए की जाती है क्योंकि यह इच्छाएं मृत्यु के बाद भी आत्मा के साथ रहती हैं अपनी दर्द से छुटकारा पाने के लिए मैं अपने ही परिवार को परेशान करते हैं|

3. पितृ दोष निवारण पूजा

पितृ दोष निवारण पूजा एक ऐसा समझ है जिसे हिंदू संस्कृति में बहुत बड़ा महत्व है आपके जीवन में उत्पन्न होने वाले किसी भी समस्या या कठिनाई को ठीक करने के लिए किया जाता है जो अपने पूर्वजों के कारण हो सकता है जैसे वह खुश नहीं है इससे पितृ दोष प्रभावित हो सकता है|

इसके लिए यह पूजा की जाती है उसके लिए पूजा में विशेष प्रार्थना की जाती है और पितरों का तर्पण किया जाता है| पितरों से आशीर्वाद मांगा जाता है और साथ में जो कोई गलती हो गई हो उसके लिए क्षमा मांग ली जाती है|

4. रुद्राभिषेक पूजा

रुद्राभिषेक भगवान शिव का आशीर्वाद पानी के लिए की जाने वाली एक महत्वपूर्ण और पवित्र वैदिक अनुष्ठान किया जाता है|भगवान शिव को पंचामृत, दूध दही और अन्य पवित्र वस्तुओं से स्नान करना शामिल है|

5. त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा

त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा उन पूर्वजों की आत्मा को शांति के लिए किया जाता है आत्माओं की अधूरी इच्छा के साथ उनका उचित संस्कार के बिना मर गए हो ऐसा माना जाता है नासिक में इस पूजा से पितृ दोष भी दूर हो जाता है| त्रिवेणी श्राद्ध पूजा किसी भी पवित्र स्थान पर की जा सकती है इस पूजा में पूर्वजों की तीन पीढियां को तीन पिंड देना शामिल है|

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  • त्र्यंबकेश्वर मंदिर ऑनलाइन दर्शन ऑनलाइन बुकिंग आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर क्लिक करें|
  • आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद अब अपनी जाने की तारीख पूरा नाम लिंग आयु आईडी प्रमाण पत्र आईडी नंबर व्यक्तियों को अपने साथ जोड़ें की संपूर्ण जानकारी देनी होगी|
  • उसके बाद सबमिट बटन पर जाकर क्लिक करें|
  • इस प्रकार आप त्र्यंबकेश्वर मंदिर ऑनलाइन दर्शन ऑनलाइन बुकिंग कर पाएंगे|

त्र्यंबकेश्वर मंदिर Vip दर्शन टिकट कितने का है?

मंदिर के मुख्य द्वार पर आपको vip दर्शन पास मिल जाएगा|इसके लिए आपसे आपसे 200 शुल्क लिया जाएगा

क्या हम त्रयंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग क्या शिवलिंग को छू सकते हैं?

जी हां आप ज्योतिर्लिंग में शिवलिंग को छू सकते हैं

त्रयंबकेश्वर मंदिर में किस चीज की अनुमति नहीं है?

त्र्यंबकेश्वर मंदिर के अंदर भक्तों को दूध दही या कोई अन्य प्रसाद चढ़ाने की अनुमति नहीं है लगी वह फूल और जल चढ़ा सकते हैं

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