Padmavathi Temple Darshan Ticket:पद्मावती देवी मंदिर सबसे प्रसिद्ध स्थान है जो तिरुपति से सिर्फ 5 कि की दूरी पर स्थित है|इसी तिरुचनूर कस्बे में श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर स्थित है। तिरुचनूर को अलामेलु मंगापुरम भी कहा जाता है।अगर आप तिरुपति बालाजी मंदिर जा रहे हैं तो आप पद्मावती देवी मंदिर जरूर जाकर आए|यह मंदिर देवी पद्मावती को समर्पित है|जो भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की पत्नी हैं।तो आईए जानते हैं आप किस प्रकार Tiruchanur Padmavathi Temple Darshan Online booking कर सकते हैं
इस मंदिर की मुख्य मूर्ति देवी पद्मावती है, जिन्हें देवी अलमेउमंगा भी कहा जाता है। यह गर्भगृह 16वीं शताब्दी में प्रकट हुआ था। पुष्करणी श्री पद्मावती देवी का मंदिर तालाब है और तालाब, जिसे स्वर्ण कमल के फूल के रूप में भी जाना जाता है।इस मंदिर में देवी पद्मावती के लाल कमल के पौधे पर भगवान वेंकटेश्वर को दर्शन दिए थे मंदिर के अंदर हम भगवान की वकुला देवी के दर्शन कर सकते हैं| आप परिसर में स्थित ऊपर मंदिरों में श्री कृष्णस्वामी मंदिर, श्री सूर्यनारायण स्वामीवारी मंदिर और श्री सुंदर राजास्वामीवारी मंदिर भी देख सकते हैं।
Tiruchanur Padmavathi Temple Darshan Online booking
अगर आप वेंकटेश्वरा स्वामी के दर्शन के लिए आ रहे हैं आप साथ में पद्मावती मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं| क्योंकि तिरुपति बालाजी मंदिर से 5 कि साथ में ही Tiruchanur Padmavathi Temple Darshan कर सकते हैं| और हम आपको बताना चाहते हैं कि इस मंदिर में काफी भीड़ देखने को मिलती है इसीलिए अगर आप इस मंदिर के दर्शन के लिए सोच रहे हैं|
तो आप यहां आने से पहले Padmavathi Temple Darshan Ticket बुकिंग जरूर करवा ले अगर आपने Tiruchanur Padmavathi मंदिर के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग किया होगा तो आप आसानी से दर्शन कर सकेंगे| आपको लंबी लाइनों में इंतजार नहीं करना पड़ेगा|
श्री पद्मावती देवी मंदिर तिरुचनूर का इतिहास
पुराणों के अनुसार, पुंडरीक नामक एक ब्राह्मण जो धर्म के प्रति समर्पित था और शास्त्रों के अनुसार कर्तव्यों का पालन करता था, उसे पुत्र नहीं हो सकता था। बाद में उस ब्राह्मण के घर महादेव का जन्म हुआ। महादेव ने एक स्त्री से विवाह किया, और वह भटक गया और दूसरी स्त्री के पास चला गया। उसकी मृत्यु के बाद, वह तीर्थयात्रियों के साथ तिरुमाला की यात्रा पर निकल पड़ा। उसने पवित्र जल स्नान किया और पहाड़ियों पर चढ़ाई भी की।
स्वामी पुष्करिणी ने यह सुना और भगवान वराह स्वामी से आशीर्वाद मांगा। मित्रवर्मा के राजा आकाशराज और आकाशराज के घर महादेव के जन्म के बाद, बच्चों के लिए यज्ञ किया गया। और फिर दंपति ने हजार पंखुड़ियों वाले कमल के फूल पर बच्चे को पाया। बच्चे का नाम पद्मावती रखा गया और भगवान श्रीनिवास से विवाह किया गया।
एक अन्य कथा के अनुसार महर्षि भृगु भगवान विष्णु से मिलने वैकुंठ आए थे। जब महर्षि वहां पहुंचे तो भगवान सो रहे थे, जिससे क्रोधित होकर महर्षि ने भगवान की छाती पर लात मार दी। भगवान विष्णु ने क्रोधित होने के बजाय ऋषि को प्रणाम किया। यह देखकर देवी लक्ष्मी क्रोधित हो गईं और भूलोक चली गईं तथा स्वर्ण कमल पर पद्मावती के रूप में प्रकट हुईं।
Padmavathi Temple Darshan Timings
मंदिर प्रतिदिन प्रातः 5:00 बजे खुलता है और रात्रि 9:00 बजे बंद हो जाता है ।
श्री पद्मावती मंदिर दर्शन और सेवा समय
यहां पद्मावती मंदिर में सेवा और दर्शन के समय तथा दिन के दौरान किए जाने वाले विभिन्न अनुष्ठानों के लिए प्रवेश शुल्क की सूची दी गई है।
दिन | सेवा के प्रकार | दर्शन एवं सेवा का समय | मूल्य रुपये/व्यक्ति |
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सोमवार से रविवार | सुप्रभातम सेवा | सुबह 5 बजे | रु.25/- |
सोमवार से रविवार | सहस्र नामर्चना | 5:30 प्रातः | रु.25/- |
सोमवार से रविवार | पद्मावती परिणयम (कल्याणोत्सवम) | सुबह 10:30:00 बजे | रु.500/- |
सोमवार से रविवार | उंजला सेवा | शुक्रवार को शाम 5 बजे से 6 बजे तक , शाम 6 बजे से 7 बजे तक | रु.116/- |
सोमवार से रविवार | कुम्कुमारचना | सुबह 10 बजे से 11 बजे तक दोपहर 3 बजे से 4 बजे तक शाम 7 बजे से 8 बजे तक | रु.200/- |
सोमवार से रविवार | एकांत सेवा | 9 बजे | रु.25/- |
सोमवार से रविवार | सर्वदर्शनम् | सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक | – |
सोमवार से रविवार | वेद आसीरवचनम् | सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक | रु.500/- |
सर्व दर्शन का समय
भक्त 3 स्लॉट में दर्शन कर सकते हैं. सर्व दर्शनम के लिए श्री पद्मावती मंदिर का समय नीचे दिया गया है।
सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 तक | दोपहर 1:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक | सायं 7:00 बजे से 8:45 बजे तक |
तिरुचनूर पद्मावती देवी मंदिर दिशा-निर्देश
- मंदिर के अधिकारी आगंतुकों को पारंपरिक पोशाक पहनने की सलाह देते हैं मंदिर परिसर के अंदर भी आपको समान जनक व्यवहार करना होगा|
- मंदिर परिसर के अंदर रहते हुए मर्यादा बनाए रखना महत्वपूर्ण है| सुनिश्चित करें कि ऊंची आवाज में बात ना करें यहां किसी भी तरह की बाधा ना डालें|
- मंदिर में धूम्रपान शराब और मांसाहारी भोजन करना स्वागत वर्जित है|
- मंदिर के सभी में प्रवेश करने के लिए पहले जूते चप्पल उतार दे इसमें गर्भ ग्रह और अन्य प्रार्थना का शामिल है|
- मंदिर के अधिकांश भागों में फोटोग्राफी भी प्रतिबंध है सिवाय उन स्थानों के जहां अधिकृत पुजारी या कार्यालय स्टाफ सदस्य द्वारा इसकी अनुमति दी गई हो।
Tiruchanur Padmavathi Temple Darshan Online booking
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