Banke Bihari Darshan online Booking:तीर्थ नगरी मथुरा के वृंदावन में बांके बिहारी के मंदिर में भारत से ही नहीं बल्कि दुनिया भर से भगत दर्शन के लिए आते हैं| मथुरा में स्थित बांके बिहारी में दर्शन करने के लिए दिन रात भक्तों की भीड़ लगी रहती है| लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने Banke Bihari Darshan online Booking शुरुआत की है|
वृन्दावन में बांके बिहारीजी मंदिर भारत में बांके बिहारी जी मंदिर भारत में सबसे उल्लेखनीय मंदिरों में से एक है| यह उसे स्थान पर बनाया गया है जहां भगवान श्री कृष्णा वृंदावन की गोपियों के साथ रासलीला किया करते थे| बेस्ट था है जहां भगवान एक भक्त को आशीर्वाद देने के लिए प्रकट हुए थे और जहां उनकी ऊर्जा को महसूस किया जा सकता है|वृंदावन भक्तों की गहरी आस्था है| हर कोई वृंदावन में बांके बिहारी जी के दर्शन करना चाहता है भक्तों का मानना है जो भी व्यक्ति यहां पर बांके बिहारी के दर्शन और पूजा करता है उसका जीवन सफल हो जाता है|
Banke Bihari Darshan online Booking
लोगों की ऐसी मान्यता है जो भी बांके बिहारी मंदिर जाता है बांके बिहारी जी उसकी मनोकामना को पूरा करते हैं| जानिए बांके नाम कैसे पड़ा|बांके का अर्थ होता है तीन कोणों पर मुड़ा हु जो वास्तव में बांसुरी बजाते हुए भगवान श्री कृष्ण की ही एक मुद्रा हैआ|बांसुरी बजाते समय भगवान कृष्ण का दाहिना घुटना बाएं घुटने के पास मुंडा रहता है| तो सीधा हाथ बांसुरी को थामने के लिए मुड़ा रहता था. इसी तरह उनका सिर भी इसी दौरान एक तरफ हल्का सा झुका रहता था|
अगर आप वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में आने की सोच रहे हैं तो हम आपको बताना चाहेंगे कि Banke Bihari VIP darshan online booking करवा ले| क्योंकि बिहार के मंदिर में दिन रात भीड़ होती है अगर आपने Banke Bihari Darshan online Booking कार्रवाई होगी तो आपके लिए आसान रहेगा|क्योंकि वृंदावन में दर्शन ऑनलाइन टिकट बुकिंग से लंबी लाइनों में लगा नहीं पड़ेगा|
बांके बिहारी मंदिर वृन्दावन का समय
दिन | समय |
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सोमवार | प्रातः 7:45 – दोपहर 12:00 | 5:30 अपराह्न – 9:30 अपराह्न (ग्रीष्मकालीन) प्रातः 8:45 – दोपहर 1:00 | 4:30 अपराह्न – 8:30 अपराह्न (शीतकालीन) |
मंगलवार | प्रातः 7:45 – दोपहर 12:00 | 5:30 अपराह्न – 9:30 अपराह्न (ग्रीष्मकालीन) प्रातः 8:45 – दोपहर 1:00 | 4:30 अपराह्न – 8:30 अपराह्न (शीतकालीन) |
बुधवार | प्रातः 7:45 – दोपहर 12:00 | 5:30 अपराह्न – 9:30 अपराह्न (ग्रीष्मकालीन) प्रातः 8:45 – दोपहर 1:00 | 4:30 अपराह्न – 8:30 अपराह्न (शीतकालीन) |
गुरुवार | प्रातः 7:45 – दोपहर 12:00 | 5:30 अपराह्न – 9:30 अपराह्न (ग्रीष्मकालीन) प्रातः 8:45 – दोपहर 1:00 | 4:30 अपराह्न – 8:30 अपराह्न (शीतकालीन) |
शुक्रवार | प्रातः 7:45 – दोपहर 12:00 | 5:30 अपराह्न – 9:30 अपराह्न (ग्रीष्मकालीन) प्रातः 8:45 – दोपहर 1:00 | 4:30 अपराह्न – 8:30 अपराह्न (शीतकालीन) |
शनिवार | प्रातः 7:45 – दोपहर 12:00 | 5:30 अपराह्न – 9:30 अपराह्न (ग्रीष्मकालीन) प्रातः 8:45 – दोपहर 1:00 | 4:30 अपराह्न – 8:30 अपराह्न (शीतकालीन) |
रविवार | प्रातः 7:45 – दोपहर 12:00 | 5:30 अपराह्न – 9:30 अपराह्न (ग्रीष्मकालीन) प्रातः 8:45 – दोपहर 1:00 | 4:30 अपराह्न – 8:30 अपराह्न (शीतकालीन) |
बांके बिहारी मंदिर वृन्दावन दर्शन एवं आरती का समय
आरती | ग्रीष्म ऋतु (होली के बाद) | सर्दी (दिवाली के बाद) |
