72 फीट ऊंचे शिवलिंग की होती है पूजा,जानिए क्यों अमरनाथ से भी कठिन यात्रा

Shrikhand Mahadev Yatra:श्रीखंड महादेव की यात्रा सबसे दुर्गम और कठिन यात्रा में से मानी जाती है| लेकिन फिर भी श्रद्धालु हर साल श्रीखंड महादेव के 72 फीट ऊंचे शिवलिंग की पूजा और अर्चना दर्शन के लिए श्रीखंड आते हैं|श्रीखंड महादेव भोलेनाथ के पांच पर्वतों में से एक पर्वत है| जिसका नाम श्रीखंड महादेव है| आज हम श्रीखंड महादेव की संपूर्ण जानकारी बताएंगे| हम आपको बताएंगे कि आप किस प्रकार महादेवी यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन, यात्रा का कुल खर्च, अन्य जानकारी उपलब्ध करवाएंगे|

हिमालय शिव शंकर का स्थान है| उनके सभी स्थानों पर पहुंचना बहुत ही कठिन होता है चाहे वह अमरनाथ हो केदारनाथ हो या कैलाश मानसरोवर इसी क्रम में एक और स्थान है इसे श्रीखंड महादेव के नाम से जाना जाता है अमरनाथ में जहां लोगों को 14000 फीट की चढ़ाई चढ़ने होती है तो श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए 18570 फीट की ऊंचाई पर जाना होता है|

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Shrikhand Mahadev Yatra 2024 Registration

विश्व की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा जहां यात्रियों को रोमांच से भर देती है|हिमाचल के कुल्लू में स्थित धार्मिक तीर्थ स्थल है यह दुनिया भर में प्रसिद्ध जो भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है|यह स्थान शिव भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है यह यात्रा श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध है यह यात्रा हर साल सावन के महीने में की जाती है तो आईए जानते हैं इस स्थान से जुड़ी दिलचस्प बातें जिन्हें जाकर आप हैरान हो जाएंगे|

श्रीखंड महादेव हिमाचल के शिमला के कुल्लू जिला में स्थित है| श्रीखंड महादेव की 18570 फीट की ऊंचाई पर श्रीखंड चोटी पर स्थित है| 35 किमी की जोखिम भरी यात्रा के बाद यहां पहुंचते हैं जहां पर स्थित शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 72 फिट है|श्रीखंड महादेव हिमाचल के शिमला के कुल्लू जिला में स्थित है|

श्रीखंड महादेव की 18570 फीट की ऊंचाई पर श्रीखंड चोटी पर स्थित है| 35 किमी की जोखिम भरी यात्रा के बाद यहां पहुंचते हैं जहां पर स्थित शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 72 फिट है| लेकिन जो भी इस चढ़ाई को पूरा करता है उसे श्रीखंड महादेव के दिव्या शिवलिंग के दर्शन प्राप्त होते हैं|

Shrikhand Mahadev Yatra
Shrikhand Mahadev Yatra

Shrikhand Mahadev Yatra 2024 start date and end date

श्रीखंड महादेव यात्रा हर साल सावन के महीने मैं शुरू होती है और सावन के महीना खत्म होने के बाद यात्रा बंद कर दी जाती है|उत्तर भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा इस बार 14 से 27 जुलाई तक चलेगी। इसके लिए गुरुवार से ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यात्रा के दौरान इस बार यात्रियों को शॉटकट से जाने पर प्रतिबंध रहेगा। उपायुक्त तोरुल एस रवीश की अध्यक्षता में यात्रा के सफल आयोजन को लेकर रूपरेखा तैयार की गई।

