लोग सालों से साईं बाबा की पूजा कर रहे हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि उनका असली नाम क्या था। कपड़े पहनने के तरीके के कारण उन्हें फकीर कहा जाता है।

आपको जानकर हैरत होगी कि शिरडी में साक्षरता दर देश में सबसे ज्यादा है। 2011 की जनगणना के अनुसार, शहर में औसत साक्षरता दर 70 प्रतिशत थी

शिरडी में साईं बाबा मंदिर का निर्माण 1922 में किया गया था। साईं बाबा के निधन के चार साल बाद यह मंदिर बनाया गया था।

मंदिर का नीजि स्वामित्व श्रीमंत गोपालराव के पास था, जो नागपुर के एक करोड़पति थे।

]मान्यता के अनुसार साईं बाबा का जन्म 28 सितम्बर 1835 को महाराष्ट्र के पथरी नामक गांव में हुआ था

साई बाबा शिरडी के केवल पांच परिवारों से रोज दिन में दो बार भिक्षा मांगते थे

साईं बाबा के माता-पिता और उनके असली नाम के बारें में किसी को नहीं पता

माना जाता है कि साईं बाबा की मृत्यु 15 अक्टूबर 1918 को शिरडी गांव में ही हुई थी

माना जाता है कि अगर 9 गुरुवार तक सांईं बाबा का व्रत लगातार किया जाए, तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है.

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