शिरडी की कुछ बातों से आज भी अनजान होंगे आप, जानिए इनसे जुड़ी अनसुनी बातें

कुछ लोग मानते हैं कि उनका जन्म 27 सितंबर 1838 को तत्कालीन आंध्रप्रदेश के पथरी गांव में हुआ था और उनकी मृत्यु 28 सितंबर 1918 को शिर्डी में हुई

उनकी मृत्यु के तुरंत बाद लिखी गई जीवनी, श्री साईं सच्चरित्र के अनुसार, उनके हिंदू भक्त उन्हें हिंदू देवता दत्तात्रेय का अवतार मानते थे।

शिरडी के साईं बाबा के दर्शन के लिए VIP पास हासिल करने की सुविधाएं श्री साईं बाबा संस्थान की ओर से उपलब्ध करवाई गई हैं. जानिए उन सेवाओं को पाने की विधि क्या है

बाबा जब बुलाते हैं, भक्त तभी आते हैं. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु साईं बाबा के दर्शन के लिए हर रोज हजारों-लाखों की तादाद में शिरडी आते हैं. देश ही नहीं, विदेशों से भी लोग आते हैं

मान्यता है कि साईं बाबा अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते। कोई भी भक्त साईं के दरबार से खाली हाथ नहीं लौटता है, यहां सभी की मन्नतें पूरी होती हैं।

श्रद्धालु साईं संस्थान की ओर से उपलब्ध करवाए गए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शिरडी के साईं बाबा के दर्शन, आरती, पूजा और अन्य सेवाएं और सुविधाएं हासिल कर सकते हैं. 

मान्यता है कि साईं बाबा के  विश्व के अमीर मंदिरों में से एक है. साईं बाबा के इस मंदिर से कई बड़े चमत्काक जुड़े हुए हैं, जिसे सुनने के बाद हर कोई वहां खींचा चला आता है

मंदिर भक्तों के लिए सुबह 5:00 से रात 10:00 तक खुला रहता है| सुबह 5:15 बजे काकड़ आरती की जाती है| रोजाना दिन में 3 से 4 बार आरती की जाती है|

दर्शन बुकिंग के लिए आपको सबसे पहले श्री शिर्डी साईं ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा इसके बाद होम पेज पर अपनी ईमेल आईडी पासवर्ड और कैप्चा कोड से लॉगिन करें|

इसके बाद मीनू बार में दिए गए free दर्शन और paid दर्शन में से किसी का भी चुनाव करें|इसके बाद बुकिंग करने वाले का नाम आयु लिंग फोटो आईडी प्रूफ आईडी कार्ड नंबर और फोटो अपलोड करना होगा|

अगर आपने paid दर्शन चुना है तो पेमेंट बटन पर क्लिक करें और पेमेंट करें| इस प्रकार आप शिरडी ऑनलाइन बुकिंग करवा सकते हैं|