Meenkulathi bhagavathi amman temple online booking:केरल के पलक्कड़ जिले के पल्लसेना के शांत और सुंदर गांव में स्थित मीनकुलाथी भगवती अम्मन मंदिर राज्य के सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है यह देवी मीनाक्षी को समर्पित है शताब्दी में पुराना यह प्राचीन मंदिर भक्तों को विशेष रूप से प्रिय है, खासकर वीरशैव मन्नाडियार वंश के लोगों को। यह मंदिर सुबह जल्दी खुलता है और देर रात तक खुला रहता खुला रहता है ताकि आने जाने वाले लोगों आध्यात्मिक जरूरत को पूरा किया जा सके|तो आज लिए जानते हैं आप किस प्रकार Meenkulathi Bhagavathi Amman Temple Online booking कर सकते हैं|
मीनकुलथी भगवती मंदिर केरल के सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है|इसे भारत के केरल के पलक्कड़ जिले में स्थित पल्लसेना गांव में सबसे पुराने पूजा स्थलों में से एक माना जाता है। यह यहां का सबसे पुराना मंदिर है। मीन कुलथी का अर्थ है “वह जिसके पास मछली का तालाब है”। ऐसी मान्यता है कि सदियों पहले वीरशैव मन्नाडियार कबीले से संबंधित तीन परिवारों ने यहां देवी मीनाक्षी की अपने देवता के रूप में पूजा की थी।
Meenkulathi Bhagavathi Amman Temple Online booking
इस मंदिर की स्थापना तमिलनाडु के चिदंबरम में रहने वाले मन्नाडियार के परिवार ने की थी। ऐसा कहा जाता है कि इस परिवार ने एकबार व्यावसायिक कारोबार में सब कुछ खोने के बाद तमिलनाडु से केरल जाने का फैसला किया। केरल जाने से पहले उस परिवार ने अपने कुल देवी मदुरै की मीनाक्षी मंदिर जाकर उनके दर्शन किए और वहां से पूजा करने के लिए एक पत्थर लेकर गए। जब तक हो सका उस परिवार का मुखिया मीनाक्षी मंदिर जाकर दर्शन कर आता था।
लेकिन वृद्धावस्था में जाना मुश्किल हो गया तो वह अपना छत्र और दिव्य पत्थर तालाब के किनारे रख उसमें स्नान करने के लिए गया। मन ही मन अपने बुढ़ापे के कारण पछता रहा था कि वह फिर से मदुरै नहीं जा पाएगा और जब वह स्नान कर बाहर आया तो वहां से छत्र और पत्थर दोनों नहीं उठा सका। वे छत्र और पत्थर दोनों जमीन से जुड़े हुए थे और गांव वालों को लगा कि देवी ने अपना यहां स्थान ग्रहण कर लिया है। तब से उस जगह के प्रति गांव वालों की आस्था मजबूत होती चली गई।
कभी नहीं पड़ती मंदिर के दीवार की परछाई
ऐसा कहा जाता है कि केरल शैली में बनाए गए इस मंदिर के दीवार की परछाई कभी जमीन पर नहीं पड़ती। इस मंदिर में दो प्रवेश द्वार हैं, एक उत्तर और दूसरा पश्चिम में। मंदिर के पश्चिमी प्रवेश द्वार के बगल में एक तालाब है। भक्तों का विश्वास है कि इस तालाब में स्नान करने से सभी पुरानी बीमारियां दूर हो जाती हैं। इस तालाब में प्रचुर मात्रा में मछली देखने को मिलेंगे।
सागवान की लकड़ी से बना ध्वजस्तंभ भक्तों को पार करना पड़ता है, फिर गर्भगृह में मीनाक्षी अम्मा की एक बड़ी मूर्ति अपने मनमोहक छवि से सभी को आकर्षित करती प्रतीत होती है। भक्तों को गर्भगृह के आसपास घूमने की अनुमति नहीं है। मुख्य मूर्ति के चारों ओर, सप्त मठ है जिसमें ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, इंद्राणी, चामुंडी और वाराही देवियों की मूर्ति विराजमान है।
आठ दिवसीय मासी उत्सव में रामायण और कथकली के खास कार्यक्रम यहाँ आयोजित किए जाते हैं। नवरात्रि, कार्तिगई, मंडल विलक्कू, मासी थिरुविज़ा, पल्लीवेट्टाई और भैरव पूजा इस मंदिर में खासकर के बड़े उत्सव की तरह मनाए जाते हैं। इन उत्सवों के दौरान तलवार और दीप की शोभायात्रा निकाली जाती है।
Meenkulathi Bhagavathi Amman Temple timings
गतिविधि | समय |
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प्रातः दर्शन | सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक |
सायंकालीन दर्शन | शाम 5:00 बजे – शाम 8:00 बजे |
प्रातः पूजा | सुबह के 6 बजे |
दोपहर पूजा | दिन के 11 बजे |
सायंकालीन पूजा | शाम 7:00 बजे |
Meenkulathi Bhagavathi Amman Temple Ticket price
पूजा अर्पण | टिकट की कीमत (भारतीय रुपये) |
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अभिषेक | 500 |
अर्चना | 300 |
विशेष पूजा | 1000 |
कुमकुम अर्चना | 200 |
नवग्रह पूजा | 800 |
सत्यनारायण पूजा | 1200 |
होमा | 1500 |
रुद्र अभिषेकम | 2000 |
पल्लकी सेवा | 1500 |
अन्नदानम (पर्व) | 3000 |
मीनकुलथी भगवती अम्मन मंदिर पूजा प्रसाद अनुसूची
भक्तगण मीनाकुलाथी भगवती अम्मन मंदिर में विभिन्न प्रकार की पूजा करने और देवी मीनाक्षी का आशीर्वाद लेने आते हैं। मंदिर में पूरे सप्ताह में विशिष्ट समय पर अलग-अलग पूजाएँ की जाती हैं। यहाँ पल्लासना मंदिर में पूजा के समय का विस्तृत कार्यक्रम दिया गया है:
पूजा प्रकार | समय | दिन |
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प्रातः पूजा | 05:30 पूर्वाह्न से 11:30 पूर्वाह्न तक | रविवार, मंगलवार, शुक्रवार |
प्रातः पूजा | सुबह 05:30 से 10:30 तक | दूसरे दिन |
सायंकालीन पूजा | शाम 05:30 से 07:30 तक | सोमवार – रविवार |