जहां छिपा है राजपूतों का अकूत खजाना, खोजने के लिए इंदिरा गांधी ने बुला ली थी सेना
जयगढ़ किले का निर्माण 1729 से 1732 ईसवी के मध्य में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के द्वारा किया गया था और उन्होंने लगभग 1744 इस्वी तक शासन किया।
राजस्थान की इतिहास और संस्कृत झलक को दिखाते हुए यह किला विजय किला के नाम से भी जाना जाता है
इस किले को सबसे मजबूत किला कहा जाता हैं। इस किले को कभी किसी बड़े हमले का सामना नहीं करना पड़ा। इस किले में विश्व की सबसे बड़ी तोप को रखा गया हैं।
इस तोप का वजन लगभग 50 टन तथा इसकी लंबाई 31 फुट हैं । इस तोप की मारकक्षमता करीब 35 किमी. हैं।
जयगढ़ किले की विशाल लाल दीवारें मूल रूप से बलुआ पत्थरों से बनी यह दीवारें 3 कि के क्षेत्र को कर करती हैं|
इस किले में मौजूद तोप के पीछे स्थित पानी की टंकी आज भी रहस्यमयी मानी जाती है। यह टंकी मैं बहुत बड़ी है
कई इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि इस किले में स्थित इस टैंक के नीचे एक कक्ष है, जहां महाराजा मान सिंह द्वारा अफगानिस्तान और भारत के अलग-अलग रियासतों से लूटे गए खजाने को छिपाया गया था।
प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने तलाशी अभियान शुरू करवाया। वो समय खजाना ढुंढवाने के लिए सही समझा।ये बहस अभी भी बनी हुई है कि क्या इंदिरा गांधी को खजाना मिला था या तलाशी अभियान व्यर्थ रहा था।
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