Shrikhand Mahadev Yatra 2024 New Updated

उपायुक्त ने अधिकारियों, यात्रा ट्रस्ट के सदस्यों और चायल, जुआगी के टेंट व्यापारियों के साथ श्रीखंड यात्रा को लेकर चर्चा की। बैठक में निर्णय लिया कि इस बार यात्रा 14 से 27 जुलाई तक चलेगी। प्रशासन यात्रा की तैयारियों में जुट गया है। यात्रा ट्रस्ट अध्यक्ष ने बताया कि इस बार यात्रा को पांच सेक्टरों में बांटा गया है। इसमें सिंहगाड, थाचड़ू, कुनशा, भीम ड्वार और यात्रा के अंतिम बेस कैंप पार्वती बाग में प्रशासन द्वारा बेस कैंप स्थापित किए जाएंगे। इसमें सेक्टर मजिस्ट्रेटों और उनके साथ पुलिस अधिकारी, इंचार्ज की नियुक्ति की जाएगी। इन बेस कैंपों में मेडिकल स्टाफ, राजस्व और रेस्क्यू टीम तैनात रहेगी। इस वर्ष यात्रा में पहली बार बचाव दल एसडीआरएफ की यूनिट को यात्रा के अंतिम बेस कैंप पार्वती बाग में तैनात किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए श्रीखंड यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है, इसमें ऑनलाइन पंजीकरण के लिए वीरवार से पोर्टल खोल दिया जाएगा। पार्बतीबाग से ऊपर जो शॉट कट रास्ते बीते वर्ष श्रद्धालुओं द्वारा बनाए गए थे, उन्हें इस बार सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया जाएगा। इसके अलावा अधिकारियों को रास्तों को दुरुस्त करने के निर्देश दिये गए हैं।

क्यों है अमरनाथ से भी कठिन चढ़ाई

आप सोच रहे होंगे कि महज 35 कि की चढ़ाई को अमरनाथ से भी ज्यादा खतरनाक क्यों माना जाता है दरअसल इस यात्रा के दौरान ना तो कोई घोड़ा ना खच्चर ना ही पालकी जाती है अमरनाथ की चढ़ाई 14000 फीट की होती है लेकिन श्रीखंड महादेव की चढ़ाई 18000 फीट से भी ज्यादा होती है| और यह चढ़ाई बर्फीले मार्ग तरफ गहरी खाई मिलती है| फिसल जाने का डर रहता है और इस यात्रा को पार करने के लिए कई ग्लेशियर पर करने होते हैं| इसीलिए यात्रा को अमरनाथ से भी ज्यादा कठिन माना गया है|

जानिए श्रीखंड महादेव का इतिहास

पुराणिक मान्यता के अनुसार भस्मासुर एक राक्षस ने भगवान शिव की तपस्या की और उनसे वरदान मांगा कि वह जिस पर भी अपने हाथ रख दे वह तुरंत भस्म हो जाए|महादेव ठहरे भोलेनाथ उन्होंने भस्मासुर को यह वरदान बस फिर क्या था भस्मासुर महादेव को ही भस्म करने के लिए उनके पीछे पड़ गया कहा जाता है कि उसे समय महादेव इसी स्थान पर श्रीखंड महादेव पर्वत श्रृंखला की एक गुफा में छुप गए थे|

तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धरा और उन्होंने भस्मासुर के साथ नृत्य करते हुए उसे अपने ही सिर पर हाथ रखने के लिए विवश कर दिया इसके बाद भस्मासुर जलकर राख हो गया|मान्यता है कि इसी कारण आज भी यहां की मिट्टी और अपनी दूर से ही लाल दिखाई देते हैं तब कहीं जाकर महादेव उसे गुफा से बाहर निकले कुल्लू के लोगों का मानना है कि महादेव आज भी श्रीखंड महादेव के रूप में यहां निवास करते हैं|

कैसे पहुंचे श्रीखंड महादेव

श्रीखंड महादेव कुल्लू जिले के निरमंड में स्थित है|यहां तक पहुंचाने के लिए शिमला के रामपुर से कुल्लू निरमंड आना होता है|वहां से बागीपुल और जाओं तक कार या बस से जा सकते हैं। इसके बाद आगे का 35 किमी रास्ता पैदल तय करके ही श्रीखंड महादेव के दर्शन मिलते हैं। रास्ते में यात्रियों के लिए 3 पड़ाव बनाए जाते हैं : सिंहगाड़, थाचडू और भीम डवार।

श्रीखंड महादेव के पैदल मार्ग पर कई मंदिर भी पड़ते हैं, जिसमें जाओं में माता पार्वती का मंदिर, परशुराम मंदिर, दक्षिणेश्वर महादेव का मंदिर, बकासुर वध स्थल, ढंक द्वार आदि कई पवित्र स्थान पड़ते हैं।

