Hanuman Garhi Ayodhya Darshan:अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु पहले हनुमानगढ़ी पहुंचकर हनुमान जी के दर्शन करते हैं| हनुमान जी को अयोध्या का कोतवाल भी कहा जाता है हनुमान जी के दर्शन करने से सब मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं| कहा जाता है कि अगर आप अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जा रहे हैं हनुमानगढ़ी के दर्शन ना करें तो आपकी हाजिरी पूरी नहीं होती|
प्रभु की नगरी में प्राचीन स्थान है लाखो लोगों की आस्था जुड़ी है| मलला के प्रवेश द्वारा पर प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी जहां राजा के रूप में अंजनी पुत्र हनुमान विराजमान है|पूरी अयोध्या की रक्षा करते हैं|जिसकी सुरक्षा का जन्म भगवान राम ने नेपवन पुत्र बजरंगबली को दिया था|शायद यही वजह है अयोध्या पर कभी भी कोई भी विकट स्थिति आती है नाकाम हो जाती है|कहा जाता है कि जब प्रभु राम जी जब गुप्त हो गए तो श्री राम ने उन्हें अयोध्या की जिम्मेदारी हनुमान जी को सौंप थी|
Hanuman Garhi Ayodhya Darshan
इस हनुमानगढ़ अयोध्या का सुरक्षा द्वारा भी कहा जाता है|कहते हैं जब लंका विजय करके श्री राम अयोध्या आए थे तो यही स्थान पर हनुमान जी को रहने के लिए दिया गया था|इसी के समीप समीप जामवंत किला, सुग्रीव किला और राम लला का भव्य महल था|लंका युद्ध के बाद वहां से विजय के प्रतीक के रूप में ले गए निशान इसी हनुमानगढ़ी में रखे गए है|आज भी खास मोका पर इन्हें बाहर निकाला जाता है और उनकी पूजा अर्चना की जाती है अयोध्या आने वाले हर किसी को हनुमान जी की आराधना पहले करनी होती है|
आपने दुनिया के किसी भी मंदिर में देखा होगा कि हनुमान जी भगवान राम के चरणों में विराजमान है| लेकिन सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी मैं हनुमान जी राजा के रूप में विराजमान होने के साथ राम दरबार के के पीछे हैं| मान्यता है कि हनुमानगढ़ी हनुमान जी का राज तिलक किया गया था माता सीता ने हनुमान जी को अपना मानस पुत्र माना था इसके नाते हनुमान जी को अयोध्या का राजा कहा जाता है| हनुमानगढ़ के मंत्र राजू दास बताते हैं कि भगवान श्री राम ने हमेशा मर्यादा का पालन किया है|
कहते हैं न जहां राम वहां हनुमान और जहां हनुमान वहां राम। ऐसी ही प्रभु श्रीराम की पावन जन्मस्थली अयोध्या। अयोध्या में बजरंगबली का विश्व विख्यात मंदिर हनुमानगढ़ी स्थित है। हनुमानजी को अयोध्या का रक्षक माना जाता है और कहते हैं कि हनुमानजी की आज्ञा के लिए बिना कोई प्रभु श्रीराम के दर्शन नहीं कर सकता। मंगलवार के शुभ अवसर पर सुबह-सुबह अगर सीधे हनुमानगढ़ी से मंगला आरती के दर्शन हो जाएं तो इससे बेहतर दिन की क्या शुरुआत हो सकती है।
जानिए कब कब होती है हनुमानगढ़ी में बजरंगबली की आरती
- सुबह की आरती सुबह 4:00 से 5:00 के बीच होती है|
- दोपहर की आरती 12 12:00 से 1:00 के बीच होती है|
- शाम की आरती रात्रि 9:00 होती है|
- साथ ही रात्रि 11:00 से 12:00 के बीच में बजरंगबली की सैन आरती होती है|
आरती/पूजा प्रकार | समय | दिन |
सुबह की पूजा और आरती | प्रातः 4:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | सोम-रवि |
शाम की पूजा और आरती | अपराह्न 3:30 – रात्रि 9:00 बजे | सोम-रवि |
हनुमानगढ़ी अयोध्या का इतिहास
18वीं शताब्दी के प्रारंभिक काल में नवाब पुत्र की असाध्य बीमारी से क्लांत कातर हो यहां विराजमान बजरंगबली के अर्चक बाबा अभयरामदास के आशीर्वाद से यदि नवाब के पुत्र को असाध्य बीमारी से मुक्ति मिली तो बदले में नवाब ने हनुमान जी का भव्य मंदिर निर्मित कराया और हनुमान जी के लिए 52 बीघा का परिसर दान कर दिया।
हनुमानगढ़ी का इतिहास सदियों पुराना है चेहरे पर ऊंची टीले पर स्थित इसी स्थान पर लंका विजय के बाद हनुमान जी की एक गुफा मैं हनुमान जी रहने का स्थान था| यहीं से अयोध्या की रक्षा हनुमान जी करते हैं|इसको सबसे पहले हनुमानगढ़ यानी हनुमान जी का घर कहा जाता था| कहते हैं कि सन 1933 में राजा विक्रमादित्य नया अयोध्या के मंदिरों का जीर्णोद्धार किया था|
कहा जाता है कि 1739 से 1754 के बीच नवाब शुजाउद्दौला के पुत्र को हनुमान जी के तत्कालीन पुजारी अभय रामदास ने चमत्कारी ढंग से ठीक कर दिया था इसके बाद शुजाउद्दौला मैं 52 बीघा जमीन हनुमान मंदिर निर्माण के लिए दी थी|आज भी अयोध्या में वह ताम्रपत्र मौजूद है जिस पर यह जमीन दान स्वरूप और लगान मुक्त के रूप में अंकित है|
Hanuman Garhi Ayodhya timings
सुबह 4:00 दर्शन के लिए मंदिर और शाम 10:00 तक दर्शन कर सकेंगे|
मंदिर अनुष्ठान | समय | दिन |
मंदिर खुलता है | प्रातः 5 बजे | सोम-रवि |
प्रातः दर्शन का समय | प्रातः 4:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक | सोम-रवि |
सायंकाल दर्शन का समय | अपराह्न 3:30 – रात्रि 9:00 बजे | सोम-रवि |
मंदिर बंद है | रात्रि 11 बजे | सोम-रवि |
Hanuman Garhi Ayodhya Darshan Booking
हनुमानगढ़ी मंदिर के बारे में अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करें