दर्शन का समय प्रातःकाल | प्रातः 07:45 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक | प्रातः 08:45 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक |
श्रृंगार आरती | प्रातः 08:00 बजे | प्रातः 09:00 बजे |
राजभोग | प्रातः 11:00 बजे से प्रातः 11:30 बजे तक | दोपहर 12:00 बजे से 12:30 बजे तक |
राजभोग और समापन | दोपहर 12 बजे | दोपहर 01:00 बजे |
दर्शन का समय शाम को | सायं 05:30 बजे से रात्रि 09:30 बजे तक | सायं 04:30 बजे से रात्रि 08:30 बजे तक |
शयन भोग | रात्रि 08:30 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक | सायं 07:30 बजे से 8:00 बजे तक |
शयन आरती एवं समापन | रात्रि 09:30 बजे | रात्रि 08:30 बजे |
बांके बिहारी मंदिर का इतिहास
बांके बिहारी मंदिर का निर्माण 1860 में हुआ था इस मंदिर राजस्थानी वास्तु कला का एक नमूना है इस मंदिर के मेहरबान का मुख्य तीन मंजिला इमारत को अनोखी आकृति प्रदान करता है|स्वामी हरिदास जी भगवान कृष्ण के बहुत बड़े भक्त थे|और उनका संबंध निम्बर्क पंथ से था| इस मंदिर का 1921 में स्वामी हरिदास जी के अनुयायियों के द्वारा पुनर्निर्माण कराया गया था|
वृंदावन में स्थापित बिहारी जी की काले रंग की प्रतिमा है| मान्यता है कि इस प्रतिमा में साक्षात भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी समय हुए हैं इस मूर्ति के दर्शन से राधा और कृष्णा दोनों के दर्शन करने का फल मिलता है| हर साल अक्षय तृतीया यानी मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि को बांके बिहारी में बांके बिहारी प्रकटोत्सव मनाया जाता है| साल में केवल इसी दिन बांके बिहारी के चरणों के दर्शन होते हैं इसी दिन भगवान के चरणों के दर्शन करना बहुत शुभ होता है|
Banke Bihari VIP darshan price
श्री बांके बिहारी जी मंदिर के दर्शन के लिए आपको प्रवेश शुल्क नहीं देना पड़ता मंदिर के कपाट सप्ताह के हर दिन खुले रहते हैं|अगर आप बांके बिहारी मंदिर में VIP दर्शन चाहते हैं तो प्रति व्यक्ति 100 रुपए देने पड़ेंगे|
Banke Bihari Darshan online Booking
- Banke Bihari VIP darshan online booking के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा|
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के बाद रजिस्टर का दर्शन का लिंक दिखाई देगा|उस लिंक पर जाएं
- उस लिंक पर जाने के बाद अपना नाम मोबाइल नंबर अब अपनी दर्ज करवाइए|
- अब अपनी भाषा हिंदी या इंग्लिश चुनिए|
- उसके बाद कंटिन्यू की रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें|
- इस प्रकार आप बैठे ऑनलाइन बांके बिहारी दर्शन ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं|
बांके बिहारी मंदिर में ऐसा क्या खास है?
मंदिर में भगवान कृष्ण का ही एक रूप स्थित है। भक्तों का मानना है कि मंदिर में स्थित भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।
बांके बिहारी के दर्शन कितने बजे तक होते हैं?
अब मंदिर के पट सुबह 8.45 बजे खुलेंगे, जबकि अब तक सुबह 7.45 बजे खुलते थे और दोपहर 12 बजे के बजाय अब एक बजे तक आराध्य दर्शन देंगे। इसी तरह शाम को भी एक घंटे जल्दी 4.30 बजे दर्शन खुलेंगे, जबकि पहले 5.30 बजे खुलते थे, शाम को 8.30 बजे पट बंद होंगे, अब तक 9.30 बजे तक दर्शन होते थे।
वृंदावन में किस महीने में भीड़ नहीं होती है?
वृन्दावन में ऑफ-सीज़न जुलाई और सितंबर के बीच आता है, जो मानसून के मौसम के साथ मेल खाता है। इन महीनों के दौरान, शहर में मध्यम से भारी वर्षा होती है, जिससे परिदृश्य हरे-भरे स्वर्ग में बदल जाता है।