Kashi Vishwanath Darshan Online Ticket:इस धाम में स्वयं वास करते हैं महादेव

kashi vishwanath temple online booking:काशी विश्वनाथ मंदिर काशी जी से अब वाराणसी कहा जाता है|इस धाम में स्वयं वास करते हैं महादेव इस पवित्र स्थान को हिंदू मंदिरों में से एक प्रसिद्ध मंदिर माना गया है| हम जानते हैं काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास रोचक तथ्य kashi vishwanath temple special darshan tickets संपूर्ण जानकारी|

काशी विश्वनाथ का मंदिर काफी प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर में से एक है| यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है| यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक यह शिवा के सबसे पवित्र मंदिर में से एक है| मंदिर के प्रमुख देवता श्री विश्वनाथ है जिनके अर्थ है ब्रह्मांड के भगवान ऐसी मान्यता है कि अगर भक्त एक बार इस मंदिर के दर्शन और पवित्र गंगा में स्नान कर ले तो मोक्ष की प्राप्ति होती है|

Kashi Vishwanath Darshan Online Ticket

काशी की बात हो तो और काशी विश्वनाथ की बात ना हो ऐसे कैसा हो सकता है|भगवान शिव का यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में गंगा नदी के किनारे पर स्थित है| काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है|इस मंदिर को विश्वेश्वर नाम से भी जाना है इस शब्द का अर्थ होता है ‘ब्रह्माड का शासक

ज्योतिर्लिंग निर्गुण या निराकार सर्वोच्च वास्तविकता का प्रतिनिधित्व है|ज्योतिर्लिंग वह रूप है जहाँ शिव, प्रकाश के एक उग्र स्तंभ के रूप में प्रकट हुए|ज्योतिर्लिंग मंदिर कहां स्थित है जहां प्रकाश के एक उग्र स्तंभ रूप में प्रकट हुए थे| शिव के 12 ज्योतिर्लिंग स्थलों में से प्रत्येक शिव की विभिन्न अभिव्यक्तियों के लिए समर्पित है|

आप काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग में आने का सोच रहे हैं तो हम आपको बताना चाहते हैं कि आप यहां आने से पहले Kashi Vishwanath Temple special Darshan tickets बुकिंग करवा ले|अगर आपने Kashi Vishwanath Darshan Online ticket Booking कार्रवाई होगी तो आप आसानी से दर्शन कर सकेंगे| क्योंकि मंदिर में दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु लाइनों में लगे होते हैं|Kashi Vishwanath Temple VIP ticket के द्वारा दर्शन करने में दिक्कत नहीं आएगी|

काशी विश्वनाथ का मंदिर
काशी विश्वनाथ का मंदिर

ज्योतिर्लिंग क्या है?

ज्योतिर्लिंग निर्गुण या निराकार सर्वोच्च वास्तविकता का प्रतिनिधित्व है. ज्योतिर्लिंग वह रूप है जहाँ शिव, प्रकाश के एक उग्र स्तंभ के रूप में प्रकट हुए ज्योतिर्लिंग मंदिर वहां स्थित हैं जहां शिव प्रकाश के एक उग्र स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे. शिव के 12 ज्योतिर्लिंग स्थलों में से प्रत्येक शिव की विभिन्न अभिव्यक्तियों के लिए समर्पित है|

काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास

काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास काफी पुराना है|1669 में  औरंगजेब ने एक फरमान जारी किया|इसके बाद उसने काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करके मस्जिद का निर्माण करने का आदेश दिया|वहीं कुछ इतिहासकारों के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद को 14वीं सदी में जौनपुर के शर्की सुल्तानों ने विश्वनाथ मंदिर को तुड़वाकर बनवाया था. लेकिन कई इतिहासकर इस बात से इनकार करते हैं|

काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से शिव दर्शन का केंद्र रहा है|इस समय समय पर कई मुस्लिम शासको द्वारा ध्वस्त किया गया|मंदिर की वर्तमान संरचना महारानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा वर्ष 1780 में कार्रवाई| सका प्रबंधन 1983 से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है|

हिंदू के पवित्र ग्रंथ शिव पुराण में ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख है| ये भगवान शिव की संरचनात्मक अभिव्यक्तियाँ हैं और इनकी काफी मान्यता है| यह मणिकर्णिका घाट पर स्थित है|इस शक्ति पीठ भी माना जाता है पीठ की उत्पत्ति का उल्लेख यग (Daksha Yaga) में मिलता है| काशी विश्वनाथ मंदिर में एक मुहर या भगवान अविमुक्तेश्वर 9-10 शताब्दी ईसा पूर्व की है जो राजघाट की खुदाई में खोजी गई थी| मंदिर का उल्लेख boom of Xuanzang में भी मिलता है जो 635 ई में बनारस आए थे.|इसका उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है|

काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन का समय

यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के खुलने और बंद होने का समय है। मंदिर रविवार सहित सभी दिन खुला रहता है।

आयोजनसमय
मंदिर खुलने का समय02:30 पूर्वाह्न
मंगला आरती (टिकट वाले भक्त शामिल हो सकते हैं)प्रातः 3:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक
दर्शन का समय (सामान्य दर्शन)प्रातः 4:00 बजे से प्रातः 11:00 बजे तक
मध्याह्न भोग आरतीप्रातः 11:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
दर्शन खुलेदोपहर 12:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक
सप्त ऋषि आरतीशाम 7:00 बजे से रात 8:30 बजे तक
दर्शन खुलेरात 9:00 बजे तक
शृंगार/भोग आरतीरात्रि 9:00 बजे से रात्रि 10:15 बजे तक
शयन आरतीरात 10:30:00 बजे
मंदिर बंद होने का समयशाम के 11:00

Kashi Vishwanath Temple Pooja Price list

यहां, कीमतों के साथ निम्नलिखित विजिटिंग घंटों के दौरान की जाने वाली विशेष आरती की सूची दी गई है।

क्रमांकआरतीसमयकीमत
1सुगम दर्शनप्रातः 6:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक300
2मंगला आरती (सामान्य दिन)प्रातः 3:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक350
3मंगला आरती (श्रावण सोमवार)प्रातः 3:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक1200
4मंगला आरती (श्रावण मास सोमवार को छोड़कर)प्रातः 3:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक600
5मंगला आरती (महाशिवरात्रि)प्रातः 3:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक1800
6भोग आरतीसुबह 11:15 बजे से दोपहर 12:20 बजे तक180
7सप्तऋषि आरतीप्रातः 7:00 बजे से रात्रि 8:15 बजे तक180
8रात्रि शृंगार/भोग आरतीरात्रि 9:00 बजे से रात्रि 10:15 बजे तक180

काशी विश्वनाथ मंदिर ज्योतिर्लिंग की कथा

शिव पुराण में ज्योतिर्लिंग की कहानी का उल्लेख है इस कथा के अनुसार एक बार दो ब्रह्मा और विष्णु की बीच लड़ाई हुई| उनकी इस बात के लिए लड़ाई हुई थी|  त्रिदेव शिव ने प्रकाश के एक विशाल अंतहीन स्तंभ के रूप में तीनों लोकों को छेद दिया| ज्योतिर्लिंग शिव के प्रतीक है जो पूरे आर्यावर्त में फैले हैं| ब्रह्मा विष्णु को इस प्रकाश का अंत खोजना था|

ब्रह्मा और विष्णु ने विपरीत दिशा में भाग लिया|ब्रह्मा ने ऊपर की ओर विष्णु जी ने नीचे की ओर अपनी यात्रा शुरू की ब्रह्मा जी ने झूठ बोला किअंत मिल गया|जबकि विष्णु ने ईमानदारी से अपनी हार स्वीकार कर ली|

शिव भगवान ब्रह्मा जी के झूठ बोलने से नाराज हो गए| उसके बाद भगवान शिव ने भैरव रूप धारण किया|और ब्रह्मा के पांचवें सर को काट दिया और उन्हें श्राप दिया कि समझ में उनका कोई स्थान नहीं होगा|जबकि विष्णु को अंत काल तक पूजा की आशीर्वाद दिया|

Kashi Vishwanath Rudrabhishek Online Booking

  • Kashi Vishwanath Temple Online Booking के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा|
  • उसके बाद आपको आरती ,रुद्राभिषेक,सुगम दर्शन,महादेव पूजा, लिंक दिखाई देंगे|
  • उसके बाद सुगम दर्शन दर्शन पर क्लिक करें|
  • अब आपको Book NOW पर क्लिक करना होगा| न्यू यूजर पर क्लिक करें|
  • अब अपना नाम मोबाइल नंबर ईमेल आईडी डालकर साइन अप पर क्लिक करें|
  • इस प्रकार आप अकाउंट में साइन अप हो जाएंगे|
  • अपना ईमेल और पासवर्ड डालिए|
  • उसके बाद अन्य जानकारी नाम पता आईडी प्रूफ भरिए|
  • उसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें|
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