श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए जरूरी निर्देश

  • यात्री अपना पंजीकरण अवश्य करायें।
  • चिकित्सा प्रमाण पत्र अपने साथ लेकर आयें तथा बेस कैम्प सिंहगाड़ में स्वास्थ्य जांच अवश्य करायें। पूर्णतया स्वस्थ होने पर ही यात्रा करें।
  • अकेले यात्रा न करें केवल साथियों के साथ ही यात्रा करें|
  • चढ़ाई धीरे धीरे चढ़े सांस फूलने पर वहीं रुक जाए| छाता बरसाती गर्म कपड़े गम जूते टॉर्च एवं लाठी अपने साथ अवश्य लाएं|
  • प्रशासन द्वारा निर्धारित रास्तों का प्रयोग करें|
  • किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या हेतु निकटतम कैंप में संपर्क करें|
  • सफाई का विशेष ध्यान रखें| दुर्लभ जड़ी बूटियां एवं अन्य पौधों के संरक्षण में सहयोग करें|
  • इस यात्रा को पिकनिक अथवा मौज मस्ती के रूप में ना ले केवल भक्ति भाव एवं आस्था से ही तीर्थ यात्रा करें|

श्रीखंड महादेव यात्रा में क्या ना करें

  • सुबह 6 बजे से पहले और शाम 6 बजे के बाद बेस कैम्प सिंहगाड़ से यात्रा न करें।
  • बिना पंजीकरण एवं  चिकित्सकीये रूप से फिट न होने पर यात्रा न करें।
  • अपने साथियों का साथ ना छोड़े जबरदस्ती चढ़ाई ना चढ़े फिसलने वाले जूते ना पहने यह घातक हो सकता है|
  • किसी भी प्रकार के शॉर्टकट का प्रयोग ना करें|
  • खाली प्लास्टिक की बोतल एवं रैपर इत्यादि खुले में फ्रैंकी बल्कि अपने साथ वापस लाकर कूड़ेदान में डालें|
  • किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन न करें यह एक धार्मिक यात्रा है इसकी पवित्रता क्या ध्यान रखें|
  • श्रीखंड महादेव की पवित्र चट्टान पर किसी भी प्रकार का चढ़ावा अन्य त्रिशूल इत्यादि आने के लिए ना ले जाएं|

श्रीखंड यात्रा में अपना गाइड करने के लिए संपर्क करें-8351019919

Shrikhand Kailash Yatra Registration

  • श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए Shrikhand Mahadev Yatra official website आधिकारिक वेबसाइट (shrikhandyatra.hp.gov.in 2024) पर क्लिक करें|
  • आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद आपको श्रीखंड महादेव पंजीकरण का लिंक दिखाई देगा|
  • उसे लिंक पर क्लिक करिए उसके बाद अपना नाम, मोबाइल नंबर, अपने घर का एड्रेस ,ईमेल आईडी, अन्य जानकारी का विवरण भी भरिए|
  • उसके बाद रजिस्टर बटन पर क्लिक कर दीजिए|
  • इस प्रकार आप श्रीखंड महादेव कैलाश पर्वत यात्रा के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं|

श्रीखंड महादेव क्यों प्रसिद्ध है?

श्रीखंड महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित धार्मिक तीर्थ स्थल है। यह दुनिया भर में प्रसिद्घ जो भगवान शिव और पार्वती को समर्पित हैं। यह स्थान शिव भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह यात्रा श्री खंड महादेव कैलाश यात्रा के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

श्रीखंड महादेव ट्रेक कब तक है?

यह यात्रा दिनांक 07 जुलाई, से 20 जुलाई, तक होगी। 2. यात्रा न करने की सूरत में तथा बेस कैम्प सिंहगड में मेडिकल चैकअप में अस्वस्थ पाए जाने पर पंजीकरण शुल्क वापिस नहीं होगा।

श्रीखंड महादेव कैसे जाए?

श्रीखंड महादेव पहुंचने के कई तरीके हैं। शिमला के रामपुर से कुल्लू के निरमंड होकर बागीपुल व जाओं तक कार व बस से जा सकते हैं। इसके बाद, 35 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर श्रीखंड महादेव के दर्शन किए जा सकते हैं

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