अगर देखना है शिमला को टॉय ट्रेन से करें सफर, 103 सुरंगों और 800 पुल से होकर गुजरती है रेलगाड़ी

शिमला की खूबसूरती का हर कोई कायल है. ऊंची-ऊंची पहाड़ियों के बीच बसा ये शहर हर किसी को अपना दीवाना बना देता है.

इस शहर में घूमने वाले हर पर्यटक का अनुभव किसी रोमांच से कम नहीं होता. इस सफर को और भी रोमांचकारी बनाती है शिमला से कालका रेल मार्ग पर चलने वाली टॉय ट्रेन

इस टॉय ट्रेन का कार्य 1896 में शुरू हुआ था और 1903 में टॉय ट्रेन सेवा शुरू की गई थी. बता दें कि टॉय ट्रेन का शुभारंभ उस वक्त के गवर्नर जनरल लॉर्ड कर्जन द्वारा किया गया था

वर्तमान समय में ये रेलखंड उत्तर रेलवे के अंतर्गत आता है और 96 किलोमीटर के इस सफर में 103 से अधिक सुरंगें और 800 के करीब पुल हैं.

कालका-शिमला रेलवे मार्ग 118 साल पुराना है। 9 नवंबर 1903 को कालका- शिमला रेल मार्ग की शुरूआत हुई थी।

लंबे इस रेलमार्ग पर 18 स्टेशन है। साल 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी।

कालका-शिमला रेल इसे यूनेस्को ने हेरिटेज का दर्जा UNESCO World Heritage site दिया हुआ है।

टॉय ट्रेन 22 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से देवदार, देवदार, फिकस, ओक और मेपल के जंगलों के बीच से गुजरती हुई लाइन के साथ चलती है।

काल्का स्टेशन से शिमला के बीच 96 किलोमीटर की दूरी के बीच 20 रेलवे स्टेशन, 103 सुरंग, 800 ब्रिज और 900 घुमावदार मोड़ हैं।

शिमला आने वाले यात्रियों के लिए, टॉय ट्रेन की सवारी एक आवश्यक अनुभव है जो हिल स्टेशन के औपनिवेशिक अतीत के सार को दर्शाता है

Kalka to shimla toy train booking online irctc today करने के लिए आईआरसीटीसी आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करिए|